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हंगामे के साथ राज्यसभा में भी पारित हो जाएगा एनसीटी शासन विधेयक  

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 को लेकर  पिछले एक हफ्ते से एक बार फिर आमने – सामने हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कड़े विरोध के बीच यह विधेयक सोमवार 22 मार्च  को लोकसभा में पारित हुआ था। इस विधेयक पर आज राज्यसभा में वोटिंग हो सकती है।

राज्यसभा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी  के सदस्यों ने कल 23 मार्च को  राज्यसभा में इस विधेयक  का विरोध करते हुए हंगामा किया, जिससे  विधेयक पर चर्चा शुरू नहीं हो पाई। कई बार थोड़ी-थोड़ी देर के लिए सभा स्थगित कर सहमति बनाने की कोशिश सभापति के चैंबर में हुई, लेकिन बात नहीं बनी। अंत में सदन अगले दिन यानी  आज सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया ।

माना जा रहा है कि आज इस बिल पर वोटिंग हो सकती है। एलजी को सरकार मानते हुए उन्हें ज्यादा अधिकारों से लैस करने का यह विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है।

कल राज्यसभा में जम्मू कश्मीर विनियोग विधेयक के बाद उपसभापति ने गृह राज्यमंत्री किशन रेड्डी को राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 पेश करने के लिए कहा, लेकिन विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बोलने के लिए खड़े हो गए। वहीं आप सांसद अपने नोटिस का हवाला देकर बिल का विरोध करने लगे। खड़गे ने बिल को गंभीर और खतरनाक बताया। हंगामे के बीच ही गृह राज्यमंत्री किशन रेड्डी ने विधेयक को विचार और पारित करने के लिए पेश किया।

विपक्ष के विरोध के चलते कल सदन को कई बार स्थगित किया गया।  सत्तापक्ष की ओर से संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुरलीधरन ने सदन का समय बढ़ाने का अनुरोध किया, लेकिन विपक्ष ने विरोध किया। इस दौरान आसन पर मौजूद वंदना चह्वाण ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं के बीच चर्चा चल रही है। इसलिए  स्थगित किया जाता है।

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह एक चुनी हुई सरकार के अधिकारों को छीनने वाला और लोकतंत्र को बर्बाद करने वाला विधेयक है। उन्होंने कहा, आप इस विधेयक के जरिए उपराज्यपाल को सरकार बनाना चाहते हैं और चुनी हुई सरकार को उनका नौकर बनाना चाहते हैं। आप के नेता  संजय सिंह सहित अन्य सदस्यों ने भी इस विधेयक का विरोध किया। उन्होंने कहा यह संविधान के खिलाफ है। कांग्रेस और आप के कई सदस्य इस बीच आसन के निकट आकर हंगामा करने लगे।

गौरतलब है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कड़े विरोध के बीच यह विधेयक सोमवार 22 मार्च  को लोकसभा में पारित हुआ था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधेयक को राष्ट्रीय राजधानी के लोगों का अपमान करार दे चुके हैं। इसके पहले आप सांसद संजय सिंह ने सभापति को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि इसे राज्यसभा में पेश न होने दिया जाए। उन्होंने पत्र में लिखा कि संविधान में 69वां संशोधन करके दिल्ली में विधानसभा का गठन किया गया था इसलिए एक साधारण विधेयक के जरिये इसमें किया जा रहा बदलाव भारत के संविधान का उल्लंघन है।

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