जब भी देश में चुनाव होते है नेताओं की जुबान महिला प्रत्याशियों को लेकर अक्सर फिसल जाती हैं। जुबान फिसलती है या जानबूझ कर निशाना बनाया जाता है अभी तक इस बारें में कोई नेता सामने आकर बताने नहीं आया। हालांकि पार्टी के उच्च अधिकारी इन नेताओं को बचाने के लिए दूसरे पैंतरे अपनाने लगते हैं। अगर किसी बीजेपी नेता ने किसी महिला को अपशब्द कहें हैं तो वह कांग्रेस को कोसने लगती हैं। अगर कांग्रेस के किसी नेता ने किसी महिला को बोला हैं तो वह बीजेपी को कोसने लगती हैं। हाल ही में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने बीजेपी की डबरा से प्रत्याशी इमरती देवी को आइटम बोल दिया। नेता अपने चुनावी वादों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर क्या- क्या बोलते हैं। यह सब सिर्फ चुनावी पैंतरें है असल में वह कितना महिलाओं का सम्मान करते हैं, यह उनकी फिसलती जुबान बता देती हैं।
यह पहली बार नहीं हैं जब किसी बड़े नेता ने महिला को अपशब्द कहें हो। संसद से लेकर चुनावी मंचो तक महिला को निशाना बनाया जाता हैं। और ऐसा भी नहीं है कि एक पार्टी इस तरह के अपशब्द बोलती हैं। हर पार्टी के नेता ऐसे अपशब्दों का प्रयोग करते हैं। आजम खान जैसे नेता ने तो महिला प्रत्याशी के अंर्तवस्त्र के रंग की बात कह दी थी। क्या यह हमारे नेता हैं जो इस तरह की शब्दावली का प्रयोग खुले में करते है, और हम उनकी चुनावी रैलियों में ऐसे शब्दों पर तालियों से पूरा माहौल बना देते हैं। शायद तभी इन नेताओं की इतनी हिम्मत बढ़ जाती हैं कि वो खुले में किसी महिला पर इस तरह की टिप्पणी करते हैं।
कमलनाथ मध्यप्रदेश के सीएम रह चुके हैं पूरे प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा का जिम्मा ले चुके हैं। फिर भी इस तरह की गलती करते हैं तो साफ जाहिर हैं कि जब तक हम ऐसे नेताओं को आईना नहीं दिखाएंगी। तब तक इनकी हिम्मत बढ़ती जाएंगी। शायद महिलाओं पर कमेंट करना इन नेताओं को ज्यादा अच्छा लगता हो, या इन्हीं कमेंट से वह सुनने आई जनता को ज्यादा उत्साहित करते हो। नेता अक्सर अपने बयानों में फेम्निस्ट की बातें करते हैं, पर इनकी असलियत कुछ और होती हैं। यह उनके बयानों से साफ झलकती हैं।
बतां दे मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। इसी को लेकर सभी पार्टिया चुनाव मैदान में उतरी हुई हैं। इसी को लेकर कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर शब्दबाण चला रही हैं। अपने शब्दबाणों में वह क्या बोल जाते हैं इस बात का ध्यान उन्हें कम ही रहता हैं। कमलनाथ के बयान के बाद मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नरेद्र सिंह तोमर मौन व्रत पर बैठे हुए हैं। एक तरफ बीजेपी नेता मौन व्रत पर बैठे है तो वहीं उन्हीं की पार्टी के नेता अनूपपुर से बीजेपी प्रत्याशी बिसाहूलाल ने अनूपपुर से कांग्रेस प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह कुंजाम की पत्नी को रखैल बताया है। विश्वनाथ सिंह ने चुनाव आयोग में दिए हलफनामे में पहली पत्नी का नहीं, अपनी दूसरी पत्नी राजवती का जिक्र किया है। पहली पत्नी की मौत के बाद विश्वनाथ सिंह ने राजवती से शादी की थी। फिर क्या था वहीं एक-दूसरे की गलतियों पर बयानबाजी। लगता हैं कि चुनावों में महिलाओं के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करना भारतीय राजनीति में एक नई परंपरा बनती जा रही हैं।