आज के इस डिजिटल युग में एक ओर जहां महिलाओं का कारवां इस मुकाम पर पहुंच चुका है कि महिला हर क्षेत्र में बुलंदियों को छू रही हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में ऐसे कानून बने हैं जो न सिर्फ उनकी सुरक्षा के लिए ढाल बने बल्कि उन्हें एक सम्मान की जिंदगी देने का जरिया भी बनें। यहां तक कि अब जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उनके अनुसार महिलाएं पुरुष पार्टनर बदलने और शादियाँ करने में पुरुषों से आगे निकल गई हैं। आंकड़ों के अनुसार भारत के कई राज्यों में इस मामले में महिलाएं पुरुषों को पीछे छोड़ रही हैं।
राष्ट्रीय परिवार स्वस्थ्य सर्वेक्षण 2019 से 2020 के आंकड़ों के अनुसार वैसे तो देशभर में पुरुषों के ज्यादा पार्टनर हैं लेकिन महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। देश में जहाँ पुरुषों के 1.7 सेक्सुअल पार्टनर हैं तो महिलाओं के 1.5 सेक्सुअल पार्टनर्स हैं। इनमें कई राज्य ऐसे हैं जहाँ इन आंकड़ों का स्तर पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा है। इस सूची में राजस्थान, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, असम और केरल शामिल हैं।
राजस्थान की बात करें तो यहां महिलाओं के औसतन 3.1 तो पुरुषों के 1.8 लाइफ पार्टनर हैं। मध्य प्रदेश में महिलाओं के 2.5 और पुरुषों के 1.6 हैं। केरल में महिलाओं के 1.4 और पुरुषों के औसतन 1.0 पार्टनर हैं। जम्मू-कश्मीर में महिलाओं के 1.5 और पुरुषों के 1.1 औसतन पार्टनर हैं। हरियाणा में महिला के 1.8 और पुरुषों के 1.5 आंकड़े दर्ज किये गए तो वहीं असम में महिआलाएं 2.1 और पुरुष 1.8 है। हालांकि इसके कई कारण हो सकते हैं इस संबंध में जब हमने कुछ लोगों की राय मांगी तो उन्होंने इसके कई कारन बताए हैं।
सबसे पहले जब हमने सागर नाम के लड़के पूछा तो उनका कहना है कि लड़कियां अब आत्मनिर्भर हो चुकी हैं वह अपने बॉय फ्रेंड के साथ कहीं जाने पर खर्चे खुद उठती हैं। जिसकी वजह से वह अपने फैसले भी तेजी से बदल रहीं हैं। वैसे ऐसे लड़के भी किया करते थे कुछ समय बाद ही अपने सहयोगी या पार्टनर को बदल दिया करते हैं । वहीं विजय कुमार कहते हैं कि पहले महिलाएं घर के भीतर कैद रहती थी लेकिन अब वो भी बहार निकलने लगी हैं जिसके कारण उनका आकर्षण पुरुषों के प्रति बढ़ने लगा है।
इस संबंध में सोनम मानती हैं कि लड़कियां भी अब पुरुषों की तरह ही ऊँचे पदों पर हैं और उन्हें किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता जिसके कारण वे भी अपनी इच्छानुसार अपने पार्टनर बदल सकती हैं या अकेले भी रह सकती हैं। वहीं इस मामले में प्रियंका मानती हैं कि जिस तरह पिछले कुछ समय से लोगों कि पसंद में बदलाव आया है उसी तरह महिलाओं में भी बदलाव आना स्वाभाविक है।