[gtranslate]
Country

छुट्टी के दिन ईमेल क्यों, यह आदत बिगाड़ सकती है आपकी सेहत !

 

रोमेन गोनॉर्ड की बात को सुनना बेहद ज़रूरी है। अब आप कहेंगे कि हम रोमेन की बात क्यों सुनें! आप रोमेन कि बात इसलिए सुनिये क्योंकि वो आपके सेहत से जुड़ी बेहद गम्भीर और ज़रूरी बात बता रहे हैं। रोमेन फ्रांस की एक IT सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ‘स्माइल’ में टेक्निकल एक्सपर्ट हैं। गोनॉर्ड शुरुआत में ऑफ़िस के ईमेल(E-MAILS) इसलिए देखते थे ताकि कोई महत्वपूर्ण सूचना छूट ना जाए,लेकिन अब उन्हें इसकी आदत हो गई है। आलम यह है कि गोनॉर्ड अब फ़ेसबुक(facebook) या ट्विटर(twitter) टाइमलाइन की तरह ऑफिस के ईमेल भी चेक करते रहते हैं।

 

 

इस मामले में फ्रांस का फ़ैसला जो वर्ष 2015 में आया, वह भी पढ़िए

 

फ्रांस (France) की सरकार ने सप्ताहांत की छुट्टियों को बचाने के लिए पिछले साल एक बड़ा फ़ैसला किया था। फ्रांस(France) ने एक क़ानून बनाया जिसके तहत 50 या ज़्यादा कर्मचारियों वाली कंपनी के लोग ऑफ़िस(office) में काम के घंटे पूरे कर लेने के बाद ईमेल चेक (e-mails) करने के लिए मजबूर नहीं हैं। इस बारे में फ्रेंच मैनेजमेंट कंसल्टेंसी कंपनी ‘एलियस’ (Alias) के चेयरमैन ज़ेवियर लुकेटस कहते हैं, “काम के घंटे ख़त्म हो जाने के बाद ऑफिस के मेल चेक करने या जवाब देने के लिए मजबूर ना होने का अधिकार फ्रांस(france) के लोगों को पसंद आ रहा है और यह व्यवहारिक भी है।” साइंस कंसल्टेंसी कंपनी ‘कॉग्स’ में काम करने वाले गैटन डि लेवियॉन ने इन सब झमेलों से बचने के लिए एक नया तरीका निकाला है। वे क्रोम की एक सर्विस बूमरैंग (Boomerang) का सहारा लेते हैं। यह उनके ईमेल(email) को इनबॉक्स तक पहुंचने में देर करा देता है।

लेवियॉन प्रयास करते हैं कि ऑफ़िस से निकलने के बाद वे ईमेल चेक(email check) ना करें। दिन में 15 मिनट से लेकर 2 घंटे तक वे ईमेल की तरफ देखते भी नहीं हैं।फ्रांस में ‘राइट टू डिसकनेक्ट’ क़ानून बनने के बाद जर्मनी में भी बदलाव की मांग उठ रही हैं, वहां के कर्मचारी संगठन ऐसी मांग करने लगे हैं। यह तो हर कर्मचारी की कहानी है कि छुट्टी के दिन आप ऑफ़िस के कोई काम करें या ना करें, लेकिन अगर आप वहां के ईमेल (email) देखते रहते हैं तो काम से अलग नहीं हो पाते। किसी नौकरीपेशा आदमी के लिए वीक के एंड की छुट्टी से पहले ऑफ़िस का कंप्यूटर लॉगआउट करने से बेहतर पल दूसरा नहीं होता।। ” कंप्यूटर (computer) बंद तो समझिए काम बंद। ईमेल(email) बंद और उसके साथ आने वाला तनाव भी बंद, लेकिन ऐसा हो नहीं पाता।”

जानकारों को लगता है कि हम काम से दूर हो ही नहीं पा रहे हैं। छुट्टी के दिन भी हम घर पर ऑफ़िस के ईमेल देखते रहते हैं, जिसके गंभीर परिणाम हो रहे हैं। असामान्य तौर पर ज़्यादा काम करने से डिप्रेशन(Depression), चिड़चिड़ापन, यहां तक कि हृदय रोग (heart diseases)भी हो सकते हैं।हर सप्ताह के अंत में मिलने वाली छुट्टी काम करने की क्षमता को बनाए रखने और कुछ नया करने के लिए बहुत ज़रूरी है।लेकिन नौकरी की बढ़ती ज़रूरतें हमें ऑफ़िस (office) से अलग होने ही नहीं देतीं।

लगातार काम करने से क्या नुकसान उठाने पड़ सकते हैं ?

 

शुरुआत में इसका असर आपकी प्रोडक्टिविटी पर पड़ती है।जब आप काम करते हैं तो बहुत थके हुए होते हैं। अगर आप इस थकान से बाहर नहीं निकलते तो आपको तमाम तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याएं होने लगती हैं।(Europian) यूरोपियन वर्किंग कंडीशंस सर्वे से मिले आंकड़े ये दिखाते हैं कि ,’जो लोग काम के घंटे (hours) ख़त्म होने के बाद भी काम करते रहते हैं, वे हृदय रोगों और मांसपेशियों के दर्द से ज़्यादा परेशान रहते हैं।लेकिन यह भी तो सच है कि दुनिया को छुट्टियों में ऑफ़िस के ईमेल पर पूरी तरह पाबंदी लगाना भी मंजूर नहीं।

You may also like

MERA DDDD DDD DD