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कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल वोहरा का 93 की उम्र में निधन

कांग्रेस के दिग्गज नेता मोती लाल वोहरा का 93 साल की उम्र में निधन हो गया है। वह पिछले कई दिनों से सेहत बिगडने के कारण दिल्ली स्थित फोर्टिस स्कॉर्ट में एडमिट थे। आज उन्होंने वहां अंतिम सांस ली। मोती लाल वोहरा के निधन पर कांग्रेस के कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोतीलाल वोहरा के निधन पर शोक वयक्त करते हुए  ट्वीट कर कहा कि ”श्री मोतीलाल वोरा जी उन वरिष्ठतम कांग्रेस नेताओं में से थे, जिन्हें दशकों तक फैले राजनीतिक जीवन में व्यापक प्रशासनिक और सांगठनिक अनुभव था । उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति संवेदना।”

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड सांसद राहुल गांधी ने कहा कि “वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और अद्भुत इंसान थे। हम उसे बहुत मिस करेंगे। उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरा प्यार और संवेदना है।

राहुल के अलावा प्रिंयका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा कि “श्री मोतीलाल वोरा जी के निधन से कांग्रेस पार्टी के हर एक नेता, हर एक कार्यकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर दुःख महसूस हो रहा है। वोरा जी कांग्रेस की विचारधारा के प्रति निष्ठा, समर्पण और धैर्य के प्रतीक थे। मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1927 को जोधपुर स्टेट ऑफ ब्रिटिश इंडिया की राजपूताना एजेंसी (वर्तमान नागौर जिला, राजस्थान) के निंबी जोधा में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता मोहनलाल वोरा और अंबा बाई थे। उन्होंने अपनी शिक्षा रायपुर और कोलकाता से प्राप्त की। उन्होंने कई सालों तक कई अखबारों के साथ काम भी किया था। उन्होंने शांति देवी वोरा से शादी की। मोतीलाल वोरा की चार बेटियां और दो बेटे हैं। उनके बेटे अरुण वोरा दुर्ग से विधायक हैं, जो विधायक के रूप में तीन चुनाव जीत रहे हैं।

1968 में वोरा समाजवादी पार्टी के सदस्य, दुर्ग की म्यूनिसिपल कमेटी के सदस्य बने। 1970 में प्रभात तिवारी की मदद से आईएनसी के पं किशोरीलाल शुक्ल से मिलवाया और कांग्रेस में शामिल हो गए। वह 1972 में मध्य प्रदेश की विधान सभा (विधानसभा) के लिए कांग्रेस के टिकट पर चुने गए थे। वह 1977 और 1980 में फिर से विधानसभा के लिए चुने गए। उन्हें अर्जुन सिंह के मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था, और वे उच्च शिक्षा विभाग के प्रभारी थे । उन्हें 1983 में कैबिनेट मंत्री पद से पदोन्नत किया गया था। उन्होंने 1981-84 के दौरान मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। 13 मार्च 1985 को वोरा को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। उन्होंने केंद्र सरकार में शामिल होने के लिए 13 फरवरी 1988 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

14 फरवरी 1988 को वोरा राज्यसभा के सदस्य बने और उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्री का पद संभाला। वह भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। उन्हें 16 मई, 1993 को उत्तर प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया और 3 मई, 1996 तक पद संभाला गया। मोतीलाल वोरा 1998-99 में 12वीं लोकसभा के सदस्य थे।

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