सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद एयरटेल ने समायोजित सकल आय में से सरकार को 10,000 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं। वहीं वोडाफोन-आइडिया और टाटा टेलीसर्विसेज ने भी एजीआर के मुताबिक, क्रमश: 2,500 करोड़ और 2,190 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं। कोर्ट में सोमवार को वोडाफोन-आइडिया का पक्ष रखने वाले सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने एक टीवी चैनल से कहा, “अगर बैंक गारंटी भुना ली गई तो कंपनी को कारोबार बंद करना पड़ जाएगा। उम्मीद है कि लोग समझदारी से काम लेंगे।”
बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर के बकाया को लेकर टेलीकॉम कंपनियों और दूरसंचार विभाग को कड़ी फटकार लगाई थी। अदालत ने एजीआर का भुगतान करने के उसके फैसले का अनुपालन नहीं करने पर टेलीकॉम कंपनियों को अवमानना कार्रवाई की चेतावनी दी थी। दूरसंचार विभाग इस बात पर विचार कर रहा है कि दूरसंचार लाइसेंस पाते समय कंपनियों ने जो बैंक गारंटी दी थी, उसे अजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू से जुड़ा बकाया नहीं चुकाने पर भुना लिया जाए।
पिछले सप्ताह शुक्रवार को कोर्ट ने बकाया भुगतान की 23 जनवरी की डेडलाइन मिस करने पर कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने का आदेश देने वाले विभाग को फटकार लगाई थी। अधिकारियों का इस मामले में कहना है कि विभाग 17 मार्च से पहले बैंक गारंटी भुनाए जा सकने के बारे में कानून मंत्रालय की राय ले रहा है। एयरटेल ने पहले कहा था कि वह 20 फरवरी तक 10,000 करोड़ रुपये जमा करेगी और बकाया राशि का पूरा भुगतान 17 मार्च, 2020 तक कर दिया जाएगा।
Vodafone Idea Ltd: To comply with SC orders regarding AGR (Adjusted Gross Revenue) dues, the Board of Directors has authorised the Company to pay to Dept of Telecommunications a portion of dues based on AGR; Rs 2,500 crores today & Rs 1,000 crores before the end of the week. pic.twitter.com/epKhZ43jed
— ANI (@ANI) February 17, 2020
अब कंपनी पर 25,586 करोड़ रुपये का बकाया है। अब कंपनी ने अपने एक बयान में कहा है कि भारती एयरटेल, भारती हेक्साकॉम और टेलीनॉर की तरफ से कुल 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। कंपनी ने आगे कहा कि हम स्वआंकलन की प्रक्रिया में हैं। साथ ही उच्चतम न्यायालय की अगली सुनवाई से पूर्व हम इस प्रक्रिया को पूरा करके बचे बकाया का भी भुगतान करेंगे।
लेकिन उच्चतम न्यायालय ने वोडाफोन आइडिया के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। वोडाफोन आइडिया ने एक बयान में एजीआर का सांविधिक बकाया चुकाने का प्रस्ताव रखा था। वोडाफोन आइडिया ने कहा था कि कारोबार का भविष्य सुप्रीम कोर्ट के निर्णय में संशोधन के लिए दायर याचिका के परिणाम पर निर्भर करेगा।
इसी बीच देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शनिवार को कहा कि अगर कोई भी टेलीकॉम कंपनी दिवाला प्रक्रिया के लिए आवेदन करती है तो बैंकों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। एसबीआई प्रमुख ने कहा कि बैंक ‘वेट एंड वॉच’ मोड में है और दूरसंचार कंपनियों को यह सुनिश्चित करना है कि वे एजीआर भुगतान को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन करें।