[gtranslate]
Country

यूजर्स का facbook से मोहभंग

फेसबुक’ इस नाम से अब पूरी दुनिया वाकिफ है, क्योंकि अब ‘सोशल मीडिया प्लेटफोर्म’ हर किसी की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन चुका है। युवाओं के लिए तो सोशल मीडिया आज की प्राथमिकता बन चुका है। कहीं न कहीं डिजिटल प्लेटफॉर्म ने हमारी जिंदगी में अघोषित कब्जा कर लिया है। इन्होंने आम आदमी की जिंदगी में गहरी जड़ें जमा ली हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में सबसे अधिक और लोकप्रिय फेसबुक है। लेकिन फेसबुक की लोकप्रियता में अब कमी नजर आने लगी है।

दरअसल, मेटा की ओर से जारी तिमाही रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक ने 2021 की चौथी तिमाही में पिछली तिमाही के आधार पर आधा मिलियन (करीब 5 लाख) ग्लोबल डेली यूजर्स को खो दिया है। फेसबुक की शुरुआत 2004 में हुई थी। 2004 के बाद उसके लिए ये पहला ऐसा मौका है जब उसके डेली एक्टिव यूजर्स में गिरावट रही है। इस दौरान मेटा के मुनाफे कमी देखने को मिल रही है। मेटा की रिपोर्ट के मुताबिक, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप के लिए यूजर ग्रोथ भी ना के बराबर हो रही है।

गौरतलब है कि वर्ष 2021 मेटा कई विवादों से घिरा हुआ भी रहा है।इस दौरान उसकी पॉलिसी को लेकर कई बड़े खुलासे हुए थे। यही वजह रही कि 18 साल में पहली बार फेसबुक के यूजर्स और इनकम दोनों में गिरावट देखने को मिली।

मेटा के तिमाही फाइनेंशियल रिजल्ट में कहा गया कि कंपनी का परफॉर्मेंस एनालिस्ट की उम्मीदों से खराब रहा। फेसबुक के डेली एक्टिव ग्लोबल यूजर्स की संख्या एक तिमाही पहले 1.930 अरब थी, जो अब 1.929 अरब रह गई है। इसके अलावा, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम जैसे दूसरे मेटा ऐप्स में भी यूजर की वृद्धि काफी कम रही।द वर्ज की रिपोर्ट के मुताबिक, मेटा को डेली एक्टिव यूजर्स में सबसे ज्यादा नुकसान नॉर्थ अमेरिका में हुआ है। यानी दुनियाभर में उसके जो 5 लाख यूजर्स घटे हैं उसमें नॉर्थ अमेरिका के यूजर्स सबसे ज्यादा शामिल हैं। यहां पर विज्ञापन के माध्यम से मेटा की सबसे अधिक कमाई होती है।

एपल, टिकटॉक, यूट्यूब को जिम्मेदार

कमाई उम्मीद से कम रहने के पीछे मार्क जुकरबर्ग ने एपल को भी जिम्मेदार बताया है। मेटा का कहना है कि एपल ने प्राइवेसी पॉलिसी में जो बदलाव किए हैं, उसके चलते फेसबुक और इंस्टाग्राम के प्लेटफॉर्म पर ऐड के लिए यूजर्स को टारगेट करना मुश्किल बना दिया है। कंपनी ने टिकटॉक और गूगल के यूट्यूब से भी नुकसान होने का हवाला दिया है।

कंपनी को करीब 200 अरब डॉलर का नुकसान

मेटा को दिसंबर तिमाही में 10.3 अरब डॉलर की कमाई हुई। इस दौरान कंपनी की बिक्री सालभर पहले के 28.1 अरब डॉलर से बढ़कर 33.67 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। हालांकि, प्रति शेयर हुई कमाई को देखें तो यह साल भर पहले के 3.88 डॉलर से कम होकर 3.67 डॉलर पर आ गई है। बुधवार को मेटा के वैल्युएशन से लगभग 200 अरब डॉलर (करीब 15 लाख करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ। घंटों के कारोबार के बाद मेटा का शेयर 22.9% गिरकर 249.05 डॉलर पर आ गया।

2021 में कई विवादों में घिरी रही मेटा

महामारी से जुड़ी गलत पोस्ट को वायरल किया कंपनी ने कोविड-19 महामारी और वैक्सीनेशन से जुड़ी कई फेक प्रोफाइल को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर प्रमोट किया। इसके चलते बीते साल इन प्रोफाइल के 3 लाख 70 हजार फॉलोअर्स बन गए।फेसबुक से जुड़ी इस रिसर्च को न्यूजगार्ड ने किया है। ये ऐसा ऑर्गनाइजेशन है जो इंटरनेट पर आने वाले फेक न्यूज, हेट स्पीच, भड़काऊ कंटेंट पर नजर रखता है। ये 20 अकाउंट, पेज और ग्रुप को ट्रैक कर रहा था। फेसबुक ने अपने अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर जिन ग्रुप को बढ़ावा दिया उनमें एक्सपेरिमेंट के नाम पर बच्चों की हत्या करने की बात की जा रही थी।

फेसबुक के ट्रेड टूल से हो रही ह्यूमन ट्रैफिकिंग

फेसबुक व्हिसलब्लोअर फ्रांसेस हौगेन ने सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन को दिए बयान में नया खुलासा करते हुए कहा कि यदि आप आज भी फेसबुक पर अरबी में ‘खादीमा’ या ‘मेड्स’ सर्च करते हैं तो अफ्रीकियों और दक्षिण एशियाई महिलाओं की उम्र और उनकी फोटोज कीमत के साथ लिस्टेड रहती हैं। इन्हें कोई भी यूजर्स अपने पसंद के हिसाब से हायर कर सकता है।

एसोसिएटेड प्रेस को फेसबुक ने बताया है कि मिडिल ईस्ट में विदेशी मजदूरों के साथ शोषण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हम इस समस्या को गंभीरता से ले रहे हैं। हम अपने प्लेटफॉर्म पर मानव तस्करी की समस्या से कई साल से जूझ रहे हैं।

भारत में ‘फेकबुक’ की शक्ल ले चुका फेसबुक

हौगेन ने एक दूसरे खुलासे में बताया है कि भारत में यह प्लेटफॉर्म ‘फेकबुक’ (फर्जी सामग्री की पुस्तक) की शक्ल लेता जा रहा है। इस समूह में ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ भी शामिल है। इसके लिए हौगेन ने इन रिपोर्टों-अध्ययनों के दस्तावेज जुटाए हैं। इनके आधार पर वे लगातार फेसबुक की कार्य-संस्कृति, अंदरूनी खामियों आदि से जुड़े खुलासे कर रही हैं। उनकी ओर से सार्वजनिक किए गए ‘फेसबुक पेपर्स’ के मुताबिक भारत में फर्जी अकाउंट्स से झूठी खबरों के जरिए चुनावों को प्रभावित किया जाता रहा है।

You may also like

MERA DDDD DDD DD