महिला पहलवानों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने पर सहमत हो गया है। दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में शुक्रवार (28 अप्रैल) को बृजभूषण सिंह के खिलाफ दो मामले दर्ज किए हैं। इसके बाद अब बृजभूषण शरण का एक बड़ा बयान सामने आया है। बृजभूषण सिंह ने कहा कि मैं पूरी तरह निर्दोष हूं। इसलिए वह बतौर आरोपी इस्तीफा नहीं देंगे।
बृजभूषण सिंह ने कहा, “मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है। हर तरह की पूछताछ में सहयोग करेंगे। मुझे जांच एजेंसियों पर भरोसा है और मुझे न्याय मिलेगा।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं निर्दोष हूं और सभी आरोपों का सामना करूंगा। यह आंदोलन पहलवानों या षड्यंत्रकारियों का है। प्रदर्शनकारी पहलवानों की मांगें लगातार बदल रही हैं। पहले उन्होंने मुझसे इस्तीफा मांगा। तब कहा गया था कि इस्तीफा देना मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन, इस्तीफा देना आरोपों को स्वीकार करने के समान है। वे मेरे खिलाफ लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, ‘पहले तो उन्होंने मांग की कि एफआईआर दर्ज की जाए, चलिए उनकी मांग मान लेते हैं और अब एफआईआर हो गई है। अब वे कहते हैं कि उन्हें जेल में होना चाहिए, सभी पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए। तो मुझे जो लोकसभा पद मिला है, वह विनेश फोगाट ने नहीं बल्कि जनता ने दिया है। एक बार नहीं बल्कि 6-6 बार दिया, न केवल मुझे बल्कि मेरी पत्नी को भी। उन्होंने कुश्ती संघ के अध्यक्ष का पद भी नहीं दिया, मैं चुनाव लड़कर जीता हूं। और एक ही अखाड़ा क्यों? हरियाणा, हिमाचल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु या देश के अन्य राज्यों के खिलाड़ी आरोप क्यों नहीं लगा रहे हैं? यौन उत्पीडऩ सिर्फ उन्हीं के साथ क्यों होता है? हरियाणा का सिर्फ एक परिवार और सिर्फ एक अखाड़ा विरोध कर रहा है, बाकी हरियाणा के 90 फीसदी खिलाड़ी और अभिभावक बृजभूषण सिंह के साथ हैं। क्योंकि मैंने काम किया है।