[gtranslate]
Country

जांच से क्यों बच रहे हैं केजरीवाल?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी से भी प्रवर्तन निदेशालय सहित कई एजेंसियों ने खूब पूछताछ की थी। दोनों नेताओं को एजेंसियों ने बार-बार नोटिस देकर बुलाया और हर बार उन्होंने एजेंसियों के कार्यालय पर जाकर अपने जवाब दिए। कांग्रेस के दोनों ही शीर्ष नेताओं ने जांच एजेंसी के सामने पेश होने से कभी इनकार नहीं किया लेकिन इसके उलट आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार ईडी के सामने जाने से बच रहे हैं और इन दोनों के बीच आंख मिचौली का खेल पिछले लगभग तीन महीनों से जारी है। यहां तक कि तीन बार प्रवर्तन निदेशालय केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुला चुका है। तीनों ही बार अलग-अलग कारण बताकर वे बचते रहे हैं। ऐसे में बड़ा प्रश्न यही है कि केजरीवाल ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्या उन्हें पूरा विश्वास है कि शराब घोटाले में उनकी संलिप्तता के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है? यदि ऐसा है तो वे जांच से आखिर कब तक बच सकते हैं?

यह भी महत्त्वपूर्ण है कि आम आदमी पार्टी ने अब तक केजरीवाल से जांच के खिलाफ सर्वाेच्च न्यायालय का रुख भी नहीं किया है। जबकि राजनीतिक हस्तक्षेप के आधार पर प्रताड़ित किए जाने के आधार पर वे सर्वाेच्च न्यायालय के सामने जांच से बचने की अपील भी कर सकते थे, लेकिन अब तक उन्होंने ऐसा नहीं किया है। इसका क्या कारण हो सकता है?

जानकारों का कहना है कि मामले की सच्चाई तो जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगी, लेकिन इस पूरे प्रकरण से यही निष्कर्ष निकाले जा रहे हैं कि केजरीवाल को नियमों में बदलाव कर हुए शराब घोटाले में अनियमितता की पूरी जानकारी है। राजस्व विभाग के बड़े अफसर रहे केजरीवाल इस बात को समझ रहे हैं कि जिस तरह और जिन तथ्यों के आधार पर मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। सर्वाेच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील अश्विनी कुमार दुबे के अनुसार यह सभी को पता है कि आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार में कोई भी फैसला अरविंद केजरीवाल के बिना नहीं लिया जाता। ऐसे में जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय के पास अदालत में केजरीवाल को इस पूरे घोटाले के अंतिम लाभार्थी के रूप में सिद्ध करना कठिन नहीं होगा। ऐसी परिस्थिति में उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

गौरतलब है कि इसके पहले मनीष सिसोदिया और संजय सिंह के प्रकरण में आम आदमी पार्टी ने जांच से बचने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उनके तर्कों को स्वीकार नहीं किया। संभवतः यही कारण है कि अरविंद केजरीवाल जानते हैं कि जांच-पूछताछ से बचने की उनकी कोई कोशिश कामयाब नहीं होगी, इसलिए वे अब तक अदालत के पास भी नहीं गए हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो इस पूरे प्रकरण में दो राजनीतिक पक्ष हैं। यदि इस प्रकरण में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की छवि नकारात्मक रूप से प्रभावित होती है, तो भाजपा को इसका लाभ हो सकता है। यदि केजरीवाल दिल्ली में कमजोर होते हैं, तो इससे भारतीय जनता पार्टी दिल्ली में भी मजबूत हो सकती है।

इसके साथ ही जिस तरह से केजरीवाल ने गुजरात और गोवा के विधानसभा चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत की है और लोकसभा चुनाव में इसका सीधा नुकसान भाजपा को होने की आशंका है। हालांकि इस मामले का एक पहलू यह भी है कि यदि अरविंद केजरीवाल इस मामले को एक राजनीतिक मुद्दे के रूप में हाईलाइट करने में सफल हो जाते हैं, तो वे एक बार फिर हीरो बनकर उभर सकते हैं। इसका लाभ उन्हें लोकसभा चुनाव के साथ-साथ आगामी चुनावों में भी मिल सकता है। केजरीवाल जिस तरह एजेंसियों पर आरोप लगा रहे हैं, माना जा रहा है कि उनकी रणनीति यही है कि इस मामले का राजनीतिक दोहन किया जाए। लेकिन इस मामले की गंभीरता के कारण ऐसा होना खासा कठिन है।

You may also like

MERA DDDD DDD DD
bacan4d toto
bacan4d toto
Toto Slot
slot gacor
slot gacor
slot toto
Bacan4d Login
bacan4drtp
situs bacan4d
Bacan4d
slot dana
slot bacan4d
bacan4d togel
bacan4d game
slot gacor
bacan4d login
bacantoto 4d
slot gacor
slot toto
bacan4d
bacansport
bacansport
bacan4d
bacan4d
bacan4d
bacan4d
bacan4d
bacan4d
bacan4d
slot gacor
slot77 gacor
Bacan4d Login
Bacan4d toto
Bacan4d
Bacansports
bacansports
slot toto
Slot Dana
situs toto
bacansports
bacan4d
bacan4d
bacan4d
bacan4d
bacan4d
slot gacor
bacan4d
bacan4d
bacan4d online
bandar slot
bacansport
bacansport
bacan4d slot toto casino slot slot gacor