उत्तर प्रदेश में जब से योगी सरकार आई है तब से सरकार पर आलोचकों पर दबाव बनाने के आरोप लगते रहे हैं। इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से जुड़े एक ऐसे ही मामले में आरोपी को राहत देते हुए महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। दरअसल यशवंत सिंह नामक एक व्यक्ति पर आरोप लगाए गए थे कि उसने कुछ समय पहले ट्वीट कर लिखा था कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी ने राज्य को ऐसे जंगलराज में बदल दिया है जहां कोई कानून व्यवस्था नहीं है। इसी को लेकर पुलिस ने उस पर कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी।
इस मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर असंतोष व्यक्त करना हमारा संवैधानिक अधिकार है। संविधान का अनुच्छेद- 19 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने याचिका के खिलाफ दर्ज एफआईआर खारिज कर दी।
दरअसल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर यशवंत सिंह ने यूपी के सीएम और राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर कुछ टिप्पणी की थी। उसने ट्विटर पर लिखा था यूपी के सीएम ने राज्य को जंगलराज में बदल दिया है। सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि यूपी में कानून-व्यवस्था नहीं है।
जिसके बाद यशवंत सिंह के खिलाफ कानपुर देहात के भोगनीपुर थाने में 2 अगस्त 2020 को एफआईआर दर्ज कराई गई थी। उसके खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 500, मानहानि और 66 डी कंप्यूटर संसाधन का उपयोग करके धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था।
इस मामले की सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ दर्ज एफआईआर और पहले की कार्रवाई रद्द कर दी। प्राप्त जानकारी के अनुसार यशवंत सिंह के पक्ष में यह आदेश जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने दिया है।