दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध और समर्थन को लेकर भड़की सांप्रदायिक हिंसा अब थम गई है, लेकिन इस पर सियासत और तेज हो गई है। एक-दूसरे को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराने और खुद को पाक साफ दिखाने के लिए सियासी पार्टियों में मानो जंग चल रही है। इस जंग का नजारा संसद में भी दिखाई दिया है।
संसद के दोनों सदनों में गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और नौबत धक्का-मुक्की तक पहुंच गई। दिल्ली हिंसा पर विपक्ष ने कड़े तेवर दिखाए, तो सरकार ने 1984 के दंगों को लेकर पलटवार किया। विपक्ष का सीधा आरोप है कि सत्ताधारी भाजपा नेताओं के भड़काऊ भाषणों से हिंसा भड़की और पुलिस-प्रशासन तीन दिन तक लापरवाह बना रहा। यह गृहमंत्री की नाकामी है।
कपिल मिश्रा को लेकर तो यहां तक आरोप लगाया गया कि भड़काऊ भाषण देने वाले इस नेता को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है, जबकि कपिल मिश्रा ने इसका खंडन करते हुए कहा कि उनके पास पहले से ही दिल्ली पुलिस की वाई श्रेणी सुरक्षा है। मिश्रा का एक वीडियो सामने आया था। जिसमें वह तीन दिन में सड़क खुलवाने का अल्टीमेटम देते हुए कह रहे थे कि ट्रंप के जाने तक (ट्रंप अगले दिन भारत आने वाले थे) तो शांति से जा रहे हैं, लेकिन तीन दिन बाद अगर पुलिस ने रास्ता नहीं खुलवाया तो हम खुद सड़कों पर उतरेंगे। इसके ठीक बाद उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़क उठी थी। इससे कपिल मिश्रा विपक्ष के निशाने पर आ गए। विपक्ष का आरोप है कि उनके इस भड़काऊ भाषण के चलते ही दंगे की आग भड़की।
अब तक 49 लोगों की मृत्यु
क्र.सं. मृतकों के नाम व आयु
1. आमिर (30 वर्ष)
2. आफताब (18 वर्ष)
3. अकबरी (85 वर्ष) महिला
4. अकील अहमद (40 वर्ष)
6. अमान (17 वर्ष)
7. अंकित शर्मा (26 वर्ष)
8. अनवर कसार (58 वर्ष)
9. अरशद (22 वर्ष)
10. अशफाक हुसैन (22 वर्ष)
11. अतुल गुप्ता (45 वर्ष)
12. अयूब शब्बीर (60 वर्ष)
13. बबलू सलमानी (33 वर्ष)
14. वीरभान सिंह (50 वर्ष)
15. कांस्टेबल रतन लाल (42 वर्ष)
16. दीपक कुमार (34 वर्ष)
17. दिलबर नेगी (20 वर्ष)
18. दिनेश कुमार (35 वर्ष)
19. फैजान (23 वर्ष)
20. हाशिम (17 वर्ष)
21. इश्तियाक खान (24 वर्ष)
22. महरूफ अली (30 वर्ष)
23. महरम अली (25 वर्ष)
24. मेहताब (22 वर्ष)
25. मोहम्मद फुरकान (22 वर्ष)
26. मोहम्मद मोनिस (22 वर्ष)
27. मोहम्मद इरफान (32 वर्ष)
28. मोहम्मद शाहबान (22 वर्ष)
30. मोहसिन (22 वर्ष)
31. मुबारक हुसैन (28 वर्ष)
32. मुदस्सिर खान (25 वर्ष)
33. मुशर्रफ (35 वर्ष)
34. नजीम खान (35 वर्ष)
35. नितिन पासवान (15 वर्ष)
36. परवेज आलम (50 वर्ष)
37. प्रवेश (48 वर्ष)
38. प्रेम सिंह (27 वर्ष)
39. राहुल सोलंकी (29 वर्ष)
40. राहुल ठाकुर (22 वर्ष)
41. सलमान (29 वर्ष)
42. संजीत ठाकुर (32 वर्ष)
43. सईद (19 वर्ष)
44. शाहिद अल्वी (23 वर्ष)
45. शान मोहम्मद (35 वर्ष)
46. सुलेमान (22 वर्ष)
47. अज्ञात महिला (70 वर्ष)
48. विनोद कुमार (50 वर्ष)
49. जाकिर (26 वर्ष)
एक तरफ कांग्रेस सत्ताधारी भाजपा के अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा और कपिल मिश्रा जैसे नेताओं को भड़काऊ भाषण देने का दोषी ठहरा रही है, तो दूसरी तरफ भाजपा भी पलटवार कर रही कि कांग्रेस के सोनिया गांधी, राहुल सरीखे नेताओं ने जनता को भड़काने का काम किया है। कांग्रेस-भाजपा की इस सीधी लड़ाई के साथ ही वारिस पठान और ताहिर हुसैन को लेकर भी सियासी आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं।
दिल्ली में हिंसा के पीछे लापरवाही का जिम्मेदार कौन? इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट तलब की है। अनुमान लगाया जा रहा है इस रिपोर्ट के बाद आधिकारिक तौर पर लापरवाही की जांच के आदेश दिए जा सकते हैं। गृह मंत्रालय के आला अधिकारियों को ये जानकारी मिली है कि हिंसा के शुरुआती दौर में पुलिस ने कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की थी। स्थानीय लोगों का भी आरोप है कि पुलिस पीसीआर को फोन किए जाने के बावजूद मौके पर नहीं पहुंची, ये जानकारी भी सरकार को मिली है।
दिल्ली में बीते दिनों हुई हिंसा में अब तक 49 लोगों की जान जा चुकी है। कई लोगों की जिंदगी भर की जमापूंजी तबाह हो गई। ऐसे लोग अब अपना सबकुछ छोड़कर दूसरी जगह जाने को मजबूर हैं। दिल्ली हिंसा को लेकर अब भी कई सवाल खंगाले जा रहे हैं। जैसे कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाके क्यों और कैसे जले? क्या यह सोची-समझी रणनीति के तहत किया गया?
इन सवालों का जवाब अभी मिलना बाकी है, फिलहाल राहत की बात यह है कि स्थिति सामान्य है। बैंक, अस्पताल और दुकानें खुल गई हैं। लोग पहले की तरह ही खरीददारी कर रहे हैं। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली जिला प्रशासन ने हिंसा में हुए नुकसान को लेकर अंतरिम रिपोर्ट तैयार कर ली है, इसके मुताबिक कम से कम 122 घर, 322 दुकानें और 301 वाहन पूरी तरह से खाक हो गए या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। हालांकि, माना जा रहा है कि अंतिम रिपोर्ट में यह संख्या और बढ़ सकती है।
वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि एसडीएम के नेतृत्व में 18 टीमों की ओर से शेयर किए गए इनपुट के आधार पर यह डाटा तैयार किया गया। सीएम अरविंद केजरीवाल के निर्देशों के बाद यह टीम उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा प्रभावित इलाकों में क्षति का आकलन कर रही है। अब तक हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अफवाह फैलाने के आरोप में राष्ट्रीय राजधानी में 40 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस लगातार हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च कर रही है। जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, चांद बाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुनाविहार और मुस्तफाबाद में स्थानीय लोगों के साथ बैठकें भी की जा रही हैं। ये स्थान हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे। एक अधिकारी ने कहा, दिल्ली पुलिस ने 369 प्राथमिकियां दर्ज की हैं और 1284 लोगों को गिरफ्तार किया या हिरासत में लिया है।
हिंसा के दौरान पुलिस के जवान पर बंदूक तानने और हवाई फायरिंग करने वाला शाहरुख भी गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शाहरुख को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है। दूसरी तरफ हिंसा का आरोपी पार्षद ताहिर हुसैन अब हिंसा से जुड़े तीन मामलों में राउज एवेन्यू कोर्ट में सरेंडर करने जा रहे थे लेकिन उससे पहले ही उसे क्राइम बा्रंच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी। आईबी के मृतक कर्मी अंकित शर्मा के परिजनों ने ताहिर पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। अपनी गिरफ्तारी की आशंका से चिंतित ताहिर ने अदालत में अग्रिम जमानत की गुहार लगाई है। हालांकि, वह भी टल गई है। हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या अब 49 पहुंच गई है। गोकुलपुरी, भागीरथी विहार और करावल नगर इलाके में नाले से मिले पांच शवों की अभी पहचान नहीं हो सकी है। सभी बॉडी राम मनोहर लोहिया अस्पताल की मॉर्चरी में हैं।
पुलिस इस जिले में लापता हुए लोगों या फिर थानों में दर्ज गुमशुदगी के रिकॉर्ड को खंगाल उनकी शिनाख्त के प्रयास में लगी है। इस बीच भारत ने ईरान के राजदूत अली चेगेनी को तलब किया और दिल्ली हिंसा के बारे में ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ द्वारा की गई टिप्पणी पर कड़ा विरोध जताया।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक ईरान के राजदूत को यह बताया गया कि जरीफ ने जिस मामले पर टिप्पणी की, वह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। जरीफ ने ट्वीट कर कहा था कि भारतीय मुस्लिमों के खिलाफ संगठित रूप से की गई हिंसा की ईरान भर्त्सना करता है। सदियों से ईरान भारत का मित्र रहा है। हम भारतीय अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि वे सभी भारतीयों की सलामती सुनिश्चत करें और निरर्थक हिंसा को फैलने से रोकें।
राहत एवं पुनर्वास का काम शुरू
दिल्ली में हिंसा की घटनाओं के बाद अरविंद केजरीवाल सरकार ने पीड़ितों को मुआवजा देने का काम शुरू कर दिया है। दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर- पूर्व और शाहदरा जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों में लगभग 38 लाख की मुआवजा राशि जारी की है। उत्तर-पूर्वी जिले के जिलाधिकारी के कार्यालय से जारी सूचना के अनुसार, मृतकों के आश्रितों को 19 लाख का मुआवजा दिया जा चुका है, वहीं घायलों को 5 लाख की मुआवजा राशि अब तक वितरित की जा चुकी है।
हिंसा के दौरान संपत्ति का भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था। इसके लिए दिल्ली सरकार ने 6 लाख 25 हजार की राशि पीड़ितों को वितरित की है, वहीं शाहदरा जिले में मृतकों के आश्रितों को 3 लाख, घायलों को 4 लाख और संपत्ति के नुकसान के बाद पीड़ितों को 7 लाख रुपए से ज्यादा की धनराशि बतौर मुआवजा जारी की है। दिल्ली सरकार ने हिंसा पीड़ित इलाके में रिलीफ कैम्प की शुरुआत की है। इन रिलीफ कैंपों के काफी सकारात्मक रुझान मिल रहा है। मुस्तफाबाद कैम्प में एक दिन में ही एक हजार से ज्यादा हिंसा पीड़ितों ने शरण ली है। दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में हिंसा की घटना के बाद दिल्ली सरकार ने राहत कैम्प खोला है। यहां शिवपुरी, मुस्तफाबाद और करावल नगर इलाके से हिंसा पीड़ित पहुंच रहे हैं।
हिंसा पीड़ितों के लिए दिल्ली सरकार ने कई इंतजाम किए है। यहां हेल्पडेस्क भी बनाए गए हैं। जिससे हिंसा पीड़ित परिवारों के लोग आसानी से राहत राशि के लिए आवेदन कर सकेंगे। यहां पर बड़ी संख्या में आप के कार्यकर्ता भी मौजूद हैं। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि सर्वे के आधार पर कुल 287 मकानें और 327 दुकान जली हैं। इसमें 79 घर पूरी तरह से जले पाए गए। 168 घर अच्छे खासे जले हैं। 40 मकान कम जले हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक अभी तक हिंसा में 49 शव मिले हैं। वहीं, 422 लोग घायल हुए हैं। दिल्ली सरकार प्राथमिकता के आधार पर हिंसा में घायल, घर जलने और मृतकों के परिवारों को तत्काल राहत राशि उपलब्ध करा रही है।