शराब के कारोबारी विजय माल्या ने गुरुवार को भारत सरकार से कहा कि 100 फीसदी कर्ज चुकाने के प्रस्ताव को स्वीकार किया जाए और हमारे खिलाफ चल रहे मामले को बंद किया जाए। विजय माल्या ने एक ट्वीट किया और कोरोना महामारी के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज पर भारत सरकार को बधाई दी। माल्या ने कहा कि वे जितना चाहे उतनी करेंसी प्रिंट कर सकते है। लेकिन मेरे जैसे एक छोटे से कॉन्ट्रीब्यूटर की पेशकश स्वीकार करनी चाहिए जो सरकारी बैंकों के लोन का 100% वापस करना चाह रहा हूं। आखिर इसे इग्नोर क्यों किया जा रहा है? कृपया मेरे पैसे बिना शर्त लें और केस को बंद करें।”
Congratulations to the Government for a Covid 19 relief package. They can print as much currency as they want BUT should a small contributor like me who offers 100% payback of State owned Bank loans be constantly ignored ? Please take my money unconditionally and close.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) May 14, 2020
विजय माल्या को भारत में भगोड़ा घोषित किए जा चुका है। वह मार्च 2016 से ही ब्रिटेन में है। उसे ब्रिटेन में स्कॉटलैंड यार्ड ने 18 अप्रैल 2017 को हिरासत में लिया था। वह तब से अभी तक जमानत पर है। ब्रिटेन के गृह विभाग ने भारतीय जांच एजेंसियों की मांग पर उसके प्रत्यर्पण की मंजूरी दे रखी है। विजय माल्या के ऊपर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के भी आरोप हैं। इस महीने की शुरुआत में, विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस को बिना लाइसेंस के लोन से जुड़े धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में भारत को प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ लंदन उच्च न्यायालय में अपील खोने के बाद यू.के सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी।
विजय माल्या ने ट्वीट किया था कि उन्होंने किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा उधार ली गई राशि का 100 प्रतिशत बैंकों को देने की पेशकश की थी। लेकिन न तो बैंक पैसे लेने के लिए तैयार हैं और न ही प्रवर्तन निदेशालय अपनी संलग्न संपत्ति (अटैच प्रॉपर्टी) को जारी करने के लिए तैयार था। माल्या के प्रत्यर्पण का मामला उनके और उनकी कंपनी को द्वारा आईडीबीआई को ठगे जाने पर स्थिर है। साल 2009 में आईडीबीआई से किंगफिशर एयरलाइन के लिए माल्या ने कई करोड़ रुपये लिए थे। माल्या की दलील है कि उसने व्यापार में नुकसान के चलते बैंक का पैसा नहीं लौटाया था न कि ठगने के इरादे से।