कर्नाटक में लगभग 1 हफ्ते पहले हुए मंत्रिमंडल विस्तार के बाद आज मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया l इस बंटवारे में सबसे महत्वपूर्ण मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा के महत्व को कम करते हुए तीन उपमुख्यमंत्री बनाए गए है l इनमें से एक लिंगायत तो दूसरा बोकालिंगा लिंगा और एक दलित वर्ग से हैं l
मुख्यमंत्री येदुरप्पा खुद लिंगायत नेता हैl येन केन प्रकारेण सरकार बनाने में सफल हुए मुख्यमंत्री येद्दयुरप्पा सरकार बनाने में सफल हुए लेकिन इस बार भाजपा आलाकमान ने उनकी नकेल कस दी है l दलित कोटे से मंत्री बनाए गए गोविंद काजरूर को समाज कल्याण पीडब्ल्यूडी विभाग दिए गए हैं जबकि गृह मंत्रालय लिंगायत नेता बसवराज बोम्मई को दिया गया है lबसवराज बोम्मई येदुरप्पा के खास माने जाते हैं l
विधानसभा चुनाव हार चुके लिंगायत नेता लक्ष्मण सऊदी को ट्रांसपोर्ट मंत्रालय दिया गया है और उपमुख्यमंत्री भी बनाया गया है l दूसरे उपमुख्यमंत्री बनाए गए डॉ अशोक नारायण बोकालिंगा समाज के बड़े नेता हैं l उन्हें उच्च शिक्षा और तकनीकी विभाग दिया गया है l क्योंकि कर्नाटक देश के एजुकेशन हब के रूप में अपनी पहचान बना चुका है और आईटी की बड़ी कंपनियां कर्नाटक से संचालित होती हैं इसलिए सूचना तकनीकी और और बायो टेक्नोलॉजी एक महत्वपूर्ण विभाग है l
खास बात यह कि पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार इस बार मंत्री बनाए गए हैं और उद्योग विभाग सौंपा गया है l यहां भाजपा ने मध्य प्रदेश के पैटर्न को दोहराया है जहां मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल गौर को शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में मंत्री बनाया गया था l
इस बीच कर्नाटक में राजनीतिक मामला लगातार गरमा रहा है l विधानसभा के अध्यक्ष ने 14 बागी विधायकों को अयोग्य करार दे दिया है जिनके कारण इनको मंत्री नहीं बनाया जा सका l यह वही 14 विधायक हैं जिन्होंने कांग्रेसो और जीडीएस को दगा देकर भाजपा ज्वाइन कर ली थी l
इतना तय है कि नए मंत्रिमंडल गठन बाद अब भाजपा के मंत्री ना बन सके विधायकों में और कांग्रेसी छोड़कर भाजपा में आए अयोग्य करार दे दिए गए विधायकों में असंतोष बढ़ेगा और राज्य में सरकार की स्थिरता हमेशा प्रश्नचिन्ह में रहेगी l