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कांग्रेस का कलह बनता VVIP कल्चर, राहुल क्यों नहीं मिले सिंधिया से?

कांग्रेस का कलह बनता VVIP कल्चर, राहुल क्यों नहीं मिले सिंधिया से?

जब भी कोई नेता कांग्रेस से निकलता है तो वह सबसे पहले मीडिया के सामने यही बयान देता है कि राहुल गांधी से उनको मिलने नहीं दिया गया। चार साल पहले जब उत्तराखंड में कांग्रेस के चार विधायक भाजपा में गए तो उन्होंने सबसे पहले यही दावा किया। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे यशपाल आर्य से लेकर सतपाल महाराज और खुद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे विजय बहुगुणा तक यही कहते सुने गए। एक बार फिर मध्यप्रदेश की राजनीति में यही सुनने को मिल रहा है।

सवाल यह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को राहुल गांधी से मिलने नहीं दिया गया या राहुल गांधी ज्योतिरादित्य सिंधिया से खुद ही नहीं मिले। पिछले कई महीनों से सिंधिया राहुल गांधी से बात करना चाहते थे। यह तो तब है जब राहुल गांधी की कोर टीम में ज्योतिरादित्य सिंधिया दूसरे या तीसरे नंबर पर शामिल है। बहरहाल, कांग्रेस का वीआईपी कल्चर दिनोंदिन उन्हीं की पार्टी के नेताओं को उनसे दूर बनने करने का कारण बनता जा रहा है। नेता दूर ही नहीं हो रहे हैं बल्कि कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं। 4 साल पहले जब उत्तराखंड के कई विधायक और पूर्व में मंत्री रह चुके कांग्रेस नेताओं के मन की बात अगर राहुल गांधी सुन लेते तो शायद उत्तराखंड और इसके बाद मध्य प्रदेश में आज उन्हे यह दिन देखने को नहीं मिलते।

कांग्रेस से नाता तोड़ने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर उनके एक करीबी नेता ने बड़ा खुलासा किया। त्रिपुरा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और सिंधिया परिवार के करीबी प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा ने दावा किया कि ज्योतिरादित्य को राहुल गांधी से महीनों से मिलने का मौका नहीं दिया गया। प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि मुझे पता है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया महीनों से राहुल गांधी से मिलने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन उन्हें मिलने का मौका नहीं दिया गया। उन्होंने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि अगर वे हमें नहीं सुनना चाहते थे तो हमें पार्टी में क्यों लाया गया।

प्रद्योत माणिक्य ने फेसबुक पोस्ट लिखकर दावा किया कि मैंने देर रात ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात की। उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने इंतजार किया और इंतजार करते रहे। लेकिन उनके द्वारा हमारे नेता को कोई भी अप्वाइंटमेंट नहीं मिली। उन्होंने यह भी लिखा कि कांग्रेस पार्टी को देखकर दुख होता है। हम सभी सोचते हैं कि अगले एक दशक में पार्टी अपने सभी युवा नेताओं को खो देगी।

पिछले 5 दिन से मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। भूचाल आने का कारण सिंधिया परिवार की तीसरी पीढ़ी भाजपा में जाना है। जिस सिंधिया परिवार ने कांग्रेस की सेवा की और लगातार तीन पीढ़ी पार्टी में रहकर जनता के बीच जाकर पार्टी का जनाधार बढाने का काम करते रहे वह आज पार्टी  को छोड गए। उस पीढ़ी के युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले साल से ही पार्टी में अपने आपको उपेक्षित महसूस कर रहे थे। सवाल यह है कि आखिर सिंधिया को राहुल गांधी से मिलने के बीच में रोड़ा कौन था? यह जांच का विषय भी है। जांच का विषय इसलिए कि कहीं कोई युवा नेताओं से राहुल गांधी की दूरी तो नहीं बना रहा है। दूसरा सवाल ये भी है कि राहुल गांधी अपनी पार्टी के नेताओं से मिलने में खुद ही रोड़ा तो नहीं बन रहे हैं?

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