रविशंकर राजभवन जाएंगे तो जावेड़कर और हर्षवर्धन संगठन में बिठाए जाएंगे
हाल में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना मंत्रिमंडल विस्तार किया। जिसमें पार्टी के तीन वरिष्ठ नेताओं रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर और डॉ. हर्षवर्धन को बाहर का रास्ता दिखा दिया। हालांकि मंत्रिमंडल से बाहर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ भी किए गए थे, लेकिन निशंक को लेकर इतनी हैरानी नहीं दिखाई दी जितनी कि रविशंकर प्रसाद, जावेड़कर और हर्षवर्धन के बारे में है। लोग मोदी के मंत्रिमंडल से इन सीनियर नेताओं के बाहर होने के तरह-तरह के कयास लगाए रहे हैं ।
अधिकतर लोगों की समझ में नहीं आ रहा कि आखिर इन तीनों की बेहतर परफोर्मेंस होने के बावजूद इनको मंत्रिमंडल से बाहर क्यों किया गया। हालांकि कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के बारे में चर्चा है कि उन्हें ट्विटर विवाद के चलते हटाया गया। लेकिन ट्विटर विवाद इतना बड़ा विवाद भी नहीं था कि उन्हें महत्वपूर्ण मंत्रालय से बाहर कर दिया गया। इसी तरह प्रकाश जावेड़कर को पर्यावरण मंत्रालय से छुट्टी कर दी गई। जबकि डॉ. हर्षवर्धन को स्वास्थ्य मंत्रालय से हटाया गया। ऐसे में कयासबाजियों का दौर शुरू है। लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। फिलहाल भाजपा के सामने एक सवाल यह भी है कि वह इन सीनियर नेताओं को आखिर कहां एडजस्ट करेगी?
कहा जा रहा है कि रविशंकर प्रसाद को तमिलनाडु का राज्यपाल बनाया जा सकता है। राज्यपाल बनने का मतलब राजनीति में आखरी सीढ़ी होता है। इसी के साथ ही प्रकाश जावेड़कर के बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वह संगठन में लिए जा सकते हैं। प्रकाश जावेड़कर के बारे में राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि वह भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बनाए जा सकते हैं।
गत रविवार को इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की बातचीत हुई थी। तब से कयासों का दौर ज्यादा शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि प्रकाश जावेड़कर को संगठन में बेहतर काम करने का अनुभव रहा है। अगले साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा ऐसे में जावेड़कर को राष्ट्रीय महामंत्री बना सकती है।
वैसे भी बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड में अभी 4 पद खाली हैं। भूपेंद्र यादव के मंत्री बनने के बाद उनकी जगह पर कोई नया महासचिव भी बनाया जाना है। जावेड़कर के साथ ही डॉक्टर हर्षवर्धन की भी चर्चा है कि उन्हें संगठन में ही महत्वपूर्ण मंत्रालय पद दिया जा सकता है।