“घी ढुल्याँ म्हारा की नीं जासी।
पानी डुल्याँ म्हारो जी बले।।’’
राजस्थान के पश्चिमी इलाके में जल के महत्त्व पर लिखी गई यह पंक्तियाँ इसके महत्व को प्रदर्शित करती हैं। जिसमें पानी को घी से बढ़कर बताया गया है। फिलहाल की अगर हकीकत पर गौर करें तो रणभूमि राजस्थान में घी, दूध , दही पर कोई रखवाली नहीं है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ पानी पर पहरेदारी की जा रही है।
पश्चिमी राजस्थान के आठ जिलों के करीब 40 गांवों में पानी की जबरदस्त किल्लत चल रही है। जिसके चलते ग्रामीणों ने पानी की रखवाली करने के लिए कुओं पर ताले लगा दिए हैं। यह ताले इसलिए लगाए गए हैं कि कहीं कुओं से पानी चोरी ना हो जाए।
आठ जिलों में पानी के लिए त्राहि – त्राहि
राजस्थान के जिन आठ जिलो में पानी के लिए त्राहि त्राहि मची हुई है उनमें जैसलमेर, जालोर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, हनुमानगढ़, नागौर, चूरू और पाली आदि हैं। यह सभी जिले सूखे की चपेट में आ चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित बीकानेर जिला है। बताया जा रहा है कि इन जिलों में बोरवेल, नलकूप, कुएं, ताल और तलैये पूरी तरह से निपट चुके हैं। राजस्थान के इन जिलों के 8 शहरों और 3,161 ढाणियों (गांव) में चार दिन में एक बार पानी मिल पा रहा है। इन शहरों, कस्बों और ढाणियों में पाइपलाइन और टैंकरों के जरिए 5 से 10 किमी दूर से पानी पहुंचाया जा रहा है।
कुए और नहर दोनों में नही पानी
पानी की कमी से जूझ रहें ग्रामीणों का कहना है कि कुओं में आम दिनों में तो ताला नहीं लगता, लेकिन इन दिनों पानी का भारी संकट चल रहा है। नहर में भी पानी नहीं है। जल विभाग भी आपूर्ति नहीं कर रहा। ऐसे में कुओ से लोग चोरी-छिपे पानी निकाल लेते हैं। इससे बचने के लिए ज्यादातर ने ताले लगा दिए हैं।
ग्रामीण ही नही पुलिस और आरएसी के जवान भी दे रहें पानी पर पहरा
ग्रामीणों के अलावा राजस्थान में पुलिस पानी की रखवाली कर रही है। इन दिनों हथियार बंद जवान बीकानेर सहित पश्चिमी राजस्थान के कई जिलों में नहर के किनारे पानी की सुरक्षा में खड़े हैं। 30 आरएसी जवानों के साथ 8 जिले के 8 थानों की पुलिस नहर की पहरेदारी कर रही है। सरकार के भी साफ निर्देश हैं कि नहर से पानी चोरी करते अगर कोई पकड़ा गया तो उसे केस दर्ज कर जेल भेजा जाएगा। दरअसल, नहर बंदी के चलते अब इंदिरा गांधी नहर में जून के प्रथम सप्ताह तक पानी नहीं आएगा। ऐसे में आम आदमी के पीने के लिए यह पानी ही एक मात्र साधन है।
तीन महीने तक अमृत समान हैं पानी की एक-एक बूंद
यही कारण है कि पीने के पानी की सुरक्षा हथियार बंद जवान कर रहे हैं। अकेले बीकानेर के श्रीकोलायत, बज्जू, पुगल, लूणकरनसर और खाजूवाला सहित कई इलाक़ों में पुलिस और आरएसी के जवान तैनात किए गए हैं। अगले तीन महीने तक यहां एक-एक बूंद की कीमत अमृत समान हैं। जिसके मद्देनजर खाकी को सुरक्षा हाथ में लेनी पड़ी है।
जारी है 70 दिनों की नहरबंदी
बताया जा रहा है कि इस बार 22 मार्च से 70 दिनों तक के लिए नहरबंदी चल रही है। 6 मार्च से 21 मार्च तक नहरों में सिर्फ पीने के लिए पानी चलाया जा रहा है ताकि उससे आगामी 70 दिनों के लिए पेयजल का भंडारण किया जा सके। लेकिन, कुछ खेतों में अभी भी फसलें खड़ी होने से पानी चोरी की आशंका है। इसलिए नहर विभाग ने पानी की चोरी रोकने के लिए पुलिस से मदद ली और खाकी के जरिए पानी पर पहरा बिठाया।