उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 9 अप्रैल को सूबे में बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या से चिंतित होकर 15 जिलों को सील कर दिया था ।इसी दौरान मुख्यमंत्री योगी ने कोरोना से प्रभावित सबसे संवेदनशील इलाकों को हॉटस्पॉट कर दिया ।
पूरे प्रदेश में ऐसे 104 स्थान चिन्हित किए गए। जिनको हॉटस्पॉट किया गया। यह स्थान ऐसे थे जहां कोरोना वायरस की संक्रमित संख्या ज्यादा देखी गई। ऐसे इलाकों में कोई बाहरी व्यक्ति ना घुसे और इन इलाकों से कोई बाहर को निकल कर किसी को कोरोना से संक्रमित न कर दे, इसके चलते योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में हॉटस्पॉट की शुरुआत की।
इसके बाद उसी दिन रात को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर चलते हुए दिल्ली में 20 हॉटस्पॉट चिन्हित किए थे। तत्पश्चात यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस मॉडल को प्रदेश के कई मुख्यमंत्रियों ने अपनाया ।
हाल ही में करीब एक दर्जन मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने प्रदेशों में हॉटस्पॉट के जरिए कोरोना संक्रमण को सक्रिय होने से रोका है। आज देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस मॉडल को अपनाते हुए पूरे देश में करीब 170 जिलों को हॉटस्पॉट के लिए चिन्हित किया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोरोना से प्रभावित देश के 170 जिलों को हॉटस्पॉट (रेड जोन) घोषित किया गया है। इनमें 6 मेट्रो सिटी-दिल्ली में चिन्हित किए गए हैं। इसी के साथ मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद भी शामिल हैं जहां हॉटस्पॉट स्थान घोषित किए गए हैं। जबकि तमिलनाडु के सबसे ज्यादा 22 जिलों को इस लिस्ट में रखा गया है।
इसके अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान और आंध्र प्रदेश अपने-अपने 11 जिलों के साथ दूसरे नंबर पर हैं। वहीं, दिल्ली के सभी 9 जिले हॉटस्पॉट शहरों में शामिल किए गए हैं। मध्यप्रदेश और गुजरात के 5-5 जिले भी हॉटस्पॉट की श्रेणी में आ गए हैं। वहीं 207 जिलों को नॉन हॉटस्पॉट (व्हाइट जोन) और 359 को ग्रीन जोन में रखा गया है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हॉटस्पॉट या रेड जोन ऐसे जिले या शहर हैं, जहां पर देश या राज्य के 80 प्रतिशत से ज्यादा पॉजिटिव मामले सामने आए है। इसके साथ ही ऐसे स्थान जहां पर संक्रमण का स्तर अधिक है और 4 दिन से कम समय में केस दोगुना हो रहे हैं, उन्हें भी हॉटस्पॉट माना जाएगा। वहीं, ग्रीन जोन वह इलाके कहलाए जायेगे जहां 28 दिन से संक्रमण का कोई केस नहीं मिला है।
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान लोगों से घरों में रहने की अपील की जातीं है और इस दौरान सिर्फ़ ज़रूरी सेवाओं जैसे स्वास्थ्य और खाने-पीने की चीज़ों से जुड़ी दुकानें खोलने के ही आदेश दिए जाते हैं। लेकिन जिन इलाक़ों को हॉटस्पॉट चिन्हित कर सील किया जाता है वहां सिर्फ़ स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े संस्थान ही खुलेंगे। इसके अलावा सिर्फ़ डिलिवरी सर्विस से जुड़े लोगों को ही बाहर निकलने की अनुमति होती है।
हॉटस्पॉट घोषित किए गए जिन इलाक़ों को सील किया गया है वहां लोगों के घर से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी जाती है। साथ ही ज़रूरी चीज़ों की डिलिवरी घर में ही की जाती है। लोग ज़रूरी सामान और दवाएं ऑनलाइन ऑर्डर कर मंगाते हैं।
हॉटस्पॉट में किसी को कोई समस्या न हो इस बाबत सरकार ने एक कॉल सेंटर स्थापित किया है। जहां फ़ोन करके लोग ज़रूरी चीज़ों का ऑर्डर दे सकते हैं। इन सभी जगहों पर जिन लोगों को लॉकडाउन के दौरान कर्फ़्यू पास जारी किए गए हैं । उनकी समीक्षा की जाएगी और गैर-ज़रूरी पास रद्द किए जाएंगे।
इस दौरान सब्जी और फलों के बाज़ार जहां लोगों की भीड़ जुटने की संभावना है वो भी बंद रहेंगे। हॉटस्पॉट के दौरान इलाक़े से बाहर आने-जाने की अनुमित सिर्फ़ ज़रूरी सेवाओं में लगे लोगों और मीडिया से जुड़े लोगों के लिए ही होती है।