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दांव पर ‘विजय’ की प्रतिष्ठा

बीजेपी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर 21 सीटों पर प्रत्याशियों का एलान कर दिया है। हालांकि चर्चा यह भी है कि करीब आधी सीटों पर यानी 45 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए गए हैं। फिलहाल बीजेपी ने 21 सीटों पर ही अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इस लिस्ट में तीन वीआईपी सीटों को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। पक्ष-विपक्ष समेत जनता की नजर इन तीन सीटों पर है। पहली सीट की बात करें तो दुर्ग जिले से सांसद और सीएम भूपेश बघेल के भतीजे विजय बघेल को पाटन विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारा है। जिसके चलते इस बार छत्तीसगढ़ चुनाव कई मायनों में बेहद खास होने के आसार बनते नजर आ रहे हैं। इस सीट पर चुनाव मैदान में चाचा-भतीजे के बीच टक्कर होगी। ऐसे में ये सीट बेहद रोचक और अहम हो गई है।

माना जा रहा है कि बीजेपी ने काफी सोच समझकर ये दांव खेला है। पाटन सीएम भूपेश बघेल की विधानसभा सीट है, वो यहां से विधायक हैं। ऐसे में बीजेपी ने उनके ही गृह जिले दुर्ग से सांसद भतीजे को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है। अब सबकी नजरें यहां पर चाचा- भतीजे के चुनावी लड़ाई पर रहेगी। जहां सीएम भूपेश बघेल आक्रामक राजनीति के लिए जाने जाते हैं। वहीं उनके भतीजे सांसद विजय बघेल भी अपनी सधी हुई राजीनति के लिए फेमस हैं। वो अपने चाचा पर उसी अंदाज में वार करते हैं, जिस तेवर के साथ सीएम निशाना साधते हैं।

विजय बघेल अपने चाचा भूपेश बघेल को एक बार विधानसभा चुनाव में पटखनी दे चुके हैं। उन्होंने वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल को हराया था। इसके बाद साल 2013 के विधानसभा चुनाव में
भूपेश बघेल ने विजय बघेल को हराकर हिसाब- किताब बराबर कर लिया था। गौरतलब है कि भूपेश बघेल 2014 में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष बने। इसके बाद उनके अध्यक्षीय कार्यकाल में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ा गया। साल 2018 में कांग्रेस ने 68 सीटों पर जीत दर्ज कर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई और भूपेश बघेल प्रदेश के सीएम बने।

लेकिन 2008 के भूपेश और आज के भूपेश में जमीन-आसमान का अंतर है। सीएम बनने के बाद उनका सरकार और संगठन दोनों में कद बढ़ा है। आज वे कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों में सबसे ताकतवर सीएम हैं। ऐसे में विजय बघेल की राह आसान नहीं है। उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। पाटन की जनता किस पर फूल बरसाएगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। बहरहाल, बीजेपी ने विजय बघेल को पाटन से टिकट देकर एक प्रकार से दांव खेला है। यदि वो इसमें सफल होते हैं तो पार्टी में उनका कद बढ़ना तय है नहीं तो उन्हें दोबारा सांसदी का टिकट देकर संसद भेजा जा सकता है। सबसे अहम बात ये है कि पार्टी ने इस बार विजय बघेल को बीजेपी घोषणा पत्र समिति का चेयरमैन भी बनाया है। जिससे पार्टी में उनका कद और भी बढ़ गया है।

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