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दिल्ली दंगा में जिनका जला दिया गया घर वो बना रहीं देश के लिए मास्क और PPE किट

दिल्ली दंगा में जिनका जला दिया गया घर वो बना रहीं देश के लिए मास्क और PPE किट

आज से कोई एक महीने पहले दिल्ली के उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र में दंगा हुआ था। दंगे में कइयों के घर जले और जान गईं। कई बच्चे-बूढ़े, औरत-मर्द इस दंगे में मारे गए। जिनके घर जले, जिन्होंने अपने को खो दिया उन सभी को राहत कैंपों में ठहराया गया। धीरे-धीरे ज़िन्दगी ढर्रे पर आ रही थी कि इतने में कोरोना का कहर शुरू हो गया। जिसके कारण किसी ने पलट कर उनलोगों की सुध नहीं ली जिन्होंने अपने घर और अपनों को खोया। लेकिन संकट की इस घड़ी में दंगा पीड़ित लोग और उस इलाके की महिलाएं आज की पीढ़ी के लिए मिसाल पेश कर रही हैं। जहां मीडिया लगातार मुसलमानों के प्रति नफरत परोस रही है। वहीं यहां के दंगा प्रभावित लोगों ने कोरोना संकट में मदद के लिए जी-जान लगा दी है।

संजीदा, शायना, रजिया, शाहजहां, गुलिस्तां, रुखसाना, नर्गिस और रेहाना 18 घंटे काम कर रही है। ये महिलाएं मास्क और पीपीई किट बना रही हैं। इनके घर दंगे में जला दिए गए थे। जिससे उनके घर के सामान भी खत्म हो गए। ऐसे में कुछ ही मशीनें हैं इनके पास। काम करने वाली महिलाएं दर्जनों। इसलिए ये महिलाएं शिफ्ट बनाकर काम कर रही हैं। अब तक ये महिलांए हजारों किट और मास्क तैयार कर चुकी हैं। जब पहली बार इन सभी ने मास्क और पीपीई किट बनाई तो सबसे पहले इन्होंने शिव विहार में तैनात पुलिसकर्मियों को भेंट की।

दिल्ली दंगा में जिन महिलाओं का जला दिया गया घर वो बना रहीं मास्क और PPE किट

संजीदा नाम की महिला शिव विहार की उन सैकड़ों औरतों में से एक थीं, जिन्हें अपनी जान बचाकर भागना पड़ा था। रातों-रात नंगे पैर अपने बच्चों को लेकर भागी संजीदा को मुस्तफाबाद के चमन पार्क में शरण लेनी पड़ी थी। इनका घर 25 फरवरी को जला दिया गया था। कुछ 20 दिन पहले वो अपने घर लौट आई। घर बैठे मास्क बनाना शुरू की। उसके बाद आस-पास की औरतें भी इस काम में मदद के लिए आई।

संजीदा ने बताया कि मेरे घर में सिलाई मशीन थी। घर जल जाने के कारण सब कुछ खत्म हो गया था। ऐसे में एक सामाजिक संस्था के लोगों ने उन्हें मशीन दी, जिससे मास्क और पीपीई किट बना रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना संकट के समय जब लगभग पूरे देश में नागरिकों को मास्क पहनने के लिए कहा जा रहा था और देश पीपीई किट की कमी से जूझ रहा हो तो इस काम की संजीदगी समझ में आई।

दिल्ली दंगा में जिन महिलाओं का जला दिया गया घर वो बना रहीं मास्क और PPE किट

इस कार्य में सामाजिक कार्यकर्ता और माइल्स टू स्माइल के संस्थापक आसिफ मुज्तबा की खास भूमिका है। उन्होंने महिलाओं को पीपीई किट और मास्क बनाने के लिए प्रेरित किया। आसिफ आईआईटी में पढ़े हैं। आसिफ दिल्ली दंगे के बाद से ही प्रभावित इलाकों में रिलीफ वर्क से जुड़े रहें।

आसिफ बताते हैं, “2 मार्च के आसपास मुझे कुछ महिलाओं ने बताया कि दंगों की वजह से उनका घर और सिलाई मशीनें जल गई हैं, जो उनकी आजीविका का जरिया था। दिल्ली में खर्च चलाने के लिए औरत-मर्द दोनों का कमाना जरूरी होता है। अब वो जल्द-से-जल्द अपना काम शुरू करना चाहती थीं। तब हमने उन्हें 2 ऑटोमेटिक मशीनें और कुछ कच्चा माल खरीदने के लिए पैसे दे दिए और हम भूल गए। लेकिन वे महिलाएं 8 अप्रैल को मेरे पास फिर से आईं। उनके पास 2000 मास्क थे और 100 पीपीआई किट।”

आरिफ आगे कहा, “ये देख मुझे बहुत खुशी हुई। अंदर से बहुत अच्छा लग रहा था उनकी बातें सुनकर। लेकिन उन महिलाओं ने जो आगे कहा उससे मैं रो पड़ा। आप यह सब गरीबों में बांट दीजिए। उनके पास मास्क खरीदने के पैसे नहीं होंगे और यह पीपीआई किट पुलिसकर्मियों को दे दीजिए।”

दिल्ली दंगा में जिन महिलाओं का जला दिया गया घर वो बना रहीं मास्क और PPE किट

आसिफ ये बात बताते हुए काफी भावुक हो गए। फिर उन्होंने, “इन लोगों का घर दंगे में जरूर जल गया था, मगर इस आला स्तर की इंसानियत देखकर मैं इमोशनल हो गया। हम 45 दिन से शिव विहार में राहत का काम कर रहे थे, मगर इतने ऊंचे ख्यालात वाली बात अब तक मेरे सामने नहीं आई थी।”

आसिफ मुज्तबा आगे कहते हैं, “अभी यहां हर दिन 1000 मास्क और 300 पीपीई किट तैयार किए जा रहे हैं। सिर्फ 2 आधुनिक मशीनों से अब तक 11 हजार मास्क तैयार हो चुके हैं। जो स्टॉक में हैं। मशीनों की संख्या बढ़ाए जाने पर यह तस्वीर और बड़ी हो जाएगी। इसके लिए हम लोगों से अपील कर रहे हैं। इस काम में और भी बहुत सारी महिलाएं भी रुचि ले रही हैं। कोरोना बहुत बड़ी समस्या है, यही कारण है कि एक महीना पहले हुए यहां के भीषण दंगे पर अब कोई बात भी नहीं करता।”

गौरतलब है कि दिल्ली के दंगों में शिव विहार का इलाका सबसे अधिक प्रभावित हुआ था। यहां तीन मस्जिदों में आग लगा दी गई थी। जबकि एक मस्जिद में गैस सिलेंडर डालकर उसे उड़ाने की भी कोशिश की गई थी। मस्जिदों को उनके पूर्व स्वरूप में लाने का काम ‘जमीयत उलेमा-ए-हिंद’ कर रही है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सचिव मौलाना मूसा कासमी कहते हैं, “एक ऐसे इलाके से इस तरह की खबर बेहद ही सुखद है। आजकल टीवी मीडिया मुसलमानों को खलनायक की तरह पेश कर रहा है। इस तरह की अच्छी बातों से उसे परहेज है, जबकि देशहित में इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है!”

दिल्ली दंगा में जिन महिलाओं का जला दिया गया घर वो बना रहीं मास्क और PPE किट

मौलाना मूसा कासमी बताते हैं कि शिव विहार में 50 हजार से ज्यादा आबादी वाले लोग रहते हैं। जिसमें लगभग 6 हजार मुसलमान रहते थे। दंगे के दौरान सभी उस वक्त वहां से पलायन कर गए थे, जिनमें से अधिकतर अब लौट आए हैं। स्थानीय लोगों का कहना था कि दंगा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग लोनी की तरफ से लोग आएं थे। शिव विहार में अभी भी पुलिस की तैनाती है।

बता दें जाफराबाद, मुस्तफाबाद और शिव विहार का इलाका बेल्ट, पर्स, लेडीज पर्स, फैंसी ड्रेसेज और खिलौने बनाने का हब रहा है। यहां घर-घर महिलाएं इस काम से जुड़ी हुई हैं। संजीदा भी अब तक यही करती रही हैं। लेकिन देश में कोरोना वायरस के मामले जिस तेजी से बढ़े हैं। उसके मद्देनजर मास्क और पीपीई किट की आवश्यकता बहुत अधिक है। ऐसे में साजिदा और उनके साथी महिलाओं का काम सुकून देने वाली है। सबसे अहम बात ये है कि हर दिन 18 घंटे के मेहनत के वावजूद इसके एक भी पैसे नहीं ले रही।

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