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वीकेंड में हत्याएं, हमला और हादसा

दुनिया भर में शनिवार और रविवार के दिन सैकड़ों लोगों के लिए बुरे दिन साबित हुए। भारत और दक्षिण कोरिया में हुए हादसों में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई जबकि सोमालिया आतंकी हमलों से दहल उठा

वीकेंड में भारत और दक्षिण कोरिया में घातक दुर्घटना में सैकड़ों लोगों की जान चली गई। भारत के गुजरात में एक पुल गिरने से कम से कम 132 लोगों की मौत हो गई, जबकि दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में हैलोवीन मनाने पहुंचे 150 से अधिक लोगों की भीड़भाड़ के कारण दम घुटने से मौत हो गई।

भारत में एक दर्दनाक घटना गुजरात के अहमदाबाद से लगभग 200 किलोमीटर दूर मोरबी में हुई, जहाँ 150 साल से अधिक पुराने पुल के गिरने से सौ से अधिक लोग नदी में गिर गए। इस पुल को हाल ही में मरम्मत के बाद जनता के लिए खोल दिया गया था। रविवार को छुट्टी के मौके पर करीब 400 लोग एक साथ इस पुल पर जमा हो गए, जिनका वजन यह नहीं उठा पा रहा था।

 

अधिकारियों के मुताबिक यह एक सस्पेंशन ब्रिज था, जिसके केबल इतने लोगों का वजन नहीं उठा सकते थे। पुल गिरने से वहां मौजूद लोग माछू नदी में गिर गए। राज्य सरकार में मंत्री ब्रजेश मेरजा ने बताया कि 80 और लोगों को नदी से बचा लिया गया है।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने स्थानीय मीडिया को बताया, “जब पुल ढह गया, तो लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे। उनमें कई बच्चे और महिलाएं भी थीं।” सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे कुछ वीडियो देखने में दर्दनाक हैं, जिसमें लोगों को लटकते पुल पर डूबने से बचने की कोशिश करते देखा जा सकता है।

माचू नदी पर बना यह पुल 233 मीटर लंबा और सिर्फ डेढ़ मीटर चौड़ा था। इसे 1880 में ब्रिटिश अधिकारियों ने बनवाया था। इसके निर्माण में ब्रिटेन से लाई गई सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। NDTV के मुताबिक, सात महीने की मरम्मत के बाद बुधवार को ही पुल को जनता के लिए खोल दिया गया। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि इसे बिना सुरक्षा प्रमाणपत्र के खोला गया था। हादसे के वक्त भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गुजरात के दौरे पर थे। उन्होंने पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की है।

सियोल में दर्दनाक दृश्य

देश के सबसे दर्दनाक हादसों में से एक शनिवार की रात दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल की थी , जब हैलोवीन मनाने के लिए इताईवोन इलाके में हजारों लोग एक साथ जमा हुए। भीड़ इतनी बढ़ गई कि लोग भीड़ में कुचल गए और 151 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई।

इताइवॉन राजधानी सियोल का एक हलचल भरा क्षेत्र है, जिसमें दर्जनों पब और रेस्तरां हैं। कुछ लोगों के मुताबिक, शनिवार को हैलोवीन मनाने के लिए वहां करीब एक लाख लोग आए थे। पिछले दो साल से कोविड के कारण सार्वजनिक उत्सव नहीं मनाए जा रहे थे, इसलिए लोगों की संख्या भी अधिक थी।

कई लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि भीड़ इतनी ज्यादा है कि खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। रात करीब 11 बजे लोगों ने एक-दूसरे को धक्का देना शुरू कर दिया तो माहौल में दहशत और तनाव बढ़ गया।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक हादसा रात करीब साढ़े दस बजे शुरू हुआ, जब सड़क के दोनों ओर भीड़ इतनी बढ़ गई कि कुछ लोग ढलान से गिर पड़े। बाकी लोगों ने खुद को बचाने के लिए लोगों को पीछे धकेलना शुरू कर दिया और सैकड़ों लोग कुचल गए। उनमें से 151 ने वहां अपनी जान गंवाई।

मोगादिशु में 100 मौतें

सोमालिया की राजधानी मोगदिशू में भी वीकेंड बुरा ही आया जब दो कार बम विस्फोटों ने शहर को हिलाकर रख दिया। राष्ट्रपति हसन शेख महमूद ने कहा है कि शनिवार को हुए बम धमाकों में कम से कम सौ लोग मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि मारे गए लोगों में “अपने बच्चों को गोद में लिए महिलाएं” थीं। कम से कम तीन सौ लोग घायल हुए हैं।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, अल-कायदा से जुड़े आतंकवादी संगठन अल-शबाब ने हमले की जिम्मेदारी ली है। पांच साल पहले सत्ता संभालने वाले राष्ट्रपति महमूद के अनुसार, हमलों में शिक्षा मंत्रालय को निशाना बनाया गया था। विस्फोट एक दूसरे के कुछ ही मिनटों में हुए। पहला हमला शिक्षा मंत्रालय के बाहर हुआ और जब वहां राहत और बचाव कार्य शुरू हुआ तो दूसरा धमाका हुआ। ये वही जगह है जहां करीब पांच साल पहले एक बम ब्लास्ट में 500 लोगों की मौत हुई थी। अल-शबाब एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है जो सोमालिया में लगातार हमले करता रहा है।

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