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यूपी में योगी ने बस तो नहीं चलाई, प्रियंका ने कांग्रेस जरूर दौड़ाई 

बंगला खाली करने के नोटिस के बाद प्रियंका गांधी दिल्ली के बजाए लखनऊ में होंगी शिफ्ट

पिछले 5 दिन से चला आ रहा प्रवासी मजदूरों को बसों से घर पहुँचाने का राजनीतिक हाईफाई ड्रामा आखिर आज खत्म हो ही गया। इसकी शुरुआत 16 मई को उत्तर प्रदेश कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक पत्र लिखकर की थी। इसके बाद योगी ने भी बड़ा दिल दिखाते हुए प्रियंका के इस फैसले का स्वागत किया और 1000 बस प्रवासी मजदूरों को ले जाने के लिए चलवाने की परमिशन दे दी।

हालांकि, तब तो ऐसा लग रहा था की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना पर ‘मिलकर चलो’ की नीति अपना रहे है। लेकिन धीरे धीरे इस मामले में राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया। प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के मामले पर दो राजनीतिक पार्टियों में सियासी जंग शुरू हो गई। नतीजा यह निकला कि ना तो बस चलेगी और ना ही मजदूर बसों के जरिए घर पहुंचे। लेकिन फिलहाल यह जरूर हुआ कि मृतप्राय पडी यूपी कांग्रेस जिंदा हो उठी। कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि बस चली ना चली लेकिन यूपी में प्रियंका की कांग्रेस जरूर दौडने लगी।

 

फिलहाल यूपी में राजनीतिक सरगोशियां रुकने का नाम नहीं ले रही है । बीजेपी और कांग्रेस  का एक दूसरे पर राजनीतिक वार जारी है। इस वार में इस बार प्रियंका गांधी जीतती नजर आ रही है। फिलहाल प्रियंका गांधी के पक्ष में सहानुभूति लहर उमड रही है। ज्यादातर लोगों के निशाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ है। लोगों का कहना है कि पहले तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रियंका गांधी को बस चलवाने की परमिशन देकर वाहवाही लूटने की कोशिश की। इस पर जब बस चलने ही वाली थी तो बसों के नंबरो की सूची मंगवाकर उसमें जांच करा दी।

माना कि जांच में कुछ बसों की गडबड मिली तो बाकि की  बसें के कागजात तो बिलकुल सही पाए गए थे । तो फिर ऐसे में उन उन बसों को क्यों नहीं चलवाया गया। हालांकि इस दौरान भाजपा नेताओ ने प्रियंका गांधी को ट्रोल करना शुरू कर दिया। बहुत से नेताओ ने शोशल मिडिया पर लिखा कि भाई ने आलू से सोना बनाया तो बहन बसों से ऑटो बना रही है।

हालाँकि इससे पहले भाजपा और कांग्रेस के बीच खूब लेटर वार हुआ। जिसकी शुरुआत 16 मई को तब हुई जब प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखा। प्रियंका गांधी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने कहा था कि पलायन करते हुए बेसहारा प्रवासी श्रमिकों के प्रति कांग्रेस पार्टी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए 500 बसें गाजीपुर बॉर्डर गाजियाबाद और 500 बसें नोएडा बॉर्डर से चलाना चाहती है। इसका पूरा खर्चा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस वहन करेगी। महामारी से बचने के सब नियमों का पालन करते हुए प्रवासी श्रमिकों को मदद करने के लिए हम 1000 बसों की चलाने की अनुमति चाहते है।

एक हजार बसों को चलाने की अनुमति देने के साथ यूपी के अपर मुख्य सचिव गृह ने प्रियंका गांधी वाड्रा को पत्र भेज लखनऊ में बसें हैंडओवर करने की बात कही। इसे अनुचित बताते हुए अब प्रियंका के निजी सचिव ने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। इस पर सरकार ने ये बसें नोएडा और गाजियाबाद में दोपहर तक उपलब्ध कराने को पत्र लिख दिया है। पहले सीएम योगी ने कांग्रेस पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से एक हजार बसों की सूची मांगी गई है लेकिन अभी तक कोई सूची नहीं मिली। ओछी राजनीति कांग्रेस नहीं करे। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि तब क्या कर रहे थे ये लोग…यानी शोषण भी करेंगे और फिर ईमानदारी का चेहरा भी दिखाएंगे…सौ चूहे खाकर बिल्ली हज करने चली…ये कहावत आज कांग्रेस नेतृत्व की हो गयी है।

 

इस पर कांग्रेस ने पलटवार किया। यूपी कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि योगी जी अभी तक झूठ से काम चला रहे थे। कह रहे थे कि हमने तीन दिन से सूची मांगी है बसों की। खैर हम तो बस लेकर खड़े थे। यूपी की जनता का धन्यवाद कि आपने दबाव बनाकर इस सेवा कार्य में अड़चन डालने वाले सीएम को सही फैसला लेने पर मजबूर किया। श्रमिक भाई-बहनों को राहत मिलनी जरूरी थी।

भाजपा ने बसों के नंबरों के आधार पर जो जाँच करवाई उसपर कांग्रेस खासकर प्रियंका गांधी की घेराबंदी शुरू कर दी। भाजपा के आईटी शैल ने शोशल मिडिया पर तरह तरह की पोस्ट चलाई। जिसमे प्रियंका गांधी की उनके भाई राजीव गांधी से तुलना करते हुए दोनों भाई बहन को एक जैसा बताया। यही भी बल्कि प्रियंका के हौसले को तोड़ने के चलते भाजपा ने उनके निजी सचिव संदीप सिंह और पार्टी की यूपी इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के खिलाफ रिपोर्ट तक दर्ज करा दी। इसके बाद लल्लू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और 14 दिन की रिमांड पर जेल भेज दिया गया।

भाजपा ने अजय लल्लू और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह के खिलाफ कांग्रेस की तरफ से प्रदेश सरकार को मुहैया कराई गई बसों की सूची में ऑटो, एंबंलेंस व ट्रक जैसे वाहनों को देने के मामले में मंगलवार को हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस प्रदेश अध्यक्ष को लेकर लखनऊ के लिए निकल गई है।

पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय के मुताबिक कांग्रेस की तरफ से प्रदेश सरकार को 1079 बसों की सूची उपलब्ध कराई गई थी। जिसकी जांच संभागीय परिवहन अधिकारी, लखनऊ से  कराई गई थी। सूची में 879 बसें निकलीं। 31 ऑटो और थ्री-व्हीलर और 69 एम्बुलेंस, स्कूल बस, डीसीएम, मैजिक और अन्य वाहन मिले। इतना ही नहीं एक ही नंबर का वाहन दो अलग-अलग सूचियों में दर्ज मिले।

यह रिपोर्ट लखनऊ के आरटीओ आरपी द्विवेदी और अपर पुलिस उपायुक्त, यातायात लखनऊ के दस्तखत से जारी की गई। इस मामले में संदीप सिंह और लल्लू के खिलाफ धोखाधड़ी, दस्तावेज में कूट रचना करने का मुकदमा मंगलवार को दर्ज किया गया था। बुधवार सुबह अजय कुमार लल्लू आगरा में कांग्रेस की बसों को प्रदेश की सीमा के अंदर प्रवेश कराने के लिए गये थे।

हालाँकि प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की गिरफ़्तारी के बाद भी प्रियंका गांधी ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके प्रवासी मजदूरों को लाने की गेंद योगी सरकार के पाले में डाल दी। प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार चाहे तो बसों पर भाजपा के बैनर लगा दे। अपने नाम से बीएस चलवा दे। लेकिन बसों को ना रुकने दे। प्रवासी मजदूरों को उनके घर जाने दे। प्रियंका ने साथ में यह भी माना कि बसों के नंबरों में कहीं भूलचूक हो सकती है। लेकिन इस पर भी सरकार नहीं मानी। अंतत कल शाम कांग्रेस ने यूपी-राजस्थान बॉर्डर पर आगरा हाइवे पर खड़ी बसों को वापिस भेज दिया।

https://twitter.com/VirendraGudduIN/status/1262733656172515330

 

याद रहे कि प्रियंका गांधी जब लोकसभा चुनाव में औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल हो जाने के बाद भी कांग्रेस कोई कमाल नहीं दिखा सकी और उत्तर प्रदेश में अमेठी जैसा गढ़ गंवा कर सिर्फ 1 सीट पर सिमट गई तो प्रियंका गाँधी ने खुद को उत्तर प्रदेश में ही सिमित कर लिया और कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की कोशिश में पूरी जान लगा दी। लेकिन राजनीतिक रूप से उत्तर प्रदेश बहुत ही दुष्कर राज्य है। वहां चार प्रमुख पार्टियाँ है। जिनमे से तीन का अपना पारंपरिक वोटबैंक है।

जबकि कांग्रेस की झोली खाली है। ऐसे में प्रियंका गाँधी ने लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों का मुद्दा उठा कर उन्हें अपने पाले में करने की कोशिश की। साथ ही पार्टी में जान फुक्ने के काम किया। इसके चलते नोएडा और आगरा बॉर्डर पर कांग्रेसियो ने धरना प्रदर्शन किया। यहां तक कि नोएडा के नेता और पार्टी के प्रदेश महासचिव वीरेंद्र सिंह गुड्डू के नेतृत्व में 100 बसों को लाकर खड़ा कर दिया गया।

 

अब प्रियंका गांधी ने प्रवासी मजदूरों के घर वापसी के मुद्दे पर योगी सरकार की घेराबंदी करने के लिए बाकायदा पार्टी के जरिए अभियान चलाया है। जिसमे आज दोपहर को पार्टी के 50 हजार कार्यकर्ता फेसबुक लाइव के जरिए श्रमिको की आवाज उठाएंगे और राज्य दमन का विरोध करेंगे। यह ऐसे समय पर किया जा रहा है जब आज पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि मनाई जा रही है।

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