जैसे-जैसे लॉकडाउन -3 की डेटलाइन 1 7 मई नजदीक आती जा रही है, वैसे ही लोगों की धड़कन बढ़ती जा रही है। कारण है कोरोना महामारी में दिनों-दिन होती बढ़ोतरी। कहा जा रहा था कि लॉकडाउन के तीसरे चरण में यह बीमारी कम होगी। लेकिन इसकी बजाय कोरोना पीड़ितों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। इन सब बातों को लेकर एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से वार्ता करेंगे।
जबसे लॉकडाउन लगा है तब से प्रधानमंत्री मोदी प्रदेश के सभी मुख्यमंत्रियों से चार बार विडियो कांफ्रेस में के जरिए बात कर चुके हैं। कल मोदी पांचवीं बार बात करेंगे। जिसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ताजा हालातों का जायजा लिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी मुख्यमंत्रियों से वार्ता करेंगे कि लॉकडाउन को 17 मई के बाद आगे बढ़ाना चाहिए या बाहर आ जाना चाहिए। हालांकि जैसे हालात हो रहे हैं उससे लगता नहीं है कि लॉकडाउन से बाहर आ जाएगे।
जैसे हालात अब हो रहे हैं वह दिनोंदिन चिंता का कारण बनते जा रहे हैं । पहले जैसे इसके लिए जमातियों को जिम्मेदार माना गया था, इसी तरह अब शराब के ठेके खुलने के बाद वहां लगी भीड़ और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करना भी कोरोना वायरस के बढ़ने का कारण माना जा रहा है। जब से सभी प्रदेशों में शराब के ठेके खोले गए हैं और लंबी-लंबी लाइनें लगी है तब से कोरोना संक्रमित पीड़ितों की संख्या में इजाफा हुआ है। फिलहाल स्थिति गंभीर होती जा रही है।
इसके साथ ही अर्थव्यवस्था को लेकर भी चिंता जताई जाने लगी है। जिस तरह से उद्योग धंधे बंद है और कंपनियों की मशीनें नहीं चल रही है, उससे भी अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है। हालांकि, इसमें ढील देते हुए कुछ कंपनियों को खोलने की स्वीकृति दे दी गई है । लेकिन देखने में यह आ रहा है कि एक सप्ताह पूर्व जो कंपनियों को खोलने की परमिशन दी गई थी वह अभी तक भी धरातल पर उतरती नहीं दिख रही है।
फिलहाल प्रवासी मजदूर सबसे ज्यादा बड़ी समस्या के रूप में सामने आए हैं। प्रवासी मजदूरों का अपने-अपने गृह प्रदेशों में जाने को लेकर रेलवे स्टेशनों पर लग रही भीड़ सरकार के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है।