सीएए के ख़िलाफ़ दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे प्रोटेस्ट को पौने दो माह हो गए है। तब से यहा प्रदर्शन चल रहा है। इस प्रदर्शन ने कई सवाल पैदा किए हैं। इनके जवाब जानने के लिए हर कोई उतावला है। हालांकि, बताया यह भी जा रहा है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम इसकी जाँच में जुटी है। लोगों के जेहन में सवाल आ रहे है कि प्रदर्शन के लिए धन का प्रबंध कौन कर रहा है?
प्रदर्शनकारियों के खाने-पीने के लिए खर्चा कहाँ से आ रहा है? उनका खर्च कौन उठा रहा है? हालांकि इस मामले में जिस तरह के वीडियो सामने आए हैं उससे कई सवाल पैदा हो रहे है। सवाल यह है कि यह किसकी साजिश है या राजनीति? कहीं प्रदर्शनकारी किसी के हाथों की कठपुतली तो नहीं हैं? सूत्रों अनुसार, इस मामले की जॉंच की जा रही है। दो दिन पूर्व ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब तलाशने के क्रम में शाहीन बाग से एक प्रदर्शनकारी ने जो खुलासे किए वह हैरान करने वाला था। असलम तूफानी नामक एक प्रदर्शनकारी का वीडियो वायरल भी हो रहा है।
जब आसिफ तूफानी से पूछा गया कि आखिर इस प्रदर्शन के लिए पैसा कहाँ से आ रहा है? तो आसिफ ने जवाब दिया कि उसे ये सब मालूम नहीं है। लेकिन, उनके लिए ये सब अल्लाह कर रहे हैं और उन्हें मिलने वाली सब सुविधा कुदरती मदद है। वे अल्लाह के बंदे हैं और उन्हें इंसान ने पैदा नहीं किया। सब ऊपर वाले ने किया। इस मामले में एक न्यूज चैनल की वायरल वीडियो में इसे देखा जा सकता है कि चैनल का पत्रकार आसिफ तूफानी की बात सुनकर उन्हें समझा रहे हैं। लोग उनकी इस बात पर यकीन नहीं करेंगे कि प्रदर्शन के लिए अल्लाह पैसे भेजते हैं।
लेकिन आसिफ फिर भी अपनी बात पर अडिग रहता है और वही बात दोहराता है कि उसे कुछ नहीं मालूम बस उनके लिए सब अल्लाह कर रहे हैं। वायरल वीडियो में आसिफ को स्पष्ट तौर पर कहते सुना जा सकता है कि उन्हें कुदरती रूप से सारा सामान सुबह एक जगह पर रखा मिलता है और वो सिर्फ़ उसे उठाकर बाँटने का काम करते हैं। जिसे सुनकर न्यूज चैनल के पत्रकार कहते हैं कि वो उम्मीद करते हैं कि ऐसा चमत्कारी खाना उन सब लोगों को मिले। जिन्हें खाने की जरूरत हैं।
गौरतलब है कि एबीपी द्वारा शाहीन बाग प्रदर्शन की इस रिपोर्टिंग की 1.40 मिनट की यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर शेयर हो रही है। लोग ये कहकर मजाक उड़ा रहे हैं कि शाहीन बाग पर अब चमत्कार भी होने लगे हैं। लोगों का कहना है कि अब बस देखना ये है कि अल्लाह आखिर कब तक इनका खर्चा वहन करते हैं। कुछ गृह मंत्रालय और गृहमंत्री को टैग करके बता रहे हैं कि वे लोग भी देखें कि ये कुदरती सहायता कैसे आ रही है।
सूत्रों के मुताबिक यह भी पता लगाया जा रहा है कि प्रदर्शन में शामिल जो लोग यहां आ रहे हैं क्या उन्हें प्रतिदिन के हिसाब से कोई पेमेंट तो नहीं की जा रही है? अगर पेमेंट नहीं भी की जा रही है तो क्या उनके और उनके पूरे परिवार के खाने-पीने का पूरा बंदोबस्त तो यहां से नहीं किया जा रहा? जिसकी वजह से यहां कुछ लोग लगातार धरने पर बैठे हुए हैं। बताया जा रहा है कि सुबह-शाम और रात की भीड़ का भी आंकलन किया जा रहा है। इसमें देखा जा रहा है कि प्रदर्शन में शामिल कितने लोग ऐसे हैं जो केवल रात को दिखाई देते हैं? कितने लोग ऐसे हैं जो सुबह-शाम या दोपहर में ही दिखाई देते हैं ? पता चला है कि शाहीन बाग प्रोटेस्ट के पीछे अपना दिमाग लगा रहे मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश भी की जा रही है।