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जम्मू-कश्मीर के आईजी रैंक के अधिकारी बसंत रथ को क्यों किया गया निलंबित?

जम्मू-कश्मीर के आईजी रैंक के अधिकारी बसंत रथ को क्यों किया गया निलंबित?

जम्मू और कश्मीर कैडर के आईपीएस अधिकारी और सबसे चर्चित चेहरों में से एक बसंत रथ को गृह मंत्रालय की ओर से एक मामले में दुराचार और दुर्व्यवहार के संबंध में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि 2000 बैच के आईपीएस अधिकारी जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक की अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ सकते।

गृह मंत्रालय ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के आईपीएस अधिकारी बसंत रथ को खराब व्यवहार के कारण निलंबित कर दिया गया है। गृह मंत्रालय ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है। गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर के आईपीएस अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है क्योंकि लगातार उनके खिलाफ दुराचार और दुर्व्यवहार से जुड़े कथित मामले प्रकाश में आए हैं।

मंगलवार शाम को जारी हुए इस आदेश में कहा गया है कि 2000 बैच के आईपीएस अधिकारी को तुरंत श्रीनगर में पुलिस मुख्यालय से जोड़ा जाता है। साथ ही बसंत रथ को आदेश दिया गया है कि वो जम्मू-कश्मीर पुलिस के डायरेक्टर जनरल की आज्ञा के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ सकते हैं।

लेटर को मचा था बवाल

हाल ही में बसंत रथ की ओर से एक पत्र लिखा गया था जो कुछ ही समय में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। यह पत्र उनके द्वारा 25 जून को गांधीनगर थाना प्रभारी को लिखा गया था। पत्र में बसंत रथ की ओर से खुद को जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह की मौजूदगी को अपने लिए असुरक्षित बताया गया था।

साथ ही पत्र में एफआईआर दर्ज न करने का आग्रह भी किया गया था। हालांकि, इसे डेली डायरी में दर्ज करने के लिए कहा था। गांधीनगर थाने के प्रभारी गुरनाम चौधरी के ओर से ऐसे किसी भी पत्र मिलने से इंकार कर दिया गया था।

“मैं आपको अपनी सुरक्षा और प्रतिष्ठा के प्रति वास्तविक आशंका को लेकर पत्र लिख रहा हूं। मैं यह देश के आम नागरिक के तौर पर कर रहा हूं। अपनी व्यक्तिगत क्षमता में, न कि लोकसेवक के रूप में, न कि पुलिसकर्मी के रूप में। मैं आपसे उपर्युक्त व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को नहीं कह रहा हूं। मैं आपसे सिर्फ यह कह रहा हूं कि आप इसे अपने थाने में रोजनामचा का हिस्सा बनाएं…अगर मेरे साथ कुछ बुरा होता है, तो आपको पता होना चाहिए कि किसका नंबर आपको डायल करना है।” -आईजी बसंत रथ का कथित लेटर

इस पत्र में जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह का नाम सब्जेक्ट के रूप में दिया गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस पत्र ने केंद्रशासित प्रदेश में विवाद खड़ा कर दिया था।

दरअसल, बीते दिनों आईजी बसंत रथ ने राज्य के डीजीपी दिलबाग सिंह के खिलाफ मोचा खोल रखा था। उन्होंने अपनी जान को डीजीपी से खतरा तक बताया था। साथ ही वह डीजीपी का नाम लिखे बगैर ही वह अपने ट्विटर अकाउंट पर @KangriCarrier से लगातार निशाना बना रहे थे। इन सभी ट्वीट्स में शराब पार्टी से लेकर जमीनों तक की कई बातों का जिक्र किया गया था।

जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। शिकायत पत्र की एक प्रति बसंत रथ की ओर से डीजीपी सिंह को भी दी गई दी थी। बसंत रथ को IGP, होमगार्ड का जिम्मा मिला था। वह साल 2018 में IGP के रूप में प्रमोट हुए थे। सोशल मीडिया में वह जम्मू-कश्मीर में ट्रैफिक नियमों को प्रभावी बनाने की वजह से काफी चर्चा में आए थे। लोगों की पसंद होते हुए भी IGP, ट्रैफिक के रूप में उनका कार्यकाल बेहद अल्पकाल का रहा।

आईजी ट्रैफिक रहते भी हुआ था बवाल

बसंत रथ का विवादों से गहरा नाता है तो वहीं उनकी एक खास बात यह भी है कि वह जहां भी नौकरी पर रहे ज्यादा दिन टिक नहीं पाए। विवादों में रहने के कारण वह कही भी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाए। जम्मू में एसएसपी रहने के दौरान भी वह एक मामले को लेकर चर्चा में थे। तब भी उनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी। जिसके बाद उन्हें होमगार्ड में भेज दिया गया। अधिक समय तक वह वहां तैनात रहे। आईजी बनने के बाद उन्हें ट्रैफिक में लगाया गया। लेकिन विवादों के कारण फिर से हटा दिया गया।

बसंत रथ पहली बार विवादों में नहीं है इससे पहले वह आईजी ट्रैफिक रहते हुए विवादों में थे। बताया जाता है कि अधिकतर बार वह बिना वर्दी के ही सड़कों पर निकल आते थे। इस दौरान कई बार उनके द्वारा मारपीट की गई ऐसे मामले भी प्रकाश में आए। उनके द्वारा एक पत्रकार को भी थप्पड़ मारा गया था। जिसके बाद कई पत्रकारों की ओर से उनके खिलाफ सड़क को बंद कर विरोध प्रदर्शन भी किया गया था। जिसके बाद इस मामले पर रथ की मीडिया कर्मियों के साथ एक मीटिंग की गई। जिससे मामला शांत हो सके। सुलह तो हुई पर उसी दिन शाम को उनका ट्रांसफर कर उन्हें होमगार्ड में लगा दिया गया। उनके ही विभाग के कई अफसरों की ओर से कई बार ट्रैफिक में तैनाती के दौरान भी उनके खिलाफ शिकायतें की गई थी।

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