उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे को चुनाव आयोग का चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मंगलवार को अनूप चंद्र पांडे को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया है। यूपी कैडर के 1984 बैच के आईएएस अधिकारी पांडे पिछले दो दशकों से उत्तर प्रदेश में बनी सभी सरकारों में उच्च पदों पर आसीन रहे हैं।
Shri Anup Chandra Pandey today assumed charge as the new Election Commissioner (EC) of India. Shri Pandey joins the @ECISVEEP as 2nd Election Commissioner in a three- member body headed by Chief Election Commissioner Shri Sushil Chandra and Election Commissioner Shri Rajiv Kumar. pic.twitter.com/ayUp6LTuBv
— Chief Electoral Officer, Madhya Pradesh (@CEOMPElections) June 9, 2021
और वर्ष 2019 में वे उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं, जिसके लिए उन्हें विशेष रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुना था।
नियुक्ति की खबर फैलने के बाद से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण से लेकर सीपीआई (एमएल) नेता दीपांकर घोष सहित कई लोगों ने इस फैसले का विरोध किया है। सीपीआई नेता दीपांकर घोष ने ट्ववीटर पर ट्ववीट करके कहा “उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 से पहले, सेवानिवृत्त यूपी कैडर के आईएएस अनूप चंद्र पांडे को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है।
तीन साल पहले, योगी आदित्यनाथ ने पांडे को उत्तर प्रदेश का मुख्य सचिव नियुक्त किया (30 जून 2018 – 31 अगस्त 2019)। 2024 लोकसभा चुनाव हैं। इनके नेतृत्व में भी आयोजित होने की संभावना है।”
वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने भी अनूप चंद्र पांडे की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए है। उन्होंने अपने ऑफिशियल ट्ववीटर हेंडल से ट्वीट करते हुए कहा कि “जब चुनाव आयुक्त के चुनाव के लिए कॉलेजियम की हमारी मांग भी नहीं सुनी जा रही है, तो सरकार ने आदित्यनाथ के चुने हुए व्यक्ति को चुनाव आयुक्त बना दिया है।
इस सरकार में सभी नियामक निकायों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।”
योगी आदित्यनाथ के करीबी एक शख्स को ऐसे समय में चुनाव आयुक्त बनाया जा रहा है, जब उत्तर प्रदेश में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं, तो इसका क्या मतलब निकाला जाए। कुछ ट्वीट्स में लोग योगी आदित्यनाथ के साथ ली गई तस्वीरों को शेयर कर अनूप चंद्र पांडे की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में अनूप चंद्र पांडेय को एक ऐसे अफसर के रूप में जाना जाता है जो पिछले कई वर्षों से सत्ता के शीर्ष पर मौजूद हैं।
प्रयागराज में कुंभ के आयोजन के काम से लेकर योगी सरकार में पांडेय ने यूपी इन्वेस्टर्स समिट जैसे बड़े आयोजन किए हैं। लेकिन सत्ता के बेहद करीब होने के बावजूद पांडे विवादों से दूरी बनाए रखने के लिए जाने जाते हैं।