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क्या ‘पंचायत से पार्लियामेंट’ पहुंचेगी BJP, योगी का जादू रहेगा बरकरार?

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव लड़ने से पहले केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने ‘पंचायत से पार्लियामेंट’ तक का टैगलाइन चलाकर इस चुनाव को रोमांच रोमांचक बना दिया है। यह पहली बार है जब भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में दिलचस्पी लेकर सभी राजनीतिक दलों को बेचैन कर रही हैं।

त्रिस्तरीय पंचायत के नतीजे कल से ही आने शुरू हो गये हैं। जिला पंचायत सदस्य पद के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। उम्मीद की जा रही है कि जिला पंचायत सदस्य पद के पूरे नतीजे आज देर शाम तक ही आ पाएंगे। पंचायत चुनाव के नतीजे ही बताएंगे कि क्या यूपी में अभी भी योगी का जलवा कायम है। यह नही बल्कि चुनाव का यह इम्तिहान अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी और मायावती सहित कई प्रमुख नेताओं की लोकप्रियता का भी होगा।

यूपी के यह पंचायत चुनाव के नतीजे बताएंगे कि भारतीय जनता पार्टी अभी भी लोगों की नंबर वन पार्टी बनी हुई है या फिर सपा-बसपा और कांग्रेस की सियासी जमीन मजबूत हुई है। इसके अलावा पंचायत चुनाव के उत्तर प्रदेश में सियासी जमीन तलाश रहे आम आदमी पार्टी के संजय सिंह को भी वास्तविकता से रूबरू कराएंगे। नतीजे छोटे दलों की भी तैयारियों की भी पोल खोलेंगे।

देखा जाए तो उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव के लिए पंचायत चुनाव एक सेमीफाइनल बन गए हैं। इस दौड़ में आम आदमी पार्टी, एआईएमआईएम और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद की आज़ाद समाज पार्टी शामिल हैं, जो राज्य में अपनी शुरुआत कर रहे हैं।

गौरतलब है कि यूपी में पहले चरण में 15 अप्रैल, दूसरे में 19 अप्रैल, तीसरे में 26 अप्रैल और चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान हुआ था। राज्‍य में चारों चरणों में ग्राम पंचायत प्रधान के 58,194, ग्राम पंचायत सदस्य के 7,31,813, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 75,808 तथा जिला पंचायत सदस्य के 3,051 पदों के लिए मत डाले गये थे।

उत्तर प्रदेश के राज्य निर्वचन आयोग के अनुसार जिला पंचायत सदस्य के सात, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 2,005, ग्राम पंचायत प्रधान के 178 और ग्राम पंचायत सदस्य के 3,17,127 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। इस प्रकार राज्य में चारों चरणों के चुनाव क्षेत्रों से कुल 3,19, 317 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये जा चुके हैं।

आज दोपहर 12 बजे तक प्रदेश की 1536 जिला पंचायत सीटों पर मिले रुझान और नतीजों के अनुसार भाजपा के उम्मीदवार 491 सीटों पर या तो जीत चुके हैं या आगे चल रहे हैं। जबकि दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी भी भाजपा से टक्कर बनाए हुए है। रुझानों में समाजवादी पार्टी 364 सीटों पर आगे हैं। इसके अलावा बसपा 130 और कांग्रेस 52 सीटों पर आगे है। जबकि निर्दलीय और अन्य ने 499 सीटों पर बढ़त बनाई है।

यह चुनाव सत्ताधारी भाजपा के साथ-साथ विपक्षी समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस के लिए भी अहम है। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। गांव की सरकार के लिए हो रहे इस चुनाव में पार्टियों की असली ताकत जिला पंचायत से तय होगी। उसी पार्टी का जिले में अध्यक्ष बनेगा, जिसके ज्यादा जिला पंचायत सदस्य जीतते हैं। अब तक के रुझान और नतीजों के अनुसार भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच कडी टक्कर हो रही है।

पूर्व कैबिनेट मंत्री व सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को पंचायत चुनाव में झटका लगा है। वाराणसी में उनके भाई की पत्नी रीता राजभर ग्राम प्रधान का चुनाव हार गई हैं।

जबकि भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा के ससुर लालता प्रसाद वर्मा ने लखीमपुर खीरी के जंगबहादुरगंज के मकसूदपुर से चुनाव जीत लिया है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 1177 मतों से हराकर जीत दर्ज की है।

उधर, कुछ दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुईं मुलायम सिंह यादव की भतीजी संध्या यादव को करारी हार का सामना करना पडा है। संध्या ने मैनपुरी जिला पंचायत के वॉर्ड नंबर 18 से चुनाव लड़ा था। वह चुनाव हार गई। इसके अलावा राम गोपाल यादव के करीबी सदर विधायक राज कुमार यादव राजू की पत्नी वंदना यादव जिला पंचायत का चुनाव हार गई हैं। मैनपुरी के वॉर्ड नंबर-28 से उन्हें समाजवादी पार्टी के बागी उम्मीदवार ने हरा दिया है।

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