[gtranslate]
Country

क्या भारत बनेगा 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था ?

विश्व के साथ-साथ भारत की अर्थव्यवस्था भी महामारी के चलते तितर-बितर हो गई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के 2022 के डेटा में यह अनुमान जताया गया है कि भारत को बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में अभी और समय लगेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक इस लक्ष्य को हासिल करने का दावा किया है। ऐसे में भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना मुश्किल लग रहा है। वहीँ दूसरी तरफ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा करते हुए कहा है कि भारत आने वाले समय में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर कर सामने आएगा। महामारी के समय में देश के उत्थान के लिए बनाई गई योजनाएं इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं।

बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईएमएफ के डेटा से ये बात सामने आई है कि भारत का लक्ष्य 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था वर्ष 2029 तक हासिल कर सकता है। भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को हासिल करने में 4 साल की देरी हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के डेटा में यह अनुमान जताया गया है कि भारत को इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में अभी और समय लग सकता है।

वित्त मंत्री के अनुसार, भारत डॉलर मूल्य में 3 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी के आंकड़े को पार चुका है। नागेश्वरन ने कहा था कि यदि हम 8-9 फीसदी की वास्तविक जीडीपी को कायम रखने में सफल रहते हैं तो यह डॉलर के हिसाब से 8 फीसदी विकास दर होगी। कोरोना महामारी से पहले और बाद में किए गए सुधार यह सुनिश्चित करेंगे.वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2030 को समाप्त होने वाले दशक में भारत का स्थान दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा।

क्रिप्टोकरंसी से बढ़ता खतरा

वित्त मंत्री ने क्रिप्टोकरंसी के बढ़ते खतरे पर चिंता जताते हुए कहा कि इसका इस्‍तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग में हो सकता है। सीतारमण ने वॉशिंगटन डीसी में अटलांटिक काउंसिल की ओर से आयोजित चर्चा में कहा कि भारत का आर्थिक सुधार विशिष्ट और स्पष्ट रहा है।  कोरोना महामारी से पहले और बाद में भारत ने कई संरचनात्मक सुधार किए और महामारी को भी अवसर में बदला।

वहीं, सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ओर से मनी पर आयोजित एक अन्य चर्चा में मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को सभी देशों के लिए खतरनाक करार देते हुए क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क बनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश अकेले इन खतरों का सामना नहीं कर सकता है.सभी देशों के लिए यह मुद्दा चिंता का विषय है।

वैश्विक रणनीति

आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा की मेजबानी में हो रहे इस सत्र में निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस खतरे को रोकने के लिए कोई वैश्विक रणनीति बनानी होगी। वित्तमंत्री ने यह बात ऐसे समय में कही है जबकि भारत क्रिप्टोकरेंसी समेत सभी वर्चुअल डिजिटल संपत्ति को रेगुलेट करना चाह रहा है। सरकार 6 महीने में इस दिशा में ठोस कदम उठा सकती है। भारत ने 1 अप्रैल से क्रिप्टोकरेंसी को 30 फीसदी टैक्‍स के दायरे में भी ला दिया है.

 
 

You may also like

MERA DDDD DDD DD