देश की सबसे पुरानी और सबसे ज्यादा समय तक राज करने वाली पार्टी एक दशक से आंतरिक कलह से जूझ रही है। इस कलह के चलते एक के बाद एक कई दिग्गज नेता पार्टी छोड़ चुके हैं और कई लाइन में हैं। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला कब खत्म होगा। दरअसल ‘कांग्रेस छोड़ने का सीरियल एक निश्चित अंतराल पर नया सीजन आता रहता है। कुछ ही दिनों पहले कांग्रेस का हाथ छोड़ने वाले दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद का सीजन चल रहा है। अभी कांग्रेस की धारावाहिक का यह सीजन थोड़े दिन चलेगा। सवाल है कि उसके बाद क्या? अगला सीजन किसका होगा?
आजाद से पहले पंजाब के सुनील जाखड़ का सीजन था और उससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह का था। अश्विनी कुमार ने भी पार्टी छोड़ी थी लेकिन उनकी कोई राजनीतिक हैसियत नहीं थी तो वह सीजन ज्यादा चला नहीं। इसी तरह आरपीएन सिंह के कांग्रेस छोड़ने का सीजन भी ज्यादा नहीं चला क्योंकि उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना नहीं साधा। उससे पहले सबसे हिट सीजन ज्योतिरादित्य सिंधिया का था। उन्होंने कांग्रेस छोड़ी तो पार्टी की विधिवत चुनी गई पूर्ण बहुमत की सरकार गिरा दी थी। बीच में एक-एक एपिसोड वाले कई सीजन आए-गए।

अब सवाल है कि अगली बारी किसकी है? क्या आनंद शर्मा कांग्रेस छोड़ेंगे? गुलाम नबी आजाद की तर्ज पर उन्होंने भी अपने गृह राज्य में चुनाव के लिए बनी संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और अनदेखी किए जाने का आरोप लगाया है। दोनों में समानता यह है कि दोनों को राज्यसभा नहीं मिली है। दोनों नेता दशकों से नेहरू-गांधी परिवार की कृपा से राज्यसभा सदस्य बनते रहे थे। इस बार कृपा नहीं हुई है तो दोनों पार्टी नाराज हैं। आजाद ने पार्टी छोड़ दी है। कहा जा रहा है कि नवंबर में होने वाले हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले आनंद शर्मा भी पाला बदल सकते हैं।
चर्चा इस बात की भी हो रही है कि कांग्रेस में संगठन चुनावों की मांग लेकर चिट्ठी लिखने वाले नेताओं में शामिल आजाद उनके नेता थे। अब यह गुट नेतृत्वविहीन हो गया है। सवाल है कि उनमें जो बचे हैं वे क्या करेंगे? कुछ नेताओं का तो पार्टी ने पुनर्वास करा दिया है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हरियाणा की कमान मिल गई है और मुकुल वासनिक को राज्यसभा मिल गई है तो इनकी शिकायतें दूर हो गई हैं। अब सबकी नजरें मनीष तिवारी पर है। वे पार्टी के कामकाज की बहुत शिकायत करते रहे हैं। शशि थरूर भी पार्टी से अपनी नाराजगी कई बार जाहिर कर चुके हैं। सचिन पायलट का इंतजार भी लंबा होता जा रहा है। वे एक बार पहले बगावत कर चुके हैं। बहरहाल, आजाद के इस्तीफे के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है कि अभी कई और दिग्गज नेता पार्टी छोड़ेंगे। अब इंतजार हो रहा है कि अगला सीजन किसका आता है।