आज यानी की 7 दिसम्बर को समाजवादी पार्टी ने नए कृषि कानून पर अपने समर्थकों से देश व्यापी विरोध प्रदर्शन करने का आह्वाहन किया था।
इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किसान आंदोलन के समर्थन में लखनऊ में विरोध प्रदर्शन किया क्योंकि प्रदेश की पुलिस का कहना है कि समाजवादी पार्टी को इस प्रदर्शन के आयोजन की अनुमति नहीं दी गयी है। इसलिए पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा यह बताया गया कि कोविड प्रोटोकॉल के चलते बिना प्रशासन की मंजूरी लिए धरने पर बैठने के लिए अखिलेश यादव को हिरासत में लिया गया है।
हिरासत पर एक बड़ा सवाल
पर किसानों के भारत बंद के ठीक एक दिन पहले अखिलेश यादव को इस तरह हिरासत में रखना आखिर किस ओर इशारा करता है ,यह एक बड़ा सवाल है।
इसी वक़्त केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान आंदोलन पर यह कहना कि कांग्रेस ने एपीएमसी लेने की बात अपने एक घोषणा पत्र में पहले ही कहा था तो यह सब विरोध किस लिए ?
किसानों की ज़मीन न बिकेगी न बंधक होगी : रविशंकर प्रसाद
साथ ही उन्होंने अपने कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव पर हमला करते हुए कहा कि जब इस कानून से किसानों की ज़मीन न बिकेगी न बंधक होगी तो फिर यह सब विरोध प्रदर्शन करके क्या दिखाना चाहती है समाजवादी पार्टी ? उन्होंने आगे कहा कि अखिलेश यादव के पिताजी एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव तो पुराने कृषि कानून के संशोधन करने के लिए बनी समिति के सदस्य रहे हैं तो फिर समाजवादी पार्टी आज सड़क पर क्यों उतर रही है ?
उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियां इस कानून का विरोध इसलिए कर रही हैं क्योंकि यह कानून मोदी सरकार लेकर आयी है। ये लोग तब चुप थे जब कांग्रेस कृषि कानून में इसी तरह का बदलाव लाने वाली थी।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जो किसान इस कानून का विरोध कर रहे हैं उन्हें यह समझाने की जरुरत है कि उनकी ज़मीन लीज पर नहीं ली जाएगी। इस कानून में ऐसा कुछ भी नहीं है जो किसान विरोधी हो।
हमारी पार्टी लगातार किसानों को जागरूक करेगी : अखिलेश यादव
आपको बता दें कि, गिरफ़्तारी देने के पहले अपने विरोध प्रदर्शन को लेकर अखिलेश यादव ने कहा था कि,’हमारी पार्टी लगातार किसानों को जागरूक करेगी और इस कृषि विरोधी कानून के खिलाफ लगातार प्रदर्शन तब तक करती रहेगी जब तक सरकार इस कानून को वापस नहीं ले लेती।इस कानून से किसानों का बिल्कुल भी कोई हित नहीं होने वाला। ‘
अखिलेश यादव को घर से निकलते ही बैरिकेडिंग कर रोक लिया
अखिलेश यादव ने 7 दिसम्बर के इस विरोध प्रदर्शन की घोषणा पहले ही कर दी थी जिसमें उन्होंने यह कहा था कि वे 7 दिसम्बर की सुबह अपने आवास से निकलेंगे और कन्नौज जिला पहुँच कर वहां से किसानों के समर्थन में पैदल यात्रा करेंगे। लेकिन पुलिस ने उन्हें घर से निकलते ही बैरिकेडिंग कर रोक लिया और अब अखिलेश यादव सड़क पर ही बैठ कर नए कृषि कानून के विरोध में धरना कर रहे हैं।
कन्नौज पुलिस ने कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी है। यहां तक कि कन्नौज में पार्टी के कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया।
कोविड प्रोटोकॉल क्या सिर्फ किसान आंदोलन को समर्थन करने वालों के लिए ही है ?
इस गिरफ्तारी के पीछे के मंत्वय को लेकर दूसरा महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि कोविड प्रोटोकॉल क्या सिर्फ किसान आंदोलन को समर्थन करने वालों के लिए ही है ?
अभी कुछ दिन पहले ग्रेटर हैदराबाद में नगर निकाय के चुनाव प्रचार के लिए गृह मंत्री अमित शाह की चुनावी रैली में तो किसी तरह का कोविड प्रोटोकॉल नहीं फॉलो किया गया।
अब समाजवादी पार्टी के समर्थकों की देश भर में जगह-जगह गिरफ़्तारी कहीं इस बात की और तो इशारा नहीं कर रही कि सरकार 8 दिसम्बर को होने वाले भारत बंद को सफल नहीं बनाना चाहती है। सड़कों पर विपक्षी पार्टियों के लोगों की संख्या बल कम होगी तो भारत बंद सफल नहीं हो पायेगा।