प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के दो दिवसीय दौरे के दौरान भावनगर में दुनिया के पहले प्राकृतिक गैस (सीएनजी) टर्मिनल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न विकास कार्यों और परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसमें भावनगर शहर में 5200 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाएं शामिल हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भावनगर में एक प्राकृतिक गैस टर्मिनल का उद्घाटन किया है और इसकी कुल लागत 4000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
यह परियोजना कब शुरू हुई?
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इस परियोजना को पहली बार जनवरी 2019 में ‘वाइब्रेंट गुजरात समिट’ में प्रस्तावित किया गया था। इस अवसर पर लंदन स्थित दूरदर्शिता समूह, मुंबई स्थित पद्मनाभ मफतलाल समूह और रॉटरडैम स्थित बोस्कालिस ने सीएनजी टर्मिनल के विकास के लिए गुजरात मैरीटाइम बोर्ड (जीएमबी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। 2019 में भावनगर बंदरगाह के उत्तरी हिस्से और संबंधित बुनियादी ढांचे को विकसित करने का प्रस्ताव पेश किया गया। जिसमें सीएनजी टर्मिनल भी शामिल है।
इस परियोजना का महत्व
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएनजी टर्मिनल की स्थापना की लागत लगभग 4,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। परियोजना को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से विकसित किया जाएगा। इसके लिए मुंबई स्थित पद्मनाभ मफतलाल ग्रुप और इंग्लैंड स्थित फोरसाइट ग्रुप पहल करेंगे। इस परियोजना के लिए गुजरात मैरीटाइम बोर्ड (जीएमबी) सहयोग करेगा। भावनगर पोर्ट के सभी संचालन वर्तमान में जीएमबी के माध्यम से चलाए जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना की कार्गो हैंडलिंग क्षमता 1.5 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष होगी। सरकार का इरादा इस परियोजना को 2026 तक पूरा करने का है।
परियोजना के बारे में अधिक जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टर्मिनल में दुनिया का चौथा सबसे बड़ा लॉक गेट सिस्टम होगा। इसके अलावा अल्ट्रा-मॉडर्न कंटेनर टर्मिनल, मल्टी परपज टर्मिनल, रो-रो टर्मिनल और लिक्विड टर्मिनल होगा। धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (एसआईआर) इस बंदरगाह के पास स्थित है, इसलिए यह परियोजना बहुत महत्वपूर्ण है। उद्योगों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं और सुविधाएं प्रदान करने के लिए इस क्षेत्र में दुकानें स्थापित की जा सकती हैं। इसके अलावा, बंदरगाह पहले से ही रेल द्वारा उत्तरी भाग से जुड़ा हुआ है।
‘धातु स्क्रैपिंग के हब’ के रूप में उभर सकता है भावनगर
एक नई वाहन स्क्रैपिंग नीति देश में अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार कर सकती है। भावनगर न केवल देश के लिए बल्कि दुनिया भर के अन्य देशों के लिए भी ‘धातु स्क्रैपिंग के केंद्र’ के रूप में उभर सकता है। भारत एक मजबूत वृत्ताकार अर्थव्यवस्था विकसित करने में दुनिया का नेतृत्व करेगा।