प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करगिल गए और देश के जवानों के साथ दिवाली मनाई। यहां उन्होंने जवानों को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था, विकास, सीमा सुरक्षा, भारत की ताकत जैसे विभिन्न विषयों पर टिप्पणी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम युद्ध और सैन्य शक्ति के बारे में बात करते समय शांति के हिमायती हैं। हमने हमेशा युद्ध से बचने की कोशिश की है। लेकिन शक्ति के बिना शांति संभव नहीं है। नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि अगर कोई कुटिल दिखने की कोशिश करता है, तो भारतीय सेना उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।
युद्ध हमारे लिए पहला विकल्प नहीं है। अपनी वीरता, संस्कृति के कारण हमने हमेशा युद्ध को शर्म का विकल्प माना है। लंका हो या कुरुक्षेत्र, यहां हमने हमेशा युद्ध से बचने की कोशिश की है। इसलिए हम विश्व शांति के हिमायती हैं। हम युद्ध विरोधी हैं। लेकिन शक्ति के बिना शांति संभव नहीं है। हमारे जवानों के पास ताकत है, रणनीति है। अगर कोई हमारी तरफ झांकने की कोशिश करता है, तो हमारी तीनों सेनाएं जवाब देने में सक्षम हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सेना दुश्मन को उसी की भाषा में हराने में सक्षम है।
#WATCH | We've never viewed war as first option…Be it the war in Lanka or Kurukshetra, we tried till last to postpone it. We're against war but peace can't be there without strength. If anyone dares to look at us with evil eyes, our armed forces will give a befitting reply: PM pic.twitter.com/pW4O79KpMT
— ANI (@ANI) October 24, 2022
आपकी बहादुरी के आगे आसमान भी नतमस्तक है। कारगिल क्षेत्र भारतीय सेना की वीरता का प्रतीक है। शिखर पर बैठा शत्रु भी भारतीय सेना के साहस के आगे छोटा हो जाता है। आप (सैनिक) सीमा के रक्षक और देश के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। देश की जनता खुश है क्योंकि आप देश की सीमा पर हैं। हमारे देश का हर नागरिक देश की सुरक्षा को अखंडता देने की कोशिश कर रहा है। कोई देश तभी सुरक्षित होता है जब उसकी सीमाएं सुरक्षित हों, उसकी अर्थव्यवस्था मजबूत हो और उसका समाज आत्मविश्वास से भरा हो।