पड़ोसी देश पाकिस्तान हमेशा भारत पर हमला करने की कोशिश में रहता है और कई बार पाकिस्तान द्वारा किये गए हमलों की वजह से भारत को भारी नुक्सान का सामना करने पड़ता है जिसमें हमारे कई जवान भी अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। ऐसा ही एक हमला आज से 6 साल पहले 16 सितम्बर 2016 के दिन पाकिस्तानी आतंकवादियों ने भारतीय सैनिकों के कैंप पर हमला कर दिया जब सभी सैनिक सोये हुए थे। इस हमले में भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हुए थे।
जिसके बाद पूरा भारत बदले की आग में जल उठा। तत्कालीन प्रधानमंत्री ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा “हम उरीमें हुए कायराना हमले की कड़ी आलोचना करते हैं। मैं राष्ट्र को भरोसा देता हूं कि इस कायरतापूर्ण हमले के पीछे जो भी लोग हैं उन्हें सज़ा ज़रूर मिलेगी। हम उरीमें शहीद होने वालों को सलाम करते हैं। राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा। मेरी संवेदनाएं प्रभावित परिवारों के साथ हैं। मैंने हालात का जायज़ा लेने के लिए गृहमंत्री और रक्षामंत्री से बात की है। रक्षा मंत्री हालात पर नज़र रखने के लिए कश्मीर जा रहे हैं।” प्रधानमंत्री के आदेश पर जब गृह मंत्री कश्मीर का जायजा लेने गए तो यह बात स्पष्ट हो गई की आतंकी इस्लामी उग्रवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के थे जिन्हे पीओके के सवाई नाला कैंप में प्रशिक्षण दिया गया था और इस हमले की प्लानिंग हाफिज सईद और सलाउद्दीन द्वारा की गई थी। आतंकियों ने 2 गुट बनाये और भारतीय सेना पर हमला कर दिया।
दूसरी और भारतीय सेना अब चुप बैठने वाली नहीं थी और जिस तरह से सेना ने पाकिस्तानियों से अपना बदला लिया था उसे सोच कर शायद पाकिस्तान का आतंकी समूह आज भी काँप उठता होगा। पाकिस्तानियों द्वारा किये गए हमले के कुछ हफ़्तों तक सेना शांत रही और पाकिस्तानियों को पता लगे बिना बदले की तैयारी करती रही। सेना ने आतंकियों के ठिकाने का पता लगाया और तय किया गया की हमला कब और कहाँ करना है। 29 सितम्बर 2016 की रात भारतीय सेना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में दाखिल हुई और और पाकिस्तानियों के 7 आतंकी ट्रेनिंग कैम्पों पर यह सर्जिकल हमला कर दिया जिसमें कम से कम 38 आतंकवादियों और 2 पाक सैनिकों को मार गिराया। पाकिस्तानी सेना को इस हमले की बिल्कुल भी भनक नहीं थी और जब तक उन्हें इस हमले की जानकारी मिली और उन्होंने सुरक्षा के लिए फाइटर जेट्स को सीमा पर भेजा तब तक भारतीय सेना अपना काम में सफलता हासिल प्राप्त करके वापस आ चुकी थी।