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मजदूर से नेता बना ताहिर लड़ना चाहता था यूपी से चुनाव

मजदूर से नेता बना ताहिर लड़ना चाहता था यूपी से चुनाव

दो दशक पूर्व उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले से नौकरी की तलाश में दिल्ली आए ताहिर की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। जो व्यक्ति किराए के घर में रहता था वह आज कई कोठियों और कंपनियों का मालिक है। 20 साल पहले मात्र 10 हजार रुपये महावार की नौकरी करने वाला मजदूर देखते ही देखते करोडों का मालिक बन बैठा। दिल्ली में आया ताहिर हुसैन उर्फ ताहिर सैफी जल्दी ही मजदूर से नेता बनकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी का पार्षद बन गया। फिलहाल, ताहिर हुसैन पर दिल्ली पुलिस ने हत्या, आगजनी और हिंसा फैलाने के संगीन आरोप में केस दर्ज कर दिए हैं।

जिससे उसका बड़ा नेता बनने का सपना धूमिल होता नजर आ रहा है। सूत्र बताते हैं कि पूर्व में ताहिर हुसैन दिल्ली से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहता था। लेकिन आम आदमी पार्टी ने उसे टिकट नहीं दिया। आगे की रणनीति के अनुसार, ताहिर ने यूपी से विधानसभा चुनाव लड़ने की पूरी योजना बनाई थी। भविष्य में वह अमरोहा से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहता था।

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के पौरारा गांव का निवासी ताहिर हुसैन दो दशक पहले गांव से दिल्ली में मजदूरी करने आया था। तब उसने एक कंपनी में जिस काम को किया बाद में वह उसी काम को करने लगा। बताया जा रहा है कि पहले वह गारमेंट फैक्ट्री में काम करता था। जहां उसने उस काम को सीखकर बाद में अपनी फैक्ट्री खोल दी।

बताते हैं कि ताहिर हुसैन की गारमेंट की फैक्ट्री में हजारों मजदूर काम करते हैं। मजदूर से उद्योगपति बनने के बाद ताहिर हुसैन ने राजनीति में हाथ आजमाने की योजना बनाई। इसके तहत उसने आम आदमी पार्टी से पार्षद का टिकट लिया। जिसमें उसको सफलता मिली। हालांकि, पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव में वह आम आदमी पार्टी के टिकट पर दिल्ली की मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाह रहा था। लेकिन आम आदमी पार्टी ने उसे टिकट नहीं दिया। इसके बावजूद भी वह राजनीति में आगे पढ़ने का मन मंसूबा पाले हुए था।

ताहिर हुसैन से जुड़े लोग बताते हैं कि ताहिर हुसैन का अगला लक्ष्य यूपी में 2 साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव थे जहां वो अपनी किस्मत आजमाना चाहता था। लेकिन दिल्ली के दंगों में किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया और वह उपद्रवियों के साथ दंगे भड़काने सहित हत्या जैसे संगीन मामले का आरोपी बन गया।

बताया जाता है कि यूपी के अमरोहा के एक विधानसभा सीट से उसने आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर ली थी। इसके लिए वह अमरोहा स्थित अपने गांव पौरारा भी लगातार संपर्क साधे हुए था। दिल्ली में अपनी फैक्ट्रियों की जिम्मेदारी वह अपने छोटे भाई को सौंप चुका था। गौरतलब है कि ताहिर हुसैन पांच भाई है जिनमें उसका एक भाई अमरोहा में स्कूल चलाता है जबकि तीन भाई उसी के साथ रहते हैं।

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