कल रात से राहुल के बैंकॉक जाने की खबरों के बाद ही बीजेपी के आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय के ट्वीट के बाद कर्नाटक बीजेपी के औपचारिक पेज से ट्वीट करके चुटकी लेते हुए कहा है कि ‘महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव करीब हैं। मतदाता अपने स्टार कैंपेनर को सुनने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। क्या यह सच है कि वह पहले ही बैंकॉक रवाना हो चुके हैं। अब अंबाला में ‘आलू से सोना’ और ‘औरंगाबाद मेड मोबाइल’ की बात कौन करेगा।’
राहुल की बैंकॉक यात्रा वाला जिन्न एक बार फिर से बाहर आ गया है। दरअसल शनिवार रात से राहुल गांधी की बैंकॉक जाने की खबरें आने के बाद लोग सोशल मीडिया पर राहुल गांधी को ट्रौल कर रहे हैं। लोग समझ नहीं पा रहे है कि महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव के दौरान अचानक राहुल बैंकॉक क्यों चले गए। इसी कारण कल रात से रविवार सुबह तक राहुल गांधी ट्विटर पर टॉप 10 ट्रैड में बने हुए थे।

लोकसभा चुनावों के बाद जब से राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया, उसके बाद से कांग्रेस के कार्यक्रमों से उनकी दूरी बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं, कांग्रेस के नीति निर्धारण से भी वे खुद को दूर रख रहे हैं। बीमारी की हालत में भी सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष बनीं और लगातार पार्टी में फिर से जान फूंकने के लिए प्रयासरत हैं। उनके इस काम में प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में भी साझीदार हैं पर राहुल गांधी पार्टी के किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम से खुद को दूर रख रहे हैं। पिछले शनिवार को सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों को चुनने के लिए आयोजित चुनाव समिति की बैठक की अध्यक्षता की थी। हालांकि इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मौजूद नहीं रहे। इस बाबत सवाल पूछने पर राहुल गांधी के कार्यालय की ओर से कहा गया कि राहुल गांधी चुनाव समिति के सदस्य नहीं हैं इसलिए वे बैठक में नहीं पहुंचे।

यह पहली बैठक नहीं थी, जिसमें राहुल गांधी अनुपस्थित रहे। राहुल गांधी कांग्रेस की 12 सितंबर की बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे। उस बैठक की अध्यक्षता भी सोनिया गांधी ने ही की थी, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए थे और देश के आर्थिक हालात पर भी चर्चा की गई थी। बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वरिष्ठ नेता ए.के. एंटनी समेत अन्य शामिल रहे थे।
हालांकि राहुल गांधी के कार्यालय ने सफाई देते हुए इस बारे में कहा है कि कांग्रेस कार्यकारी समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य के नाते राहुल गांधी सीडब्लयूससी की बैठक में शामिल हुए थे. इसके अलावा अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद पार्टी की रणनीति तय करने के लिए आयोजित बैठक में भी राहुल गांधी मौजूद नहीं रहे थे।