राजस्थान में 2023 के लिए राजनीतिक दलों में जहां उठापटक जारी है। वहीं जीत के लिए भी चौसर बिछनी शुरू हो गई है। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गृह जिले धौलपुर में राजनीतिक सरगर्मियां सबसे ज्यादा देखी जा रही हैं। राज्यसभा चुनावों में क्रॉस वोटिंग कर चर्चा में आई धौलपुर की विधायक शोभारानी कुशवाह ने जिले के सभी गणित बिगाड़ के रख दिए हैं। बीजेपी ने विधायक शोभारानी को पार्टी से निष्कासित किया है। शोभारानी कांग्रेस से दावेदारी ठोकने का संकेत दे रही हैं। लेकिन उन्होंने अभी खुलकर दावा नहीं किया है कि वह किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी। इससे धौलपुर विधानसभा क्षेत्र में असमंजस की स्थिति है।
धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ विधानसभा पहुंची थी। लेकिन राज्यसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी के स्थान पर कांग्रेस के प्रत्याशी को वोट दे दिया। इस क्रॉस वोटिंग से नाराज बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। उस समय विधायक शोभारानी कुशवाह ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और बीजेपी पर वादाखिलाफी के साथ कई आरोप लगाए थे। इसके बाद से धौलपुर विधायक शोभारानी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपनी नजदीकियों को सोशल मीडिया पर प्रदर्शित तो करती हैं लेकिन खुलकर उन्होंने कभी नहीं बोला कि आगामी चुनाव में वे किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी। इसी के चलते उनके विरोधी अपनी रणनीति नहीं बना पा रहे हैं।
धौलपुर विधायक शोभारानी बीजेपी से जब चुनाव लड़ीं। तब उनके ही जीजा शिवचरण कुशवाह कांग्रेस से उनके सामने थे। इस बार कई दिग्गज कांग्रेस के टिकट से अपनी दावेदारी ठोक रहे थे लेकिन शोभारानी के बीजेपी से निष्कासन और उनकी कांग्रेस से लड़ने की संभावनाओं को देखते हुए उन दावेदारों के लिए मुश्किल हो गई है जो उनके खिलाफ कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। अशोक गहलोत से नजदीकी और जातिगत समीकरण के आधार पर शोभारानी एक मजबूत कैंडिडेट हैं। यदि वे कांग्रेस से चुनाव लड़ने का मन बनाती हैं तो उन्हें आसानी से कांग्रेस की टिकट मिल जाएगी। इसी के चलते वे कैंडिडेट को जो कांग्रेस के टिकट पर शोभारानी से चुनाव लड़ने का प्लान कर रहे थे। अब उन्हें चुनाव लड़ने के लिए नई पार्टी तलाश करनी पड़ रही है।
इधर बीजेपी दो धड़ों में बंटी हुई है। एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गुट के लोग हैं जिन्हें बीजेपी पूछ नहीं रही। दूसरे पुनिया गुट हैं। धौलपुर बीजेपी के सभी पदाधिकारी पुनिया गुट के लोग हैं। ऐसे में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि बीजेपी किस पर दांव खेलती है। अभी तक के निकाय और पंचायत चुनावों में देखने को मिला है कि बीजेपी के पुनिया गुट के लोगों ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे गुट के लोगों के टिकट काटे। तो वहीं वसुंधरा गुट के लोगों ने चुनावों में भीतरघात किया, जिससे बीजेपी के कैंडिडेट चुनाव हारे। ऐसे में कौन विधानसभा चुनाव में बीजेपी का उम्मीदवार होगा, इसे लेकर असमंजस है। पार्टी बीजेपी के ही किसी नेता को टिकट देगी या वे उम्मीदवार जो कांग्रेस में रहकर कभी शोभारानी से चुनाव लड़ना चाह रहे थे, उन पर दांव खेलेगी। इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि विधायक शोभारानी ने धौलपुर के चुनावी समीकरण को बदल कर रख दिया है।