ऐसा नही है कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक पहली बार सांसद बने है। 2014 में भी वह हरिद्वार लोकसभा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके है। इसके चलते उन्हें संसदीय सविधान और नियम कानून की पूरी जानकारी है। लेकिन संसदीय सत्र के दौरान उनसे एक ऐसी चूक हो गई कि ना चाहते हुए भी वह हंसी का पात्र बन गये।
लोकसभा के नवनिर्वाचित स्पीकर ओम बिड़ला सदन में अपने कड़े रुख के लिए हर दिन सुर्खियों में बने हुए हैं। पिछले दिनों कांग्रेसी सांसदों को फटकार लगाने के बाद अब सदन में चर्चा के दौरान भाजपा के केंद्रीय मंत्री को स्पीकर ने नसीहत देते हुए उन्हें आसन के अधिकार भी याद दिला दिए । यह केंद्रीय मंत्री कोई और नहीं बल्कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे और वर्तमान में हरिद्वार के सांसद एवं केंद्रीय मानव संसाधान विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक थे।
लोकसभा में नवनिर्वाचित स्पीकर ओम बिड़ला के बारे मे कहा जा रहा है कि अब तक वह सुचारू ढंग से सदन को चलाने में सफल रहे हैं । चर्चा के दौरान गतिरोध पैदा करने वाले सांसदों को वह फटकार लगाने में कोई कौताही नहीं बरतते । इस कड़ी में स्पीकर ने केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को चर्चा के दौरान नसीहत दे डाली और आसन के अधिकार भी उनके याद करा दिए । सदन में केंद्रीय शैक्षणिक संस्था (शिक्षकों के काडर में आरक्षण) विधेयक 2019 पर चर्चा हुई । इस दौरान बिल लोकसभा में ध्वनिमत से पारित हुआ ।
जब केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल बिल पर चर्चा का जवाब दे रहे थे तभी एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने बिल से जुड़े किसी बिन्दु को सदन में उठाने की इच्छा जताई । ऐसे में उन्होंने अपना हाथ ऊपर उठाया था । इस पर मंत्री ने अपना भाषण रोक दिया और उन्हें बोलने की इजाजत देते हुए कहा – आप कुछ कह रही थीं ।
बस इतना कहते ही स्पीकर ओम बिड़ला ने मंत्री को सदन के नियमों का पाठ पढ़ा दिया । ओम बिडला ने रमेश पोखरियाल को नसीहत देते हुए कहा – माननीय मंत्री जी सदन में बोलने की आज्ञा आप न दें, यहां आज्ञा देने का काम मेरा है । इतना सुनकर सदन में बैठे सासंदों ने ठहाका लगाना शुरू कर दिया ।