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व्हाइट विडो क्रिमिनल की कहानी

 

ब्रिटेन की एक महिला जिसे लोग व्हाइट विडो के नाम से जानते है। यह कोई आम महिला नहीं है यह वह महिला है जिसने अपनी मासूमियत और खूबसूरती की आड़ में अपने काले कारनामों को अंजाम दिया। इसका असली नाम समांथा ल्यूथवेट था। समांथा ने ब्रिटेन के कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की। पढाई के बाद उसने उसी कॉलिज के 26 नागरिकों को जान से मार दिया। इसके बाद उसने 3 लोगों को केन्या में भी मारा।

 

दरअसल, समांथा ल्यूथवेट उत्तरी आयरलैंड में पैदा हुई थी और उसका पालन-पोषण इंग्लैंड में हुआ था। जब वह थोड़ी समझदार ही हुई थी तब उसके माता-पिता का डिवोर्स हो गया। साल 2005 के वक्त इराक में युद्ध चल रहा था और ब्रिटेन में भी इसके खिलाफ प्रदर्शन चल रहे थे। यहीं से समांथा की जिंदगी में एक बड़ा ट्विस्ट आया। समांथा ने इराक में चल रहे युद्ध के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लेने लगी। इसी दौरान उसकी मुलाकात एक लड़के जर्मेन लिंडसे से हुई। वह भी इराक में हुए इन हमलों का विरोध कर रहा था। जर्मेन इस्लाम कबूल कर चुका था। समांथा उसको पसंद करती थी। फिर धीरे-धीरे समांथा ने भी उसका धर्म अपना लिया।

विरोध प्रदर्शन में भाग लेते-लेते समांथा में ब्रिटेन और अमेरिका को लेकर नाराजगी बढ़ने लगी। फिर उसने सोमालिया के आतंकी संगठन अल शबाब से जुड़ने का फैसला किया। इसी साल लंदन में एक ट्रेन में फिदायीन हमला हुआ। इसमें समांथा के पति की भी मौत हो गई, लेकिन बाद में जो खुलासा हुआ वो चौंकाने वाला था। लंदन की ट्रेन में हुए इस आत्मघाती हमले में 26 लोग मारे गए थे। बाद में जांच में सामने आया था कि कोई बुर्का पहने महिला इसे लीड कर रही थी और वो समांथा ही थी। लेकिन पुलिस को बड़े ही शातिर तरीके से समांथा ने चकमा दे दिया और देश छोड़कर केन्या चली गई।

सूत्रों के हवाले से साल 2012 में केन्या के मोम्बासा में भी समांथा ने हमला करवाया था। इसमें 3 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, कई लोग घायल हुए थे, इसके बाद समांथा के लिए रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया था। लेकिन वो कभी पकड़ी नहीं गई, बाद में समांथा का कई आतंकी संगठनों के साथ कनेक्शन सामने आया। समांथा व्हाइट विडो के नाम से मशहूर हुई और बाद में उस पर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई गई।

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