वैसे तो कहते है कि नाम में क्या रखा है लेकिन योगी सरकार के लिए नाम में बहुत कुछ रखा है। इसलिए उत्तर प्रदेश के जो शहर है या जो रेलवे स्टेशन है, उनके नाम बदलने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है।
योगी सरकार की केबिनेट ने आज संगम नगरी इलहाबाद का नाम जो उसका प्राचीन नाम था प्रयागराज वो वापिस करने की मंजूरी दे दी गयी है। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार अब अलीगढ़ का भी नाम बदल सकती है। अलीगढ़ जिले का नाम हरिगढ़ करने की बात कही गई है।
अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम ने इस पर कहा है कि अलीगढ़ को उसका प्राचीन नाम हरिगढ़ दिलाने की मांग नई नहीं है। इसको लेकर हम पहले भी मांग उठाते रहे हैं। वहीं शहर विधायक संजीव राजा का कहना है कि मुगलकाल में इसे शहर का नामअलीगढ़ किया गया। पुराना नाम हरिगढ़ है जो वापस मिले।
विश्व हिन्दू परिषद ने भी 2015 में अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करने की बात की थी।
इसके साथ ही जो मुज्जफरनगर से बीजेपी के जो एमएलए है उन्होंने कहा है कि वो मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को चिठ्ठी लिखने जा रहें हैं और मांग करने जा रहें हैं कि मुज्जफरनगर का जो नाम है उसे बदलकर लक्ष्मीनगर रख दिया जाये।
इसके साथ ही जो मेरठ का नाम उसे भी बदलने की मांग उठ रही है। मेरठ के जो सांसद है वो इस बात का विरोध कर रहें हैं कि मेरठ का जो प्राचीन नाम है मयराष्ट्र वो नहीं किया जाए क्योंकि इसका उच्चारण करने में दिक्क्त होती है। मेरठ नाम गलत नहीं है लेकिन नाम बदलने की मांग सामने आ रही है।
हाल ही में आगरा का नाम बदलने की भी बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि योगी सरकार आगरा का नाम बदलकर अग्रवन करने जा रही है। सरकार ने इसकी जिम्मेदारी अंबेडकर यूनिवर्सिटी को सौंपी है। सरकार ने यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग से नामों से संबंधित सुझाव भेजने को कहा गया है।
बीते साल योगी सरकार ने आजमगढ़ का नाम आर्यमगढ़ करने का प्रस्ताव तैयार करने की तैयारी भी की थी।