[gtranslate]
Country Latest news

सुप्रीम कोर्ट RTI के दायरे में आएगा या नहीं?

साल 2009 में दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि चीफ जस्टिस के ऑफिस और सुप्रीम कोर्ट को आरटीआई के अंतर्गत अपनी सूचनाओं को उसी तरह देना चाहिए जिस तरह देश में दूसरी सार्वजानिक ऑथोरिटीस देती है।

2007 में एक कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल ने जजों की संपत्ति जानने के लिए एक आरटीआई दाखिल की। जब इस मामले पर सूचना  देने से इनकार कर दिया गया तो ये मामला केंद्रीय सूचना आयोग के पास पहुंचा। सीआईसी ने सूचना देने के लिए कहा इसके बाद इस मामले को दिल्ली हाई कोर्ट ने चुनौती दी। उन्होंने इस आदेश को बरकरार रखा।

2010 में सुप्रीम कोर्ट के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए। इस साल सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखा।

सीजेआई ऑफिस में आरटीआई लागू हो या ना हो पांच जजों की सविंधान पीठ इसपर एक महत्वपूर्ण फैसला आज दोपहर दो बजे सुनाने वाली है कि ये आरटीआई के दायरे में आएगा या नहीं।

 

You may also like

MERA DDDD DDD DD