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संगीत सोम के क्राइम रिकॉर्ड पर योगी की मधुर धुन,जल्द होंगे केस वापिस 

 

12 अगस्त 2018 : मुजफ्फरनगर के तत्कालीन जिलाधिकारी राजीव शर्मा ने भाजपा नेता संगीत सोम सहित कई नेताओ पर दर्ज मुकदमे वापिस लेने से स्पष्ट इंकार किया था। 

12 अगस्त 2019 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने भाजपा नेता और सरधना के विधायक संगीत सोम पर दर्ज मुक़दमे जल्द वापिस लेने के दिए संकेत। 

प्रदेश में अपराध और अपराधियों का खात्मा करने के साथ सत्ता में आयी योगी सरकार की भाजपा नेताओ पर मेहरबानी रुकने का नाम नहीं ले रही है। इसके चलते उत्तर प्रदेश में सरकार बनने के बाद से ही भाजपा नेताओं के अच्छे दिन आ गए हैं। राज्य में सरकार बनने के बाद भाजपा के तमाम नेताओं से मुकदमें वापस लिए जा चुके हैं। अब राज्य सरकार सरधना विधायक और भाजपा के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम से मुकदमें वापस लेने की तैयारी कर रही है।

 भाजपा सरकार लगभग ढाई साल में भाजपा के कई नेताओं और जनप्रतिनिधियों पर दर्ज तमाम ऐसे मुकदमे वापस ले चुकी है, जो बसपा और सपा सरकार के कार्यकाल में उनके खिलाफ दर्ज हुए थे।संगीत सोम पर वर्ष 2003 से 2017 के बीच मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मेरठ और गौतमबुद्धनगर में कुल 7 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान सहारनपुर और नोएडा में पंचायत करके धारा 144 का उल्लंघन तथा सरधना से कैराना के लिए पैदल मार्च निकालने पर दर्ज किया गया मुकदमा भी शामिल है।

इसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव राम बिलास सिंह ने जिलों से रिपोर्ट मांगी है। हालांकि इसे औपचारिकता मात्र कहा जा रहा है। पार्टी सूत्रों की माने तो संगीत सोम पर दर्ज मुक़दमे वापिस लेने की पूरी तैयारी हो चुकी है। गौरतलब है कि संगीत सोम के खिलाफ सहारनपुर के देवबंद, मुजफ्फरनगर के खतौली, कोतवाली, सिखेड़ा, मेरठ के सरधना तथा गौतमबुद्धनगर के थाना बिसाहड़ा में मामले दर्ज हैं। संबंधित थाने, एसएसपी, अभियोजन और जिला प्रशासन इसे तैयार करने में जुटे हैं। शासन ने सभी मामलों में अपराध की धाराएं, न्यायालय का नाम, वाद के तथ्य, वादी की चोटों का विवरण, विवेचना के दौरान बरामदगी, न्यायालय में मुकदमे की वर्तमान स्थिति, क्रास केस की स्थिति पूछी है।

यहां यह भी याद रखना जरुरी है की आज ही के दिन एक साल पहले वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर और शामली में हुए दंगे के 131 मुुकदमे वापस लेने की राज्य सरकार की प्रक्रिया को झटका लगा है। इस संबंध में शासन को भेजी रिपोर्ट में मुज्जफरनगर के तत्कालीन जिलाधिकारी  राजीव शर्मा ने प्रशासनिक स्तर पर वाद वापसी से इंकार कर दिया था।  रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि कोर्ट में विचाराधीन सभी मुकदमों की वापसी किया जाना संभव नहीं है।

 पांच फरवरी 2018 को खाप चौधरियों और भाजपा नेताओं ने सीएम योगी आदित्यनाथ से भेंट की थी। प्रतिनिधिमंडल ने सीएम को 131 मुकदमों की सूची सौंपी थी, जिनमें कहा गया था ये मुकदमे संगीत सोम सहित अन्य नेताओ पर रंजिशन और पुलिस द्वारा दर्ज कराए गए हैं।

राज्य सरकार ने मार्च 2018 में डीएम से मुकदमों की वापसी को लेकर 13 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी थी। सरकार के फैसले पर विपक्षी पार्टियों ने हो-हल्ला भी मचाया था। कैराना उप चुनाव में भी यह मुद्दा गर्र्माया था।

उल्लेखनीय है कि जानसठ के कवाल कांड के बाद सात सितंबर 2013 को मुजफ्फरनगर और शामली में दंगा भड़का था, जिसमें 65 से ज्यादा बेगुनाहों की मौत हो गई थी। हिंसा से गांव छोड़ आए 50 हजार लोगों ने  शरणार्थी कैंपों में शरण ली थी।

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