व्हाइट हाउस ने कुछ ही दिनों पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर अकाउंट को फॉलो किया था। लेकिन अब व्हाइट हाउस ने उन्हें अनफॉलो कर दिया है। बुधवार को इसपर व्हाइट हाउस ने सफाई देते हुए कहा कि वे राष्ट्रपति की यात्रा के समय मेजबान देशों के अधिकारियों के ट्विटर अकाउंट को कुछ अवधि के लिए ही फॉलो करते हैं जिससे वे यात्रा के समर्थन में उनके संदेशों को रीट्वीट कर सकें।
फरवरी के अंतिम हफ्ते में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के वक्त व्हाइट हाउस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री कार्यालय, अमेरिका में भारतीय दूतावास, भारत में अमेरिकी दूतावास और भारत में अमेरिकी राजदूत, केन जस्टर के ट्विटर अकाउंट को फॉलो किया था। जबकि इस हफ्ते के आरंभ में व्हाइट हाउस ने सभी छह अकाउंट्स को अनफॉलो कर दिया है।
व्हाइट हाउस के बयान
इसपर एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, “व्हाइट हाउस का ट्विटर अकाउंट सामान्य रूप से अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ ट्विटर अकाउंट और अन्य अकाउंट को फॉलो करता है। उदाहरण के तौर पर राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान अकाउंट संक्षिप्त अवधि के लिए मेजबान देश के अधिकारियों, नेताओं के अकाउंट को फॉलो करता है ताकि यात्रा के समर्थन में किए जाने वाले ट्वीट को रीट्वीट किया जा सके।”
अधिकारी ने यह जवाब उस सवाल पर दिया जिसमें व्हाइट हाउस की ओर से भारतीय राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य भारतीय अधिकारियों के ट्विटर अकाउंट को फॉलो और उसके बाद अनफॉलो करने का कारण पूछा गया। व्हाइट हाउस के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के अकाउंट को ट्विटर पर अनफॉलो करने को लेकर सोशल मीडिया पर बहुत सी प्रतिक्रियाएं सामने आई थीं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी थी।
अब इनको करता है फॉलो
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा, “मैं व्हाइट हाउस द्वारा ट्विटर पर हमारे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ‘अनफॉलो किए जाने’ से निराश हुआ हूं।” गांधी कहते कि इसपर विदेश मंत्रालय को संज्ञान लेना चाहिए। गौरतलब है कि व्हाइट हाउस ने 10 अप्रैल को पीएम मोदी और भारत के पांच ट्विटर हैंडल को फॉलो करना प्रारम्भ किया था। अमेरिका कभी किसी अन्य देशों या उसके राष्ट्राध्यक्षों के ट्विटर हैंडल को फॉलो नहीं करता। पर भारत के ये हैंडल्स अपवाद स्वरूप फॉलो किए थे। लेकिन अब अमेरिका ने अपने रुख में बदलाव किया है और अब व्हाइट हाउस अमेरिका के बाहर किसी को भी फॉलो नहीं कर रहा है।