छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता के विस्तार व सुधार के लिए मांगे गए 300 मिलियन डॉलर के ऋण को विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल द्वारा मंजूरी दे दी गई है।
यह लोन 18.5 साल के लिए होगा। इस लोन का उद्देश्य छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए एक नई परियोजना की शुरुआत करना है। इस परियोजना से मुख्यतः गरीब और वंचित समुदाय के लगभग 40 लाख छात्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है। क्यूंकि राज्य में लगभग 86 फीसदी स्कूलों का संचालन सरकार द्वारा ही किया जाता है। इन सरकारी स्कूलों के प्राथमिक विद्यालयों स्तर पर 95 प्रतिशत नामांकन है। वहीं दूसरी ओर उच्च माध्यमिक स्तर पर केवल 57.6 फीसदी है। जिसमें लड़कों का नामांकन लड़कियों की तुलना में 10.8 प्रतिशत कम है। इसका कारण कई वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान और वाणिज्य शिक्षा की सुविधा न होना है, प्रशिक्षित विज्ञान और गणित जैसे विषयों के शिक्षकों की कमी, प्रयोगशालाओं और सुविधाओं जैसे आवश्यक बुनियादी ढांचे की कमी है। राज्यों से आये छात्रों को भी आवास की समस्या का सामना करना पड़ता है। हालाँकि लड़कियों को केंद्र प्रायोजित समग्र शिक्षा कार्यक्रम के तहत आवासीय विद्यालय की सुविधा प्रदान की जाती है।
छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में आएगा सुधार
छत्तीसगढ़ एक्सेलेरेटेड लर्निंग फॉर ए नॉलेज इकोनॉमी ऑपरेशन, का उद्देश्य सभी ग्रेडों में शिक्षा तक पहुंच में सुधार करना है। ये परियोजना कक्षा 1 से 12 वी तक के करीब 600 स्कूलों को विकसित करने और संचालित करने में मदद करेगी। साथ ही उच्च माध्यमिक स्तर पर विज्ञान और वाणिज्य की पेशकश करेगी। भारत में विश्व बैंक के निदेशक ऑगस्टे तानो कौमे का कहना है कि , ये परियोजना वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर विज्ञान और वाणिज्य शिक्षा प्रदान करने वाले सरकार-प्रबंधित स्कूलों के नेटवर्क का विस्तार करने में मदद करेगी। जिससे छात्रों को बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इस परियोजना को संचालित कर रहे कार्तिक पेंटल, शोभना सोसले और सुप्रीति दुआ ने परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह परियोजना एक मजबूत सरकारी कार्यक्रम की शुरुआत है, जो कोरोना महामारी के कारण बच्चों व शिक्षकों आदि के प्रशिक्षण व शिक्षा के क्षेत्र में आए अन्य नुकसान से उबरने के लिए उठाया गया है।
विश्व बैंक और उसका उद्देश्य
विश्व बैंक एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो विकासशील देशों को उनके विकास के लिए आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करता है, जिसमें इन देशों को दिया जाने वाला वित्तपोषण , सलाह और अनुसंधान आदि शामिल है। विश्व बैंक मुख्य रूप से एक ऐसे संगठन के रूप में कार्य करता है जो मध्यम और निम्न आय वाले देशों को बढ़ावा देने और प्रगति की रह पर आगे बढ़ने के लिए सहायता प्रदान करके गरीबी से उबारने का प्रयास करता है। विश्व बैंक की स्थापना वर्ष 1944 में हुई थी। विश्व बैंक एक समूह है जिसमें, पुनर्निर्माण और विकास के लिये अन्तरराष्ट्रीय बैंक, अन्तरराष्ट्रीय वित्त निगम, अन्तरराष्ट्रीय विकास संघ , निवेश विवादों के निपटारे के लिये अन्तरराष्ट्रीय केंद्र , व बहुपक्षीय निवेश गारण्टी एजेंसी शामिल हैं।