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गुप्ता बंधुओं के चलते दक्षिण अफ्रीका में हिंसा का शिकार हो रहे हैं भारतीय 

दक्षिण अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को जेल भेजने के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन ने गंभीर रूप ले लिया है। इस हिंसा में अब तक 121 लोगों की मौत हुई है, जिनमें ज्यादातर भारतीय मूल के हैं। जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। उपद्रवी भारतीय मूल के लोगों को निशाना बना रहे हैं। वे उनकी दुकानों और व्यावसायिक इकाइयों में लूटपाट कर रहे हैं। उपद्रवियों ने सैकड़ों शॉपिंग सेंटरों, मॉल, गोदामों, घरों और गाड़ियों में आग लगा दी । कई हाईवे जाम कर दिए । संचार सुविधाएं तहस-नहस कर दी हैं। आगजनी और लूटपाट में करीब 10 हजार 400 करोड़ रुपए के माल का नुकसान हुआ है।

 

पुलिस ने हिंसा के आरोप में 3 हजार लोगों को गिरफ्तार किया है। रक्षा मंत्री नोसिविवे नककुला ने कहा है कि हिंसाग्रस्त इलाकों में 10 हजार सैनिक तैनात किए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक उपद्रवियों ने क्वाजुलु-नटाल और गौतेंग प्रांतों में ज्यादा लूटपाट की है। क्वाजुलु-नटाल पूर्व राष्ट्रपति जुमा का गढ़ है।

 

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पूरे देश में खाद्य संकट पैदा हो गया है। राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने मौजूदा हिंसा को दक्षिण अफ्रीका में 90 के दशक के बाद की सबसे बड़ी हिंसा बताया है। साल 1994 में रंगभेद के खिलाफ भारी हिंसक प्रदर्शन किए गए थे।

 

भारतीयों ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई

 

दक्षिण अफ्रीका में रह रहे भारतीयों ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। सोशल मीडिया पर लोग लगातार अपनी परेशानियां बता रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि उनकी जान को खतरा है। एक व्यक्ति ने लिखा- क्वाजुलु नटाल और जोहान्सबर्ग में भारतीयों को निशाना बनाया जा रहा है।

 


भारत के विदेश मंत्री जयशंकर

 

भारत ने दक्षिण अफ्रीका के सामने उठाया भारतीयों की सुरक्षा का मुद्दा 

 

भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने दक्षिण अफ्रीका में अपने समकक्ष नलेदी पंडोर से बात की। जयशंकर ने पंडोर के सामने भारतीयों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। इस पर पंडोर ने आश्वासन दिया कि दक्षिण अफ्रीका सरकार कानून और व्यवस्था लागू करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। सरकार की प्राथमिकता शांति की जल्द बहाली है। वहीं दक्षिण अफ्रीका सरकार का कहना है कि भारतीयों के खिलाफ हिंसा नस्लभेदी भावना या राजनीतिक कारणों से नहीं हो रही है, बल्कि अपराधियों ने दंगों के जरिए लूटपाट और अराजकता का मौका तलाशा है ।

 


दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा

 

गुप्ता बंधुओं के कारण जुमा मुश्किल में आए

 

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा (79) एक हफ्ते से जेल में हैं। इसके खिलाफ देश भर में हिंसा, लूटपाट और आगजनी की घटनाएं हो रही हैं।

 

जैकब जुमा जेल में क्यों हैं?

 

अदालत ने जुमा को पिछले माह कोर्ट की अवमानना का दोषी करार दिया था। जुमा भ्रष्टाचार के मामले की जांच में शामिल नहीं हो रहे थे। यह मामला जुमा के राष्ट्रपति कार्यकाल (2009-18) के दौर का है। कोर्ट ने जुमा को 15 माह जेल की सजा सुनाई थी।

 

जुलू राजा ने भारतियों के खिलाफ हिंसा रोकने की अपील की

 

जुलू राजा मिसुजुलू काज्वेलिथिनी ने क्वाजुलू नटाल प्रांत के लोगों से भारतीयों मूल के लोगों के साथ शांति से रहने की अपील की है। दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतवंशियों में से एक तिहाई लोग यहीं रहते हैं। राजा ने कहा कि जुलू में स्थानीय लोगों और भारतवंशियों के बीच जो कुछ भी हो रहा है, उसे तत्काल खत्म करना चाहिए। हमारे भारतीय भाई हमारे पड़ोसी हैं और भारत के बाहर क्वाजुलू नटाल में भारतवंशियों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है।

 

भारतीयों पर हमले की वजह क्या है?

 

वर्ष 2009 से 2018 तक दक्षिण अफ्रीका में जैकब जुमा की सरकार थी। इन पर गुप्ता बंधुओं का खासा प्रभाव रहा। इस दौरान जुमा और उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे। इसी मामले में जुमा फिलहाल जेल में बंद हैं। अब दक्षिण अफ्रीका में जुमा के समर्थकों को लगता है कि उनके जेल जाने के पीछे गुप्ता बंधुओं का हाथ है। इसीलिए वो भारतीय मूल के लोगों को निशाना बना रहे हैं।

 

कौन से मामले में पेश नहीं हुए जुमा?

 

जुमा पर राष्ट्रपति पद का दुरुपयोग करते हुए 2 लाख 60 हजार  करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार का आरोप है। इसमें तीन गुप्ता बंधु- अतुल, अजय और राजेश के शामिल होने का आरोप है। गुप्ता बंधुओं ने जुमा के दो बच्चों को भी फायदा पहुंचाया, जो दुबई में स्वनिर्वासन में रह रहे हैं। उनके प्रत्यर्पण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।


अजय, अतुल और राजेश गुप्ता तीनों भाई

 

गुप्ता बंधुओं से जुमा का क्या रिश्ता है?

 

अजय, अतुल और राजेश गुप्ता तीनों भाई हैं। ये मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं। तीनों वर्ष 1993 में द. अफ्रीका गए थे। वहां सहारा कंप्यूटर के नाम से कारोबार शुरू किया। सियासत में इनका खासा प्रभाव है। 2016 में जुमा पर आरोप लगा कि गुप्ता परिवार ने उनकी  सरकार में वित्त मंत्री की नियुक्ति के लिए सलाह दी थी।

 

गुप्ता बंधु ‘जुप्ताज’ कैसे हो गए?

 

साल 1994 में रंगभेद खत्म होने के बाद मंडेला सरकार ने विदेशी निवेशकों के लिए दरवाजा खोल दिया। 1990 से अभी तक जैकब की बहन, उनकी 4 पत्नियों में से एक पत्नी बोंगी नगेमा, बेटी दुदुजिले, बेटा दुदुजाने, ये सभी गुप्ता बंधुओं की कंपनियों में बड़ी पोस्ट पर रखे गए। जुमा के राष्ट्रपति बनने के बाद जैसे गुप्ता परिवार ने तरक्की की। जुमा भी अमीर होते गए। जुमा से नजदीकी की वजह से उन्हें ‘जुप्ताज’ कहा जाने लगा। जुमा इन भाइयों के वश में इस तरह थे कि उन्होंने अपनी पार्टी से बैर मोल ले लिया था।

 

गुप्ता बंधुओं के साथ क्या चल रहा है?

 

गुप्ता बंधुओं के खिलाफ 2016 में पहली बार भ्रष्टाचार की शिकायत आई थी। तीनों भाइयों के खाते अमेरिका, ब्रिटेन और सऊदी अरब तक में हैं। इन खातों से अरबों रुपए का लेनदेन होता है। इंटरपोल ने गुप्ता बंधुओं के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर रखा है। वे दक्षिण अफ्रीका से भाग चुके हैं।

 

वहां भारतीयों की स्थिति क्या है?

 

दक्षिण अफ्रीका में 14 लाख भारतीय रहते हैं। इनमें से एक तिहाई तो जुमा के प्रांत क्वाजूलू-नटाल में काम करते हैं।

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