सीआरपीएफ की 31वीं बटालियन में कई जवान एक साथ संक्रमित हुए थे। अब इस मामले में क्वारंटाइन नियमों को लेकर भ्रम और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने जैसे मामले सामने आया है। अलग-अलग दावों के बीच जवानों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी स्तर पर कोताही न करें।
अर्धसैन्यबलों को आगाह किया गया है कि वे सोशल डिस्टेंसिंग और हेल्थ प्रोटोकॉल के तय मानकों का सख्त अनुपालन सुनिश्चित करें। साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देश को ध्यान में रखने को कहा गया है जिससे कोई भ्रम की स्थिति पैदा न हो।
सूत्रों ने कहा है कि मुख्यत: हॉट स्पॉट इलाकों में तैनाती की वजह से संक्रमण फैलने की बात सामने आई है। लेकिन कुछ जगहों पर दिशा-निर्देश को लेकर लचीले रुख की बात भी सामने आई है। सुरक्षा बलों के आंतरिक संवाद में स्पष्ट किया गया है कि कोविड-19 की चुनौती में तय मानकों की अनदेखी किसी भी स्तर पर न हो।
सीआरपीएफ की 31वीं बटालियन में अचानक बड़ी संख्या में कोरोना से संक्रमित में मामले सामने आए थी जिसके बाद सीआरपीएफ के अफसरों और मेडिकल विंग में असहमति के सुर देखने को मिले थे। सीआरपीएफ अफसरों ने क्वारंटाइन नियमों को लेकर भ्रम की वजह मेडिकल विंग का एक निर्देश बताया था, जिसमें कथित तौर पर कम दिनों तक क्वारंटाइन करने को कहा गया था।
मेडिकल विंग का कहना था कि एक बैरक में ज्यादा संख्या में जवान होने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सही तरीके से न होने की वजह से संक्रमण फैला। बढ़े मामलों से कोविड प्रबंधन को लेकर अंदरूनी स्तर पर सवाल उठ रहे थे। इस पूरे मामले में गृह मंत्रालय ने दखल दिया था।
बताया जा रहा है कि पिछले दिनों कई स्तरों पर शिकायतें भी सामने आई थीं जिनमें कुछ सुरक्षा बलों में अफसरों द्वारा मानकों की अनदेखी के आरोप लगाए गए थे। हालांकि, उच्च स्तर से स्पष्ट किया गया था कि जवान हों या अफसर, सभी को हेल्थ प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना होगा।