विशाखापट्टनम शहर अब आंध्र प्रदेश राज्य की नई राजधानी होगा। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस जगनमोहन रेड्डी ने इस नाम की घोषणा की है। मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि वह अपना कार्यालय विशाखापट्टनम स्थानांतरित करने जा रहे हैं।
#WATCH | "Here I am to invite you to Visakhapatnam which will be our capital in the days to come. I will also be shifting to Visakhapatnam in the months to come": Andhra Pradesh CM YS Jagan Mohan Reddy at International Diplomatic Alliance meet in Delhi pic.twitter.com/wANqgXC1yP
— ANI (@ANI) January 31, 2023
इससे पहले आंध्र प्रदेश सरकार ने 23 अप्रैल 2015 को अमरावती शहर को अपनी राजधानी घोषित किया था। 2020 में राज्य सरकार तीन शहरों को राजधानी बनाने की योजना लेकर आई थी। इसमें अमरावती, विशाखापट्टनम और कुरनूल शहर शामिल थे। योजना को बाद में वापस ले लिया गया और अमरावती शहर आंध्र प्रदेश की राजधानी बना रहा।
अमरावती शहर कथित भूमि घोटाले के केंद्र के रूप में प्रसिद्ध था। रेड्डी की पार्टी वाईएसआरसीपी आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू पर भूमि घोटाले सहित कई आरोप लगाए गए हैं। हालांकि वो इससे इंकार ही करते आए हैं।
राजधानी में बड़ा जमीन घोटाला
रेड्डी की पार्टी ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि “कुछ लोगों को नई राजधानी के स्थान के बारे में पहले से ही सूचित किया गया था। इसलिए इन लोगों ने अपने आर्थिक लाभ के लिए राजधानी में जमीनें खरीदी थीं। केंद्र सरकार को दी गई जानकारी में राज्य सरकार ने कहा है कि 2014 में ऐसे लोगों ने 4000 एकड़ जमीन खरीदी थी।
किसानों से ली गई जमीन को सरकार क्यों बेच रही है? : नायडू
इस बीच एन. चंद्रबाबू नायडू ने ऐसे सभी आरोपों को खारिज किया है। उलटे नायडू ने सवाल उठाया है कि, ”वाईएसआरसीपी सरकार नई राजधानी बनाने के लिए किसानों से ली गई जमीन को क्यों बेच रही है?” कुछ महीने पहले, विपक्षी नेताओं ने एपी कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी के सरकारी कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से निर्मित आवासीय टावरों को निजी संस्थाओं को पट्टे पर देने के फैसले को लेकर भी सरकार को घेरा था।