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क्या CM कराएंगे IPS अधिकारियों की सीबीआई जांच?

गौतमबुद्ध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण के कथित तीन अश्लील वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। इसी दौरान उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक समाजसेविका के मांग पत्र पर सबकी निगाहें है। खासकर सूबे के उच्चाधिकारियों के वर्ग आईएएस और आईपीएस की। लखनऊ की समाज सेविका डॉ नूतन ठाकुर ने गौतम बुद्ध नगर के एसएसपी वैभव कृष्ण के कथित अश्लील वीडियो प्रकरण के सामने आने के बाद उनके द्वारा पांच आईपीएस अफसर अजयपाल शर्मा, सुधीर सिंह, हिमांशु कुमार, राजीव नारायण मिश्रा और गणेश साहा द्वारा ट्रान्सफर-पोस्टिंग का धंधा चलाये जाने तथा षडयंत्र के तहत यह मॉर्फ़ वीडियो बनाने के आरोपों के संबंध में उच्चस्तरीय सीबीआई जांच  की मांग की है।

जिस तरह से मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी प्रदेश में जीरो टोलरेंस सरकार का दावा करते है ऐसे में उनके अगले आदेशों को लेकर अभी से चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। चर्चा है कि अगर गौतमबुद्ध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण की कथित अश्लील वीडियों की जाँच शुरू हो चुकी है। हो सकता है कि जल्द ही सीएम आईपीएस अधिकारियों के प्रकरण  की जांच के लिए मामले को केन्द्र सरकार के पाले में डाल दे। हालांकि इस मामले को सूबे के आईपीएस अधिकारियों की आपसी लड़ाई कहकर सरकार द्वारा ढील दिए जाने के प्रयास भी चर्चा में है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे अपने पत्र में नूतन ने कहा कि वैभव कृष्ण ने पूर्व में इन अफसरों द्वारा थानाध्यक्षों की ट्रान्सफर पोस्टिंग में 30 लाख से 80 लाख लेने की शिकायत अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजीपी ओ पी सिंह को की थी। लेकिन इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, जो अत्यंत आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि ये सभी अफसर ओ पी सिंह के ख़ास माने जाते हैं।

नूतन ने वैभव कृष्ण के रिपोर्ट की सीबीआई जाँच की मांग की है। साथ ही उन्होंने उनसे संबंधित वीडियो की उनसे जूनियर अफसर सुमन सौरभ की जगह प्रदेश के बाहर के साइबर सेल से जाँच की भी मांग की है। गौतमबुद्ध नगर के एसएसपी के तीन कथित वीडियो बुधवार को वायरल हो गए। इससे पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच गया। इनमें वह लेटे हुए लड़की से चैटिंग करते दिखाई दे रहे हैं। माना जा रहा है कि इस वीडियो को चैट करने वाली लड़की ने खुद ही रिकार्ड किया है और फिर उसे साजिश के तहत वायरल किया गया है।

कथित वीडियो के वायरल होने के बाद देर शाम करीब साढ़े आठ बजे एसएसपी वैभव कृष्ण ने अपने कैंप आवास पर पत्रकार वार्ता बुलाई। उन्होंने कहा कि उनके नाम से तीन फर्जी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे हैं, जिनमें पीछे से किसी लड़की की आवाज सुनाई दे रही है। यह वीडियो साजिश के तहत उन्हें बदनाम करने के लिए वायरल किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि उनके द्वारा भ्रष्टाचार से संबंधित कुछ अति संवेदनशील प्रकरणों में प्रशासनिक रिपोर्ट एक माह पहले मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी गई थी। जिसमें कुछ अधिकारियों, पत्रकारों, सफेदपोशों के नाम थे। इसके साथ ही कई बड़े भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों और दलाली व उगाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। उन्होंने बताया कि इस सबके बाद से ही वह बौखलाए हुए थे और संभवत: उन्होंने ही यह साजिश रची है। इस मामले में सेक्टर 20 थाने में अज्ञात के खिलाफ आईटी एक्ट के सेक्शन 67 और 67 ई में मुकदमा दर्ज किया गया है।

यह है नूतन का वह पत्र

 

सेवा में,
श्री योगी आदित्यनाथ,
मुख्यमंत्री,
उत्तर प्रदेश,
लखनऊ
विषय- श्री वैभव कृष्ण, वर्तमान एसएसपी नॉएडा से संबंधित विभिन्न प्रकरण विषयक
महोदय,
       कृपया अनुरोध है कि आज दिनांक 02/01/2020 को विभिन्न समाचारपत्रों में श्री वैभव कृष्ण, आईपीएस, वर्तमान एसएसपी नॉएडा से संबंधित तमाम समाचार प्रकाशित हुए हैं. इन समाचारों में मुख्य रूप से श्री वैभव कृष्ण का एक कथित अश्लील विडियो वायरल होने तथा इस संबंध में थाना सेक्टर-20, जनपद नॉएडा में अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होने तथा श्री वैभव कृष्ण द्वारा पत्रकारों को 5 पृष्ठ का एक प्रेस नोट देकर 5 आईपीएस अफसर श्री अजयपाल शर्मा, श्री सुधीर सिंह, श्री हिमांशु कुमार, श्री राजीव नारायण मिश्रा तथा श्री गणेश साहा द्वारा ट्रान्सफर-पोस्टिंग का धंधा चलाये जाने तथा श्री कृष्ण द्वारा इस संबंध में आपके कार्यालय, गृह विभाग तथा डीजीपी से पत्राचार करने के कारण इन अफसरों द्वारा षडयंत्र के तहत इस विडियो को मॉर्फ़ कर जारी किये जाने के आरोप सम्मिलित हैं.
इस संबंध में समस्त महत्वपूर्ण समाचारों में प्रकाशित समाचार संलग्न हैं, जिनसे समस्त तथ्य स्वतः ही स्पष्ट हो जाते हैं. श्री वैभव कृष्ण के कथित नोट मे इन अफसरों द्वारा थानाध्यक्षों की पोस्टिंग, ट्रान्सफर में 80 लाख, 30 लाख, 40 लाख, 50 लाख जैसी बड़े-बड़े धनराशि मांगे जाने की शिकायतें अकित हैं.
श्री कृष्ण के अनुसार उन्होंने आपके कार्यालय, अपर मुख्य सचिव गृह तथा डीजीपी को इस संबंध में विस्तृत तथा तथ्यात्मक आख्या साक्ष्य सहित प्रेषित की जिसके कारण उनके विरुद्ध यह षडयंत्र कर अश्लील विडियो जारी किया गया है. जाहिर है कि ये सभी अत्यंत गंभीर आरोप हैं, जिसमे ट्रान्सफर-पोस्टिंग के नाम पर लाखों-करोड़ों लेने की बात स्वयं एक आईपीएस अफसर द्वारा कहा गया है.
यह अत्यंत कष्ट तथा घोर आपत्ति का विषय है कि श्री वैभव कृष्ण द्वारा इस रिपोर्ट के बाद भी आपके कार्यालय, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी तथा डीजीपी श्री ओ पी सिंह ने इसमें कुछ नहीं किया. यह भी सार्वजनिक चर्चा में है कि ये सभी अफसर श्री अजयपाल शर्मा, श्री सुधीर सिंह, श्री हिमांशु कुमार, श्री राजीव नारायण मिश्रा तथा श्री गणेश साहा डीजीपी श्री ओ पी सिंह के अत्यंत ख़ास तथा प्रिय माने जाते हैं जिन्हें निरंतर अच्छी पोस्टिंग दी जा रही है.
अतः इस प्रकरण में सीबीआई से उच्चस्तरीय तथा निष्पक्ष जाँच की तत्काल आवश्यकता है ताकि आप द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध कही जा रही बात वास्तव में चरितार्थ हो तथा इस प्रकरण में उच्चतम स्तर तक जो भी व्यक्ति सम्मिलित हैं, उनके खिलाफ कठोरतम कार्यवाही हो सके.
साथ ही मैंने श्री वैभव कृष्ण से जुड़ा 0.26 तथा 0.41 मिनट का विडियो भी देखा है जो स्पष्टतया अश्लील है. यद्यपि यह एक व्यक्तिगत हरकत से संबंधित है किन्तु एक आईपीएस अफसर से इस प्रकार एक अन्य महिला से इस प्रकार का कथित कार्य निश्चित रूप से अपेक्षित नहीं है. संभव है कि यह विडियो फर्जी हो किन्तु यह भी संभव है कि यह विडियो सही हो. जो ही हो, इस विडियो की अच्च्स्तारिय जाँच आवश्यक है.
वर्तमान में डीजीपी श्री ओ पी सिंह ने इसकी जाँच श्री सुमन सौरभ को सौंपी है, जो 2014 बैच के हैं तथा श्री कृष्ण से 4 वर्ष जूनियर हैं. यह स्पष्टतया आपत्तिजनक एवं अनुचित है. जाहिर है कि एक जूनियर अधिकारी से इसकी निष्पक्ष जाँच नहीं हो सकती है.
अतः कृपया इस कथित विडियो की जाँच उत्तर प्रदेश से बाहर के किसी साइबर सेल से करवाए जाने की कृपा करें ताकि इसकी सत्यता वास्तविक रूप में सामने आ सके.
साथ ही जिस प्रकार श्री वैभव कृष्ण ने प्रेस नोट दे कर अपने साथी अफसरों के विरुद्ध तथ्य बताये हैं, उस संबंध में भी जाँच करवाए जाने की कृपा करें कि आखिर ऐसी कौन सी स्थितियां उत्पन्न हुईं कि उन्हें ये तथ्य सार्वजनिक करने पड़े तथा इस स्थिति हेतु कौन-कौन वरिष्ठ अफसर जिम्मेदार हैं, जिन्होंने तथ्यों को जानने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की तथा श्री वैभव कृष्ण को इन तथ्यों को सार्वजनिक करने को बाध्य किया.
कृपया इन जांचों के निष्कर्ष के आधार पर कठोरतम कार्यवाही संपादित करें ताकि भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन का नारा वास्तविक रूप में कार्य करता दिखे.
पत्र संख्या- NT/Complaint/01/20                                                          भवदीय,
दिनांक- 02/01/2020
                                                                                                            (डॉ नूतन ठाकुर)
                                                                                                            5/426, विराम खंड,
                                                                                                      गोमती नगर, लखनऊ

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