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वैक्सीन की कमी से नहीं हो पाएगा 18+ वालों का वैक्सीनेशन

कोरोना महामारी से देश में  तबाही मची हुई है। पिछले एक हफ्ते से साढ़े तीन लाख से ज्यादा नए कोरोना मरीज मिल रहे हैं। महामारी के तांडव के चलते स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह लड़खड़ा गई है। हालात इतने ख़राब हो गए हैं कि अस्पताल ऑक्सीजन, दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की कमी का सामना कर रहा है। अभी 18 साल से ऊपर वालों का टीकाकरण कार्यक्रम शुरू भी नहीं है, उससे पहले ही विवाद शुरू हो गया है। ऐसे में 1 मई के बाद विवाद और बढ़ने की आशंका है। यदि ऐसा हुआ तो इसका असर टीकाकरण कार्यक्रम पर भी पड़ना तय है। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच यह टकराव चिंता का विषय  है । कुछ दिन पहले सरकार ने एक मई से 18 से 45 आयुवर्ग के लोगों को  कोरोना वैक्सीन लगाने की घोषणा थी, लेकिन वैक्सीन की कमी के चलते  कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां रजिस्ट्रेशन के बावजूद भी 1 मई से 18+ वालों का वैक्सीनेशन नहीं होगा।

कुछ राज्यों ने संकेत दिया है कि वे एक मई से इस अभियान को आगे बढ़ा पाने में असमर्थ हैं। राज्यों ने टीके की मांग को लेकर केंद्र सरकार का दरवाजा खटखटाया है तो कुछ प्रदेशों का दावा है कि उनके पास कुछ दिनों का ही वैक्सीन का स्टॉक बचा है। राज्यों के इस रुख के बाद एक मई से 18 साल से ऊपर लोगों को टीक लग पाएगा या नहीं, इस पर संदेह है। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों की शिकायत है कि वे टीके की कमी का सामना कर रहे हैं। खबर है कि कई राज्यों में टीकाकरण केंद्रों को समय से पहले बंद किया गया है और कई जगहों पर वैक्सीन की कमी से लोगों को लौटाया गया है।

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने  कहा कि 18-44 साल के लोगों का वैक्सीनेशन 1 मई से शुरू होने जा रहा है, लेकिन अभी तक हमारे पास वैक्सीन नहीं पहुंची है। इसके चलते हम अभी वैक्सीनेशन शुरू नहीं कर पाएंगे। हम लगातार कंपनी के संपर्क में हैं। हमें उम्मीद है कि वैक्सीन कल या परसों तक आ जाएगी। कल या परसो पहले 3 लाख कोविशील्ड वैक्सीन आ रही हैं।

हमारे पास दो वैक्सीन हैं एक कोविशील्ड और एक कोवैक्सीन। दोनों कंपनियों को हमने 67-67 लाख डोज देने का अनुरोध किया है। हमने कहा है कि ये वैक्सीन हमें अगले 3 महीने के अंदर उपलब्ध कराएं। हमारा पूरा प्रयास है कि अगले 3 महीने के अंदर दिल्ली के सभी लोगों को टीका लगा दिया जाए। इसका सारा पैसा दिल्ली सरकार देगी और दिल्ली के लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाई जाएगी ।केजरीवाल ने कहा कि मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप कल टीकाकरण केंद्रों पर जाकर लाइनों में न लगें। जैसे ही टीके आते हैं, हम इसकी घोषणा करेंगे, उसके बाद ही अप्वॉइंटमेंट लेने वाले लोग केंद्रों पर आना शुरू कर सकते हैं। हमने अपनी तरफ से वैक्सीनेशन के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। अब बस वैक्सीन मिलने का इंतजार है।

महाराष्ट्र ने  कहा है  कि वैक्सीन की कमी के चलते फिलहाल 1 मई से 18 साल के ऊपर वालों का टीकाकरण नहीं हो पाएगा।  इसे फिलहाल के लिए टाल दिया गया है।  इससे पहले कांग्रेस शासित चार राज्यों ने टीकों की कमी होने के कारण 18 से 45 वर्ष के लोगों को टीके लगाने से मना कर दिया था। इसके बाद अब बिहार में भी वैक्सीन की कमी होने के कारण एक मई से 18 से 45 के बीच के लोगों का टीकाकरण करने से मना कर दिया है।

कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों द्वारा शासित चार राज्यों ने केंद्र पर टीका निर्माताओं से मिले टीकों के स्टॉक पर ‘कब्जा’ करने का आरोप लगाया है।  इन राज्यों ने इस बात पर संदेह जताया कि वे एक मई से 18-45 साल के लोगों के वैक्सीनेशन की शुरुआत  नहीं कर पाएंगे। अब टीके की कमी का संकट शुरू हो गया है। 18 प्लस तो छोड़िए अब 45 से ऊपर वालों के लिए दूसरे डोज के ही लाले पड़ गए हैं। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने देश में टीकाकरण के लिए 2021-22 के बजट में 35 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

इसके बाद केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच टकराव की स्थिति भी बनी  हुई  है। कई गैर भाजपा सरकारों ने केन्द्र पर टीके उपलब्ध नहीं करवाने का आरोप लगाया है, वहीं केन्द्र सरकार ने कहा कि सभी राज्यों के पास टीके उपलब्ध हैं और टीके की अगली खेप भी सभी राज्यों को भेजी जा रही है।

राजस्थान सरकार की ओर से स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि वह 1 मई से 18 साल से ऊपर वालों के लिए टीकाकरण शुरू नहीं कर पाएगी क्योंकि वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता नहीं है। सरकार के मुताबिक वह राज्य में 15 मई से ही 18 से ऊपर वालों का टीकाकरण शुरू कर पाएगी।

महाराष्ट्र सरकार ने भी वैक्सीन की कमी की  बात की है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि वैक्सीन की खुराकों की कमी के चलते एक मई से 18 से 45 साल की उम्र के लोगों का टीकाकरण अभियान शुरू नहीं हो पाएगा। हालांकि सरकार ने इस आयु वर्ग के लोगों को भी मुफ्त टीका उपलब्ध करवाने की बात कही है।

18 से 44 साल की आबादी को कितने टीके : एक अनुमान के मुताबिक 18 से 44 साल की आयु वर्ग के लोगों की संख्या करीब 59 करोड़ है। ऐसे में इस आबादी के लिए 1 अरब 20 करोड़ डोज की जरूरत होगी। हालांकि इनमें से एक बड़ा वर्ग उनका भी होगा जो हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में टीकाकरण करवा चुके हैं।

वर्तमान में वैक्सीनेशन की स्थिति : स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक 12 करोड़ 41 लाख 22 हजार 402 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है, जबकि 2 करोड़ 57 लाख 54 हजार 719 लोगों को दूसरी डोज लगी है। इनमें हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और 45 साल से ऊपर के लोग शामिल हैं।

इन राज्यों के पास नहीं वैक्सीन

छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब और झारखंड (कांग्रेस-जेएमएम गठबंधन द्वारा शासित राज्य) के स्वास्थ्य मंत्रियों ने 25 अप्रैल को संयुक्त वीडियो प्रेस कांफ्रेंस की ।उन्होंने सवाल उठाए कि जब केंद्र पहले ही ‘स्टॉक पर कब्जा’ कर चुका है और उनके पास खुराकें उपलब्ध नहीं तो वे सभी व्यस्कों को वैक्सीन कैसे लगाएंगे. उन्होंने कहा कि वे 1 मई से टीकाकरण अभियान के अगले चरण के लिए तैयार हैं, लेकिन निर्माताओं ने उन्हें टीके की खुराकें उपलब्ध कराने में अक्षमता प्रकट की है.

सीरम इंस्टिट्यूट ने वैक्सीन देने से किया इनकार!

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा, ‘सीरम इंस्टिट्यूट ने कहा है कि वह 15 मई तक वैक्सीन उपलब्ध कराने की स्थिति में नहीं है, तो हम 18 से 45 साल के लोगों को टीके कैसे लगाएंगे. हमारे पास टीके लगाने की क्षमता है लेकिन टीके नहीं हैं. राज्यों को आपूर्ति की जानी चाहिए. भारत सरकार को उन्हें उनकी आवश्यकता के अनुसार टीके प्रदान करने चाहिए.’

उन्होंने कहा कि अभियान की सफलता वैक्सीन की उपलब्धता पर निर्भर करती है. शर्मा ने कहा, ‘हमारी मांग है कि केंद्र सरकार टीकों का पूरा खर्च उठाए. हम अपने बजट में से इसका खर्च कैसे उठा सकते हैं? बजट में हमने इस बारे में कोई प्रावधान नहीं किया.’

टीका नहीं तो लगाएं कैसे: छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा, ‘यदि टीके ही उपलब्ध नहीं हैं तो टीकाकरण कैसे किया जा सकता है? हम टीके कैसे मुहैया कराएंगे? हम हमें प्रदान किए गए टीकों के साथ टीकाकरण के लिए तैयार हैं.’ उन्होंने कहा कि टीकाकरण प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर लगाकर राजनीति की जा रही है. देव ने कहा, ‘देश को गुमराह किया जा रहा है. केंद्र ने इसका मजाक बनाकर रख दिया है.’

पंजाब ने कहा हमारे साथ सौतेला व्यवहार

पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा, ‘हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. केंद्र सरकार को टीके और आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं प्रदान करनी चाहिए.’ सिद्धू ने कहा, ‘यदि केंद्र हमें सहयोग नहीं देगा तो हम टीकाकरण अभियान कैसे शुरू कर सकते हैं? हमारे पास बहुत कम टीके बचे हैं।

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