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चाचा – भतीजा की यारी में षडयंत्रकारी कौन ?

उत्तर प्रदेश में यादव कुनबा एक बार फिर इकठ्ठा हो रहा है। जिसके मद्देनजर लगता है कि समाजवादी पार्टी में फिर एकता की तैयारी है। अखिलेश यादव साफ कह चुके हैं कि चाचा शिवपाल सिंह सपा में लौटना चाहें तो उनका स्वागत है। लेकिन शिवपाल कह रहे हैं कि कुछ लोग इस एकता में बाधा बने हुए हैं। तो सवाल ये है कि ये षड्यंत्रकारी कौन हैं। जो चाचा और भतीजे को साथ नहीं देखना चाहते हैं ?

दो दिन पूर्व शिवपाल सिंह ने सपा में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर बयान दिया था कि कुछ षड्यंत्र कर रहे लोग ऐसा होने नहीं देना चाहते। इसके साथ ही उन्होंने ऐसी इच्छा जताई थी कि उन्हें सपा में शामिल होने में कोई दिक्कत नहीं है।

ऐसे में अब ये सवाल उठ रहा है कि शिवपाल किसकी ओर इशारा कर रहे हैं और सपा में ऐसे कौन से तत्व हैं। हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शिवपाल का बयान आने के बाद साफ कहा था कि पार्टी में जो लौटना चाहे, उसका स्वागत है।
सपा में चाचा के स्वागत के लिए अखिलेश तैयार हैं लेकिन उनकी पार्टी ने शिवपाल की विधानसभा सदस्यता खत्म करने की अर्जी भी विधानसभा अध्यक्ष को दे रखी है। तो ये दोतरफा रुख आखिर अखिलेश ने क्या किसी के कहने पर बनाया है।
क्या सदस्यता खत्म करने की चिट्ठी भेजे जाने की वजह से शिवपाल सिंह कह रहे हैं कि उनकी वापसी की राह में षड्यंत्रकारी रोड़ा अटका रहे हैं। पहले भी शिवपाल यादव ने अपने चचेरे बड़े भाई रामगोपाल का नाम लेकर कहा था कि वो सपा में एकता नहीं होने देना चाहते।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में शिवपाल ने रामगोपाल के बेटे के खिलाफ फिरोजाबाद में संसदीय चुनाव भी लड़ा था। हालांकि दोनों ही लोग चुनाव नहीं जीत पाए। अब सबकी नजर इस पर है कि षड्यंत्रकारियों को परे खिसकाकर अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल को सपा में ससम्मान वापस लाते हैं। या षड्यंत्र रचने वाले शिवपाल की विधानसभा सदस्यता खत्म कराने में कामयाब रहकर चाचा-भतीजे में दूरी और बढ़ाने में कामयाब होते हैं।

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