हालांकि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कदम बड़े फूंक फूंक कर रखे हैं । लेकिन फिर भी उन पर आरोप लग रहे हैं । आरोप है कि वह राष्ट्रपति शासन लगाने में थोड़ी जल्दबाजी कर गए । बहरहाल, महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी आरोपों में घिरते जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस पीवी सावंत ने उनके फैसले को अवैध, अनुचित और पक्षपातपूर्ण बताया है तो शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया। है।
फिलहाल, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और खाटी नेता भगत सिंह कोश्यारी पर खुलेआम आरोप लगाता नजर आ रहा है । जिसमें वह घिरते हुए नजर आ रहे हैं । लोग कह रहे हैं कि भगत सिंह कोश्यारी ने भाजपा को वाकआउट दिया है । जबकि कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी को समय बहुत कम दिया गया है । एनसीपी को मंगलवार रात 8:30 बजे तक सरकार बनाने का मौका दिया गया था । लेकिन शाम चार बजते बजते ही भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति से और कैबिनेट से महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की मोहर लगवा ली। जबकि उन्हें अपने द्वारा दिए गए समय रात 8:30 बजे तक ऐसा नहीं करना चाहिए था ।
लोग कह रहे हैं कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाराष्ट्र में पक्षपात किया है । कोश्यारी ने भाजपा को 15 दिन का तो दूसरे दलों को केवल एक दिन का मौका दिया। उसमें भी समय पूरा नही होने दिया।
उधर कांग्रेस ने भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की आलोचना करते हुए, कोशयारी पर खुला आरोप लगाया है कि उन्होंने ‘न्याय का हनन’ किया है और संवैधानिक प्रक्रिया का मजाक बनाया है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पर एनसीपी, शिवसेना और भाजपा को सरकार बनाने, बहुमत साबित करने के लिए ‘मनमाने ढंग से’ समय देने का आरोप भी लगाया।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि, “ये बेईमानी से भरा हुआ और राजनीति से प्रेरित है।” उन्होंने ट्वीट किया- “राज्यपाल कोश्यारी ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करके लोकतांत्रिक न्याय का हनन किया है और संवैधानिक प्रक्रिया का मजाक बनाया है”।
जबकि दूसरी तरफ कोश्यारी के कार्यालय द्वारा ट्विटर पर जारी किए गए एक बयान में कहा गया- “उन्हें विश्वास है कि संविधान के अनुरूप सरकार का गठन नहीं किया जा सकता है (और इसलिए) आज संविधान के अनुच्छेद 356 के प्रावधानों को लागू करने की रिपोर्ट भेजी है।”
गौरतलब है कि कोश्यारी ने एनसीपी को सरकार बनाने का दावा करने के लिए मंगलवार शाम साढ़े आठ बजे तक का समय दिया था । लेकिन यह समय पूरा होने से पहले ही उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की रिपोर्ट भी भेज दी ।