उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा नवरात्रि पर शुरू किए गए ‘मिशन शक्ति’ अभियान के तहत दो दिनों में 14 अभियुक्तों को फांसी और 20 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सरकार द्वारा इस अभियान के तहत महिलाओं और बच्चियों पर अपराध करने वालों के खिलाफ जोर-शोर से कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
राज्य अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि केवल अपराधियों को दंडित करके ही कानून का शासन स्थापित किया जा सकता है। पिछले एक साल के दौरान महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ अपराध करने वाले 14 अभियुक्तों को मौत की सजा सुनाई गई है। 5 मामलों में, 11 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है और 8 मामलों में, 22 अभियुक्तों को कारावास के साथ-साथ जुर्माना भी सुनाया गया है।
अभियोजन निदेशालय ने उन 88 मामलों में 117 आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया है जो महिलाओं के साथ-साथ किशोर अपराधों में शामिल थे। दो दिनों में जिले से 101 गुंडों को निकाला गया।
सजा में यूपी नंबर एक
एडीजी (अभियोजन) आशुतोष पांडे ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मामलों में सजा सुनाने में उत्तर प्रदेश नंबर एक पर है। यह संभव था क्योंकि अदालत के मामले थोड़े समय में पूरे हो जाते थे और अभियोजन पक्ष ऐसे मामलों को पूरे जोश के साथ लड़ता है।
उल्लेखनीय है कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर विपक्ष द्वारा निशाना बनाई गई योगी सरकार ने मिशन-शक्ति अभियान की शुरुआत की है। इसके तहत अपराधियों को दंडित करने और महिलाओं में जागरूकता पैदा करने के लिए भी काम किया जा रहा है। 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक अभियान का पहला चरण चलेगा।